मथुरा : आमतौर पर ज्यादा बाराती (baraati) आने या मांग न पूरी होने पर बारात लौटने की बात तो आपने बहुत सुनी होगी, लेकिन मथुरा में एक अलग ही मामला सामने आया है. यहां दुल्हन ने शादी करने से इसलिए इनकार कर दिया कि बारात में कम लोग आए थे. जबकि दुल्हन की इच्छा बारातियों की भीड़ देखने की थी.
परिवार से लेकर समाज के लोगों तक ने दुल्हन को समझाने की हर संभव कोशिश की, लेकिन दुल्हन को शादी तोड़ना मंजूर था पर ख्वाहिशें दबाने को तैयार नहीं हुई. वहीं दूल्हा भी कम न था. उसने उसी गांव में दूसरी दुल्हन ढूंढकर शादी कर ली, जिसमें समाज ने भी सहमति जताई.
बिचपुरी के रहने वाले मदनलाल की पुत्री के साथ सूरजपाल की शादी दो माह पूर्व तय कर दी गई थी. शादी समारोह में बाराती के तौर पर डेढ़ सौ लोगों को लाने की बात कही गई थी, लेकिन कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सूरजपाल 10 से 15 लोगों की बारात लेकर पहुंचा था.
बुजुर्गों के समझाने पर भी नहीं बनी बात
शादी की रस्में शुरू ही होने वाली थीं कि बारातियों की संख्या कम देखकर लड़की पक्ष ने शादी करने से इनकार कर दिया. इसके बाद गांव के बुजुर्ग एकत्रित होकर मदनलाल और लड़की को समझाने लगे, लेकिन बात नहीं बनी. तब गांव के बुजुर्गों ने गांव की दूसरी लड़की के साथ 21 जुलाई को लड़के की शादी संपन्न कराई. यह मामला पूरे गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है.
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कुमारपाल प्रधान सोगरवार ने बताया कि तेहरा गांव में 20 जुलाई को माट निवासी सूरजपाल के बेटे की शादी गांव के मदनलाल की पुत्री के साथ होनी थी, लेकिन बारातियों की संख्या कम होने के कारण दुल्हन ने शादी करने से इनकार कर दिया. अगले दिन 21 जुलाई को गांव के बुजुर्गों की सहमति होने के बाद दूसरी लड़की के साथ सूरजपाल के बेटे का विवाह संपन्न कराया गया.