पटनाः बिहार के बाहुबली मोकामा विधायक अनंत सिंह को एके-47 मामले में कोर्ट (Court Convicts Mokama MLA Anant Singh) ने दोषी करार दिया है. मंगलवार को एमपी एमएलए कोर्ट (Court Decision On AK47 Case) के स्पेशल जज त्रिलोकी दुबे ने अपना अहम फैसला सुनाते हुए आरजेडी विधायक को दोषी ठहराया. इस मामले में 21 जून 2022 को सजा सुनाई जाएगी. अभी यह फैसला नहीं हुआ है कि उन्हें कितने दिन की सजा होगी. 16 अगस्त 2019 को पटना पुलिस की टीम ने विधायक के लदमा गांव स्थित घर पर छापेमारी कर एक AK-47, 2 हैंड ग्रेनेड, 26 राउंड गोली और एक मैगजीन बरामद की थी. जिसमें वो पिछले 34 महीने से पटना के बेऊर जेल में बंद हैं.
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21 जून को होगा सजा का ऐलान: ये मामला बाढ़ के लदमा गांव में स्थित उनके पुश्तैनी घर से हथियार और गोली मिलने का है. गिरफ्तारी के समय वो मोकामा से निर्दलीय विधायक थे. मामले को बिहार सरकार ने विशेष कांड की श्रेणी में रखा है. आरोपी के खिलाफ ट्रायल के लिए विशेष लोक अभियोजक को नियुक्त किया गया. इस मामले का स्पीडी ट्रायल भी चलाया गया.
"इस मामले में 21 जून को पटना सिविल कोर्ट में सजा के बिंदु को सुनाया जाएगा. फिलहाल जज ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. गांव में तो कहा जाता है कि ये पॉलिटिकल मोटिवेटड मामला है. जब से विधायक ने पार्टी छोड़ा तब से उन पर लगातार इस तरह के मामले में आरेप लगते रहे हैं. अब देखा जाएगा कि 21 तारीख को क्या फैसला आता है, उसके बाद पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर करेंगे"- सुनील कुमार, अनंत सिंह के वकील
तत्कालीन बाढ़ एएसपी लिपि सिंह ने की थी कार्रवाईः बाहुबली विधायक पर ये कार्रवाई बाढ़ की एएसपी रही लिपि सिंह ने की थी. विधायक अनंत कुमार सिंह एवं केयरटेकर सुनील राम के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी. एमपी एमएलए कोर्ट ने इस मामले में विधायक अनंत सिंह और केयरटेकर के खिलाफ 15 अक्टूबर 2020 में आरोप गठित किया था. इसके बाद नियुक्त विशेष लोक अभियोजक ने 13 पुलिस गवाहों को कोर्ट में पेश किया. वहीं, अनंत सिंह की ओर से बचाव पक्ष ने 33 गवाह पेश किए. 13 जून 2022 को सुनवाई पूरी हुई थी.
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दिल्ली के साकेत कोर्ट में किया था सरेंडरः आपको बता दें कि बतौर एएसपी लिपि सिंह ने उस वक्त दावा किया था कि बाढ़ में अनंत सिंह के घर से बड़े पैमाने पर हथियार की तस्करी करने की सूचना मिली है. इसके बाद इसकी जानकारी पटना की एसएसपी गरिमा मलिक को दी. फिर तात्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को भी पूरे मामले से अवगत कराया गया था. इसके बाद पूरे ऑपरेशन को फुलप्रूफ तरीके से अंजाम दिया गया था. जिसके बाद अनंत सिंह ने दिल्ली के साकेत कोर्ट में सरेंडर कर दिया था और उसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर पटना लाया गया था.
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