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C.1.2 वेरिएंट के लिए भारत में चिंता की बात नहीं, कोरोना गाइडलाइंस का पालन जरूरी: डॉ. भोंडावे

C.1.2 वेरिएंट के लिए भारत में चिंता की कोई बात नहीं, लेकिन कोरोना गाइडलाइंस का पालन करने की जरूरत - डॉ. भोंडावे

C.1.2 वेरिएंट
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Published : Sep 2, 2021, 1:49 PM IST

पुणे: देश और दुनिया में अभी कोरोना के डेल्टा वेरिएंट से खतरा बना हुआ है. इस बीच C.1.2 वेरिएंट की दस्तक से दहशत का माहौल है. हालांकि, भारत में C.1.2 वेरिएंट का फिलहाल कोई केस सामने नहीं आया है. इस मामले पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अविनाश भोंडावे ने बयान जारी किया है.

डॉ. अविनाश भोंडावे ने कहा कि C.1.2 का एक नया वेरियंट दक्षिण अफ्रीका में आ गया है. उन्होंने कहा कि यह वायरस चीन, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड में भी पाया गया है. हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अभी इस वायरस को रुचि का एक प्रकार घोषित किया है. भोंडावे ने कहा कि इस वैरियंट को कैंसर का एक प्रकार घोषित नहीं किया गया है इसलिए यह वायरस व्यापक नहीं है.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अविनाश भोंडावे ने कहा कि कोरोना के भी कई रूप पाए जाते हैं. हालांकि, यह संस्करण चिंता का कारण नहीं है. जिसकी वैक्सीन आज दुनिया में उपलब्ध है. वे सभी टीके आपको किसी भी प्रकार से 60% सुरक्षा प्रदान करते हैं. भोंडावे ने कहा कि हालांकि, अगर यह पाया जाता है कि आप वायरस से अधिक से अधिक संक्रमित हो रहे हैं, तो शायद अगली पीढ़ी के टीकों की खोज करनी होगी.

C.1.2 वेरिएंट पर डॉ. भोंडावे ने कहा कि कोरोना के दिशा-निर्देशों का पालन करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि आम आदमी की नजर से चाहे कोई भी म्यूटेंट क्यों न हो, आपको मास्क पहनना होगा. इसके साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करना होगा, हाथ धोना होगा और अगर कोई लक्षण दिखे तो उसकी जांच कराएं और तुरंत इलाज शुरू करें. उन्होने कहा कि इसलिए भारतीयों को समय रहते सतर्क हो जाना चाहिए. हम अब कहीं न कहीं कोरोना की दूसरी लहर से उबर रहे हैं. भोंडावे ने कहा कि अगर इस प्रकार के वायरस की तीसरी लहर है और हम सावधान नहीं हैं, तो हमें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अविनाश भोंडावे ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्यूनिकेबल डिजीज (एनआईसीडी) और क्वाज़ुलु-नेटाल रिसर्च इनोवेशन एंड सीक्वेंसिंग प्लेटफॉर्म के शोधकर्ताओं ने इस साल मई में C.1.2 के पहले संभावित संस्करण की खोज की. कोरोना के नए वेरिएंट C.1.2 ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की चिंता बढ़ा दी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की तकनीकी प्रमुख डॉ मारिया वॉन ने ट्वीट किया कि कोरोना के C.1.2 वैरियंट पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है.

टीका लगवा चुके नागरिक भी C.1.2 से हो सकते हैं संक्रमित

महाराष्ट्र कोरोना टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. संजय ओक ने भी कहा कि जिन नागरिकों को कोरोना का टीका लगाया गया है, वे भी नए C.1.2 वैरियंट से संक्रमित हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि हम अभी तक ठीक से नहीं जानते हैं कि यह वायरस कितना खतरनाक है और यह कितना फैल सकता है, लेकिन टीका लगाए गए नागरिक भी वैरिएंट से संक्रमित हो सकते हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के तकनीकी प्रमुख डॉ मारिया वॉन ने ट्वीट करते हुए लिखा कि यह वैरिएंट सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था. इसके बाद यह पूरी दुनिया में फैल गया. C.1.2 डेल्टा संस्करण की तुलना में तेजी से फैल रहा है इसलिए, इस पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है.

