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विवादों में घिरे बिहार के मंत्री कार्तिकेय कुमार का इस्तीफा, CM नीतीश ने किया मंजूर

लगातार विवादों में चल रहे बिहार सरकार के मंत्री कार्तिकेय कुमार उर्फ कार्तिक सिंह ने बुधवार देर शाम अंततः मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है. बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद बतौर कानून मंत्री उनकी फजीहत के बाद अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार सुबह कार्तिकेय सिंह से विधि विभाग वापस लेकर उन्हें गन्ना उद्योग विभाग की जिम्मेदारी दी थी. वहीं विभाग बदले जाने के बाद कार्तिकेय सिंह ने मंत्री पद से त्याग पत्र दे दिया. पढ़ें पूरी खबर..

मंत्री कार्तिकेय कुमार का इस्तीफा
मंत्री कार्तिकेय कुमार का इस्तीफा
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Published : Aug 31, 2022, 10:55 PM IST

Updated : Aug 31, 2022, 11:02 PM IST

पटना: महागठबंधन की सरकार में मंत्री बनने के बाद से लगातार विवादों में चल रहे बिहार सरकार के मंत्री कार्तिकेय कुमार उर्फ कार्तिक सिंह ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे (Minister Kartikeya Kumar resigned ) दिया है. उन्हें बुधवार ही कानून मंत्रालय से हटाकर गन्ना उद्योग विभाग का मंत्री बनाया गया था लेकिन शाम होते-होते उन्होंने पद छोड़ने का ऐलान कर दिया. माना जा रहा है कि वे विभाग बदले जाने से नाराज चल रहे हैं.

पढ़ें-कानून मंत्री कार्तिक कुमार के खिलाफ वारंट, CM ने कहा... हमको कोई जानकारी नहीं

कार्तिक कुमार ने मुख्यमंत्री को सौंपा इस्तीफाः गन्ना उद्योग मंत्री कार्तिक कुमार ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंपा. मुख्यमंत्री ने उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए राज्यपाल फागू चौहान को अपनी अनुशंसा भेज दी. कार्तिक कुमार अब राज्य मंत्री परिषद के सदस्य नहीं रहे. कार्तिक कुमार के त्यागपत्र के साथ ही गन्ना उद्योग विभाग का अतिरिक्त प्रभार राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता को दिया गया है.

कार्तिकेय सिंह पर लगे थे आरोप : गौरतलब है कि नीतीश मंत्रिमंडल में जगह मिलते ही कार्तिकेय कुमार विवादों में घिर गए थे. उनके ऊपर आरोप लगा था कि उनके खिलाफ कोर्ट से अपहरण के मामले में वारंट जारी किया जा चुका है. बता दें, 2014 में राजीव रंजन को अगवा कर लिया गया था, इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए कार्तिकेय सिंह के खिलाफ वारंट जारी किया. इस मामले में कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है. इसको लेकर विपक्ष लगातार नीतीश कुमार पर हमला बोल रहा था कि जिनके खिलाफ खुद गिरफ्तारी का वारंट जारी किया जा चूका हो, उसे विधि विभाग का मंत्री कैसे बनाया जा सकता है.

कार्तिकेय सिंह का बदला विभाग : बता दें कि बिहार में महगठबंधन की सरकार (Mahagathbandhan Government In Bihar) बनने के बाद ही कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार विवादों में घिर गए थे. विपक्ष लगातार हमला कर रहा था. इसी बीच नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. कार्तिकेय कुमार कानून मंत्री (Minister kartikeya Kumar) पद से हटा दिया है. कार्तिकेय कुमार को अब गन्ना उद्योग विभाग दिया गया है. वहीं शमीम अहमद को विधि मंत्री बनाया गया है.

कार्तिकेय सिंह को लेकर बिहार सरकार निशाने पर : विपक्ष की ओर से नीतीश कुमार पर जीरो टॉलरेंस को लेकर सवाल उठाया जाने लगा. वहीं सहयोगी वामपंथी दलों ने विधि विभाग वापस लेने की मांग की थी. दबाव के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री ने मंत्री पद से कार्तिकेय सिंह को हटाया तो नहीं है लेकिन विधि विभाग वापस ले लिया है. उसके स्थान पर उन्हें गन्ना उद्योग विभाग की जिम्मेदारी दी है. तेजस्वी यादव ने पहले ही कहा था कि कार्तिकेय सिंह को मंत्री पद से नहीं हटाया जाएगा. 1 महीने के अंदर हुए इस फेरबदल को लेकर विपक्ष को हमला करने का नीतीश सरकार ने फिर से मौका दे दिया है.

