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चुनाव बाद हिंसा मामला : कलकत्ता हाई कोर्ट आज सुनायेगा फैसला

कलकत्ता हाई कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की कथित हिंसा की निष्पक्ष जांच की मांग वाली जनहित याचिकाओं पर आज फैसला सुनाएगी. बता दें कि जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में ममता बनर्जी सरकार को दोषी ठहराया था.

चुनाव बाद हिंसा मामला
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Published : Aug 19, 2021, 4:31 AM IST

कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की कथित हिंसा की निष्पक्ष जांच की मांग वाली कई जनहित याचिकाओं पर आज फैसला सुनाएगा. उच्च न्यायालय द्वारा बुधवार को जारी 'सूची' के अनुसार, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ मामले पर फैसला सुनाएगी.

पीठ ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) अध्यक्ष को 'चुनाव के बाद की हिंसा' के दौरान मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों की जांच के लिए एक जांच समिति गठित करने का आदेश दिया था.

पैनल ने अपनी रिपोर्ट में ममता बनर्जी सरकार को दोषी ठहराया था और उसने बलात्कार और हत्या जैसे गंभीर अपराधों की जांच सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की थी. उसने कहा था कि मामलों की सुनवाई राज्य के बाहर की जानी चाहिए.

एनएचआरसी समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि अन्य मामलों की जांच अदालत की निगरानी वाली विशेष जांच टीम (एसआईटी) द्वारा की जानी चाहिए और न्यायिक निर्णय के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट, विशेष लोक अभियोजक और गवाह सुरक्षा योजना होनी चाहिए.

यह भी पढ़ें- बंगाल में चुनाव बाद हिंसा पर केंद्र को सौंपी गई रिपोर्ट, कमेटी ने कहा- घटनाएं पूर्व नियोजित

बता दें, दो मई को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद राज्य में कई जगहों पर हिंसा हुई थी. भाजपा ने आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस समर्थित 'गुंडों' ने उसके कार्यकर्ताओं की हत्या की, महिला सदस्यों पर हमले किए, उनके घरों में तोड़फोड़ की, दुकानों को लूटा और कार्यालयों को आग के हवाले कर दिया.

पीटीआई-भाषा)

कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की कथित हिंसा की निष्पक्ष जांच की मांग वाली कई जनहित याचिकाओं पर आज फैसला सुनाएगा. उच्च न्यायालय द्वारा बुधवार को जारी 'सूची' के अनुसार, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ मामले पर फैसला सुनाएगी.

पीठ ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) अध्यक्ष को 'चुनाव के बाद की हिंसा' के दौरान मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों की जांच के लिए एक जांच समिति गठित करने का आदेश दिया था.

पैनल ने अपनी रिपोर्ट में ममता बनर्जी सरकार को दोषी ठहराया था और उसने बलात्कार और हत्या जैसे गंभीर अपराधों की जांच सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की थी. उसने कहा था कि मामलों की सुनवाई राज्य के बाहर की जानी चाहिए.

एनएचआरसी समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि अन्य मामलों की जांच अदालत की निगरानी वाली विशेष जांच टीम (एसआईटी) द्वारा की जानी चाहिए और न्यायिक निर्णय के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट, विशेष लोक अभियोजक और गवाह सुरक्षा योजना होनी चाहिए.

यह भी पढ़ें- बंगाल में चुनाव बाद हिंसा पर केंद्र को सौंपी गई रिपोर्ट, कमेटी ने कहा- घटनाएं पूर्व नियोजित

बता दें, दो मई को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद राज्य में कई जगहों पर हिंसा हुई थी. भाजपा ने आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस समर्थित 'गुंडों' ने उसके कार्यकर्ताओं की हत्या की, महिला सदस्यों पर हमले किए, उनके घरों में तोड़फोड़ की, दुकानों को लूटा और कार्यालयों को आग के हवाले कर दिया.

पीटीआई-भाषा)

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