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बिहार में छात्र बनेंगे रामायण के पंडित, वैशाली जिले में खुलेगी Ramayan University

बिहार में जल्द ही रामायण विश्वविद्यालय ( Bihar First Ramayan University) का निर्माण किया जाएगा. भारत की विरासत और संस्कृति के बारे में अब छात्रों को यूनिवर्सिटी में पढ़ाया जाएगा. इसके लिए वैशाली में 12 एकड़ जमीन भी चिन्हित कर ली गई है. पढ़ें पूरी खबर..

Ramayana University will open in Bihars Vaishali
बिहार के वैशाली में खुलेगी रामायण यूनिवर्सिटी
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Published : Mar 17, 2022, 5:13 PM IST

पटना: भारतीय विरासत और संस्कृति के प्रति लोगों को जागरूक करने को लेकर महावीर मंदिर (Mahavir Mandir Patna) की ओर से रामायण विश्वविद्यालय (First Ramayana University In Vaishali) में संस्कृत व व्याकरण समेत अन्य विषयों की पढ़ाई होगी. वैशाली जिले के इस्माइलपुर में लगभग 12 एकड़ जमीन रामायण विश्वविद्यालय के लिए चिन्हित की गई है. यहां विश्वविद्यालय का मुख्य भवन, शैक्षणिक भवन समेत सभी आधारभूत सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा. महावीर मंदिर न्यास समिति (Mahavir Mandir Trust Committee Patna) ने बिहार निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2013 के अंतर्गत विश्वविद्यालय खोलने का प्रस्ताव शिक्षा विभाग को दे दिया है. ट्रस्ट ने मंगलवार को शिक्षा विभाग को 10.50 लाख रुपये के अपेक्षित डिमांड ड्राफ्ट के साथ एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया.

पहला रामायण विश्वविद्यालय: ट्रस्ट के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि विश्वविद्यालय इस्माइलपुर में ट्रस्ट के स्वामित्व वाली 12 एकड़ भूमि के क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि स्थापना और सुविधाओं का पूरा खर्च मंदिर ट्रस्ट की ओर से वहन किया जाएगा. विश्वविद्यालय में वाल्मीकि रचित रामायण और तुलसीदास रचित रामचरित मानस जैसे भगवान राम के जीवन और कार्यों पर आधारित विभिन्न अन्य क्लासिक कार्यों पर शोध की सुविधा भी होगी.

बनेंगे रामायण पंडित: प्रस्तावित रामायण विवि में संस्कृत व व्याकरण की पढ़ाई विशेष रूप से होगी. महर्षि पाणिनी रचित अष्टाध्यायी, पतंजलि रचित महाभाष्य और काशिका ये तीनों ग्रंथ संस्कृत व्याकरण की पढ़ाई के मुख्य आधार होंगे. रामायण विवि में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री दी जाएगी. डिग्री कोर्स में स्नातक स्तर पर शास्त्री, स्नातकोत्तर के लिए आचार्य, पीएचडी के तौर पर विद्या-वारिधि और डी-लिट की उपाधि के तौर पर विद्या-वाचस्पति उपाधियां दी जाएंगी. रामायण शिरोमणि नाम से एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स होगा. जबकि छह माह का सर्टिफिकेट कोर्स करने वाले रामायण पंडित कहे जाएंगे. वहीं विवि में समृद्ध पुस्तकालय के साथ रामायण, गीता, महाभारत, वेद, पुराण आदि पर शोध कार्य होंगे. आर्थिक स्वावलंबन को ध्यान में रखते हुए पांच प्रमुख विषयों में ज्योतिष, कर्मकांड, आयुर्वेद, योग और प्रवचन आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें - पीएम मोदी ने राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय परिसर का किया उद्घाटन, बोले- यह है राष्ट्र का गहना

कई भाषाओं में होगी रामायण की पढ़ाई: जानकारी के अनुसार इस विश्वविद्यालय में 2024 से पढ़ाई शुरू कर दिए जाने की संभावना है. यह महावीर मंदिर द्वारा स्थापित एकमात्र विश्वविद्यालय होगा जहां वाल्मीकि रामायण को केंद्र में रखकर गोस्वामी तुलसीदास कृत रामचरितमानस और भारतीय भाषाओं के अलावा दक्षिण पूर्व एशिया में बोली जाने वाली सभी तरह की भाषाओं में रामायण पर अध्ययन करने के अलावा शोध कार्य किया जा सकेगा.

