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श्रीनगर की प्रमुख मस्जिद ने सामूहिक नमाज की स्थगित, घर पर नमाज पढ़ने की अपील

कोरोना वायरस ने एक तरफ जहां लोगों में दहशत पैदा कर दी है तो वहीं दूसरी तरफ वह हमारे सामाजिक रीति रिवाज और धार्मिक क्रिया कलाप को भी गहरे रूप से प्रभावित कर रहा है. देश में कई बड़े-बड़े मंदिर बंद कर दिए गए हैं तो वहीं देश की मशहूर मस्जिदों में जमात के साथ नमाज पढ़ने को मना किया जा रहा है.

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औकफ जामिया मस्जिद
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Published : Mar 25, 2020, 12:11 AM IST

श्रीनगर : कोरोना वायरस महामारी के चलते अंजुमन औकफ जामिया मस्जिद ने मंगलवार को लोगों से आग्रह किया कि वे मस्जिदों में समूह में नमाज पढ़ने न जाएं.

अंजुमन के एक प्रवक्ता ने वक्तव्य जारी कर कहा, 'जैसा कि इस्लामी इतिहास में उल्लिखित है, इस्लामी शिक्षा के आलोक में अंजुमन औकफ जामा मस्जिद लोगों से अपील करती है कि वे घर में नमाज पढ़ें क्योंकि कोरोना वायरस फैल रहा है. अंजुमन ने पहले ही श्रीनगर की जामा मस्जिद में कुछ समय के लिए सामूहिक नमाज स्थगित कर दी है.'

प्रवक्ता ने कहा कि दुनिया कोविड-19 बीमारी से लड़ रही है और दुनियाभर में मुस्लिम समुदाय के लोग इस पर विचार कर रहे हैं कि कोरोना वायरस फैलने के खतरे को कम करते हुए किस प्रकार अपनी मजहबी गतिविधियां जारी रखी जाएं.

यह भी पढ़े-पिता के बाद उमर अब्दुल्ला भी रिहा, आठ माह से थे नजरबंद

उन्होंने कहा, 'संक्रमण जिस तेजी से फैल रहा है, लोगों की मौत हो रही है और सीमित चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं, सभी इस्लामी शिक्षकों और चिकित्सकों की यही राय है कि सामाजिक सम्पर्क को कम किया जाए ताकि वायरस के फैलने को रोका जा सके.'

श्रीनगर : कोरोना वायरस महामारी के चलते अंजुमन औकफ जामिया मस्जिद ने मंगलवार को लोगों से आग्रह किया कि वे मस्जिदों में समूह में नमाज पढ़ने न जाएं.

अंजुमन के एक प्रवक्ता ने वक्तव्य जारी कर कहा, 'जैसा कि इस्लामी इतिहास में उल्लिखित है, इस्लामी शिक्षा के आलोक में अंजुमन औकफ जामा मस्जिद लोगों से अपील करती है कि वे घर में नमाज पढ़ें क्योंकि कोरोना वायरस फैल रहा है. अंजुमन ने पहले ही श्रीनगर की जामा मस्जिद में कुछ समय के लिए सामूहिक नमाज स्थगित कर दी है.'

प्रवक्ता ने कहा कि दुनिया कोविड-19 बीमारी से लड़ रही है और दुनियाभर में मुस्लिम समुदाय के लोग इस पर विचार कर रहे हैं कि कोरोना वायरस फैलने के खतरे को कम करते हुए किस प्रकार अपनी मजहबी गतिविधियां जारी रखी जाएं.

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उन्होंने कहा, 'संक्रमण जिस तेजी से फैल रहा है, लोगों की मौत हो रही है और सीमित चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं, सभी इस्लामी शिक्षकों और चिकित्सकों की यही राय है कि सामाजिक सम्पर्क को कम किया जाए ताकि वायरस के फैलने को रोका जा सके.'

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