पुणे: देश और दुनिया में अभी कोरोना के डेल्टा वेरिएंट से खतरा बना हुआ है. इस बीच C.1.2 वेरिएंट की दस्तक से दहशत का माहौल है. हालांकि, भारत में C.1.2 वेरिएंट का फिलहाल कोई केस सामने नहीं आया है. इस मामले पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अविनाश भोंडावे ने बयान जारी किया है.

डॉ. अविनाश भोंडावे ने कहा कि C.1.2 का एक नया वेरियंट दक्षिण अफ्रीका में आ गया है. उन्होंने कहा कि यह वायरस चीन, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड में भी पाया गया है. हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अभी इस वायरस को रुचि का एक प्रकार घोषित किया है. भोंडावे ने कहा कि इस वैरियंट को कैंसर का एक प्रकार घोषित नहीं किया गया है इसलिए यह वायरस व्यापक नहीं है.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अविनाश भोंडावे ने कहा कि कोरोना के भी कई रूप पाए जाते हैं. हालांकि, यह संस्करण चिंता का कारण नहीं है. जिसकी वैक्सीन आज दुनिया में उपलब्ध है. वे सभी टीके आपको किसी भी प्रकार से 60% सुरक्षा प्रदान करते हैं. भोंडावे ने कहा कि हालांकि, अगर यह पाया जाता है कि आप वायरस से अधिक से अधिक संक्रमित हो रहे हैं, तो शायद अगली पीढ़ी के टीकों की खोज करनी होगी.

C.1.2 वेरिएंट पर डॉ. भोंडावे ने कहा कि कोरोना के दिशा-निर्देशों का पालन करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि आम आदमी की नजर से चाहे कोई भी म्यूटेंट क्यों न हो, आपको मास्क पहनना होगा. इसके साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करना होगा, हाथ धोना होगा और अगर कोई लक्षण दिखे तो उसकी जांच कराएं और तुरंत इलाज शुरू करें. उन्होने कहा कि इसलिए भारतीयों को समय रहते सतर्क हो जाना चाहिए. हम अब कहीं न कहीं कोरोना की दूसरी लहर से उबर रहे हैं. भोंडावे ने कहा कि अगर इस प्रकार के वायरस की तीसरी लहर है और हम सावधान नहीं हैं, तो हमें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अविनाश भोंडावे ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्यूनिकेबल डिजीज (एनआईसीडी) और क्वाज़ुलु-नेटाल रिसर्च इनोवेशन एंड सीक्वेंसिंग प्लेटफॉर्म के शोधकर्ताओं ने इस साल मई में C.1.2 के पहले संभावित संस्करण की खोज की. कोरोना के नए वेरिएंट C.1.2 ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की चिंता बढ़ा दी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की तकनीकी प्रमुख डॉ मारिया वॉन ने ट्वीट किया कि कोरोना के C.1.2 वैरियंट पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है.

टीका लगवा चुके नागरिक भी C.1.2 से हो सकते हैं संक्रमित

महाराष्ट्र कोरोना टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. संजय ओक ने भी कहा कि जिन नागरिकों को कोरोना का टीका लगाया गया है, वे भी नए C.1.2 वैरियंट से संक्रमित हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि हम अभी तक ठीक से नहीं जानते हैं कि यह वायरस कितना खतरनाक है और यह कितना फैल सकता है, लेकिन टीका लगाए गए नागरिक भी वैरिएंट से संक्रमित हो सकते हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के तकनीकी प्रमुख डॉ मारिया वॉन ने ट्वीट करते हुए लिखा कि यह वैरिएंट सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था. इसके बाद यह पूरी दुनिया में फैल गया. C.1.2 डेल्टा संस्करण की तुलना में तेजी से फैल रहा है इसलिए, इस पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है.

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