पटना: भारतीय विरासत और संस्कृति के प्रति लोगों को जागरूक करने को लेकर महावीर मंदिर (Mahavir Mandir Patna) की ओर से रामायण विश्वविद्यालय (First Ramayana University In Vaishali) में संस्कृत व व्याकरण समेत अन्य विषयों की पढ़ाई होगी. वैशाली जिले के इस्माइलपुर में लगभग 12 एकड़ जमीन रामायण विश्वविद्यालय के लिए चिन्हित की गई है. यहां विश्वविद्यालय का मुख्य भवन, शैक्षणिक भवन समेत सभी आधारभूत सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा. महावीर मंदिर न्यास समिति (Mahavir Mandir Trust Committee Patna) ने बिहार निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2013 के अंतर्गत विश्वविद्यालय खोलने का प्रस्ताव शिक्षा विभाग को दे दिया है. ट्रस्ट ने मंगलवार को शिक्षा विभाग को 10.50 लाख रुपये के अपेक्षित डिमांड ड्राफ्ट के साथ एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया.

पहला रामायण विश्वविद्यालय: ट्रस्ट के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि विश्वविद्यालय इस्माइलपुर में ट्रस्ट के स्वामित्व वाली 12 एकड़ भूमि के क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि स्थापना और सुविधाओं का पूरा खर्च मंदिर ट्रस्ट की ओर से वहन किया जाएगा. विश्वविद्यालय में वाल्मीकि रचित रामायण और तुलसीदास रचित रामचरित मानस जैसे भगवान राम के जीवन और कार्यों पर आधारित विभिन्न अन्य क्लासिक कार्यों पर शोध की सुविधा भी होगी.

बनेंगे रामायण पंडित: प्रस्तावित रामायण विवि में संस्कृत व व्याकरण की पढ़ाई विशेष रूप से होगी. महर्षि पाणिनी रचित अष्टाध्यायी, पतंजलि रचित महाभाष्य और काशिका ये तीनों ग्रंथ संस्कृत व्याकरण की पढ़ाई के मुख्य आधार होंगे. रामायण विवि में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री दी जाएगी. डिग्री कोर्स में स्नातक स्तर पर शास्त्री, स्नातकोत्तर के लिए आचार्य, पीएचडी के तौर पर विद्या-वारिधि और डी-लिट की उपाधि के तौर पर विद्या-वाचस्पति उपाधियां दी जाएंगी. रामायण शिरोमणि नाम से एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स होगा. जबकि छह माह का सर्टिफिकेट कोर्स करने वाले रामायण पंडित कहे जाएंगे. वहीं विवि में समृद्ध पुस्तकालय के साथ रामायण, गीता, महाभारत, वेद, पुराण आदि पर शोध कार्य होंगे. आर्थिक स्वावलंबन को ध्यान में रखते हुए पांच प्रमुख विषयों में ज्योतिष, कर्मकांड, आयुर्वेद, योग और प्रवचन आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा.

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कई भाषाओं में होगी रामायण की पढ़ाई: जानकारी के अनुसार इस विश्वविद्यालय में 2024 से पढ़ाई शुरू कर दिए जाने की संभावना है. यह महावीर मंदिर द्वारा स्थापित एकमात्र विश्वविद्यालय होगा जहां वाल्मीकि रामायण को केंद्र में रखकर गोस्वामी तुलसीदास कृत रामचरितमानस और भारतीय भाषाओं के अलावा दक्षिण पूर्व एशिया में बोली जाने वाली सभी तरह की भाषाओं में रामायण पर अध्ययन करने के अलावा शोध कार्य किया जा सकेगा.

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