पढ़ें-शमीम अहमद ने संभाला कानून मंत्री का पदभार, कहा, काम करने वालों के लिए कुछ भी चुनौती नहीं

पटना: महागठबंधन की सरकार में मंत्री बनने के बाद से लगातार विवादों में चल रहे बिहार सरकार के मंत्री कार्तिकेय कुमार उर्फ कार्तिक सिंह ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे (Minister Kartikeya Kumar resigned ) दिया है. उन्हें बुधवार ही कानून मंत्रालय से हटाकर गन्ना उद्योग विभाग का मंत्री बनाया गया था लेकिन शाम होते-होते उन्होंने पद छोड़ने का ऐलान कर दिया. माना जा रहा है कि वे विभाग बदले जाने से नाराज चल रहे हैं.

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कार्तिक कुमार ने मुख्यमंत्री को सौंपा इस्तीफाः गन्ना उद्योग मंत्री कार्तिक कुमार ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंपा. मुख्यमंत्री ने उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए राज्यपाल फागू चौहान को अपनी अनुशंसा भेज दी. कार्तिक कुमार अब राज्य मंत्री परिषद के सदस्य नहीं रहे. कार्तिक कुमार के त्यागपत्र के साथ ही गन्ना उद्योग विभाग का अतिरिक्त प्रभार राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता को दिया गया है.

कार्तिकेय सिंह पर लगे थे आरोप : गौरतलब है कि नीतीश मंत्रिमंडल में जगह मिलते ही कार्तिकेय कुमार विवादों में घिर गए थे. उनके ऊपर आरोप लगा था कि उनके खिलाफ कोर्ट से अपहरण के मामले में वारंट जारी किया जा चुका है. बता दें, 2014 में राजीव रंजन को अगवा कर लिया गया था, इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए कार्तिकेय सिंह के खिलाफ वारंट जारी किया. इस मामले में कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है. इसको लेकर विपक्ष लगातार नीतीश कुमार पर हमला बोल रहा था कि जिनके खिलाफ खुद गिरफ्तारी का वारंट जारी किया जा चूका हो, उसे विधि विभाग का मंत्री कैसे बनाया जा सकता है.

कार्तिकेय सिंह का बदला विभाग : बता दें कि बिहार में महगठबंधन की सरकार (Mahagathbandhan Government In Bihar) बनने के बाद ही कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार विवादों में घिर गए थे. विपक्ष लगातार हमला कर रहा था. इसी बीच नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. कार्तिकेय कुमार कानून मंत्री (Minister kartikeya Kumar) पद से हटा दिया है. कार्तिकेय कुमार को अब गन्ना उद्योग विभाग दिया गया है. वहीं शमीम अहमद को विधि मंत्री बनाया गया है.

कार्तिकेय सिंह को लेकर बिहार सरकार निशाने पर : विपक्ष की ओर से नीतीश कुमार पर जीरो टॉलरेंस को लेकर सवाल उठाया जाने लगा. वहीं सहयोगी वामपंथी दलों ने विधि विभाग वापस लेने की मांग की थी. दबाव के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री ने मंत्री पद से कार्तिकेय सिंह को हटाया तो नहीं है लेकिन विधि विभाग वापस ले लिया है. उसके स्थान पर उन्हें गन्ना उद्योग विभाग की जिम्मेदारी दी है. तेजस्वी यादव ने पहले ही कहा था कि कार्तिकेय सिंह को मंत्री पद से नहीं हटाया जाएगा. 1 महीने के अंदर हुए इस फेरबदल को लेकर विपक्ष को हमला करने का नीतीश सरकार ने फिर से मौका दे दिया है.

पढ़ें-शमीम अहमद ने संभाला कानून मंत्री का पदभार, कहा, काम करने वालों के लिए कुछ भी चुनौती नहीं

Last Updated : Aug 31, 2022, 11:02 PM IST
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