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कोरोना काल में साइकिल की रिकॉर्ड बिक्री, करना पड़ रहा लंबा इंतजार

कोरोना काल के इस दौर में लोगों का साइकिल के प्रति रुझान बढ़ा है. देश में पांच महीने में साइकिल की ब्रिकी लगभग दोगुना हो गई है. इतना ही नहीं कई लोगों को अपनी पसंदीदा साइकिल खरीदने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. पढ़ें पूरी खबर..

साइकिलों की रिकॉर्ड बिक्री
साइकिलों की रिकॉर्ड बिक्री
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Published : Oct 15, 2020, 4:38 PM IST

Updated : Oct 15, 2020, 4:50 PM IST

जयपुर : दुनिया में साइकिल के प्रमुख बाजार भारत में पिछले पांच महीने में साइकिलों की बिक्री लगभग दोगुना हो गई है और कई शहरों में लोगों को अपनी पसंद की साइकिल खरीदने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है.

जानकारों के अनुसार देश में पहली बार लोगों का साइकिल को लेकर ऐसा रुझान देखने को मिला है और इसकी एक बड़ी वजह कोरोना महामारी के बाद लोगों का अपनी सेहत को लेकर सजग होना भी है.

एक अनुमान के अनुसार भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा साइकिल विनिर्माता देश है.

साइकिल विनिर्माताओं के राष्ट्रीय संगठन एआईसीएमए के अनुसार मई से सितंबर 2020 तक पांच महीनों में देश में कुल 41,80,945 साइकिल बिक चुकी हैं.

आल इंडिया साइकिल मैन्युफेक्चरर्स एसोसिएशन (एआईसीएमए) के महासचिव केबी ठाकुर कहते हैं कि साइकिलों की मांग में बढ़ोतरी अभूतपूर्व है. शायद इतिहास में पहली बार साइकिलों को लेकर ऐसा रुझान देखने को मिला है.

उन्होंने बताया कि इन पांच महीनों में साइकिलों की बिक्री 100 प्रतिशत तक बढ़ी है. कई जगह लोगों को अपनी पंसद की साइकिल के लिए इंतजार करना पड़ रहा है, यहां तक की बुकिंग करवानी पड़ रही है.

संगठन ने बताया कि आंकड़ों के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के बाद लॉकडाउन के कारण अप्रैल महीने में देश में एक भी साइकिल नहीं बिकी. मई महीने में यह आंकड़ा 4,56,818 रहा. जून में यह संख्या लगभग दोगुनी 8,51,060 हो गई, जबकि सितंबर में देश में एक महीने में 11,21,544 साइकिलें बिकीं. बीते पांच महीने में कुल मिलाकर 41,80,945 साइकिल बिक चुकी हैं.

ठाकुर कहते हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण महामारी ने लोगों को अपनी सेहत व इम्युनिटी को लेकर तो सजग बनाया ही वह सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर सचेत हुए हैं. ऐसे में साइकिल उनके लिए एक पंथ कई काज साधने वाले विकल्प के रूप में सामने आई है.

यह भी पढ़ें- जीवन के पहिए को साइकिल के सहारे आगे बढ़ाता श्याम

उन्होंने बताया कि अनलॉक के दौरान सड़कों पर वाहनों की संख्या व प्रदूषण में कमी के कारण भी लोग साइक्लिंग को लेकर प्रोत्साहित हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि ज्यादा लोग पहली बार साइकिल खरीद रहे हैं.

जयपुर में आनंद साइकिल स्टोर के गोकुल खत्री कहते हैं कि लॉकडाउन के बाद साइकिलों की बिक्री 15 से लेकर 50 प्रतिशत बढ़ी है. वे कहते हैं कि लोग जरूरी काम निपटाने के साथ साथ वर्जिश के लिहाज से भी साइकिल खरीद रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह सेहत ठीक रखने का यह सबसे सस्ता, सुंदर व टिकाउ जरिया है.

मानसरोवर के एक अन्य दुकानदार के अनुसार इस समय सबसे अधिक बिक्री 10,000 रुपये या इससे आप-पास मूल्य की ऐसी साइकिलों की है जिन्हें 'रफ टफ' इस्तेमाल किया जा सके.

कोरोना वायरस महामारी के चलते लागू किए गए लॉकडाउन के चलते विनिर्माण को लेकर चुनौतियां भी आईं.

एक प्रमुख साइकिल कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि अनलॉक शुरू होते ही जहां साइकिलों की मांग में उछाल आया, वहीं मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन करना मुश्किल हो रहा था. हालांकि बीते पांच महीने में हमने हालात काबू में कर लिए हैं और अब उत्पादन सामान्य स्तर की ओर जा रहा है.

उन्होंने बताया कि कई जगह पर कुछ विशेष मॉडल की साइकिल अभी भी स्टॉक में नहीं हैं, खासतौर से गियर वाली साइकिलें. उन्होंने कहा कि यह कमी जल्द दूर हो जाएगी.

जयपुर : दुनिया में साइकिल के प्रमुख बाजार भारत में पिछले पांच महीने में साइकिलों की बिक्री लगभग दोगुना हो गई है और कई शहरों में लोगों को अपनी पसंद की साइकिल खरीदने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है.

जानकारों के अनुसार देश में पहली बार लोगों का साइकिल को लेकर ऐसा रुझान देखने को मिला है और इसकी एक बड़ी वजह कोरोना महामारी के बाद लोगों का अपनी सेहत को लेकर सजग होना भी है.

एक अनुमान के अनुसार भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा साइकिल विनिर्माता देश है.

साइकिल विनिर्माताओं के राष्ट्रीय संगठन एआईसीएमए के अनुसार मई से सितंबर 2020 तक पांच महीनों में देश में कुल 41,80,945 साइकिल बिक चुकी हैं.

आल इंडिया साइकिल मैन्युफेक्चरर्स एसोसिएशन (एआईसीएमए) के महासचिव केबी ठाकुर कहते हैं कि साइकिलों की मांग में बढ़ोतरी अभूतपूर्व है. शायद इतिहास में पहली बार साइकिलों को लेकर ऐसा रुझान देखने को मिला है.

उन्होंने बताया कि इन पांच महीनों में साइकिलों की बिक्री 100 प्रतिशत तक बढ़ी है. कई जगह लोगों को अपनी पंसद की साइकिल के लिए इंतजार करना पड़ रहा है, यहां तक की बुकिंग करवानी पड़ रही है.

संगठन ने बताया कि आंकड़ों के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के बाद लॉकडाउन के कारण अप्रैल महीने में देश में एक भी साइकिल नहीं बिकी. मई महीने में यह आंकड़ा 4,56,818 रहा. जून में यह संख्या लगभग दोगुनी 8,51,060 हो गई, जबकि सितंबर में देश में एक महीने में 11,21,544 साइकिलें बिकीं. बीते पांच महीने में कुल मिलाकर 41,80,945 साइकिल बिक चुकी हैं.

ठाकुर कहते हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण महामारी ने लोगों को अपनी सेहत व इम्युनिटी को लेकर तो सजग बनाया ही वह सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर सचेत हुए हैं. ऐसे में साइकिल उनके लिए एक पंथ कई काज साधने वाले विकल्प के रूप में सामने आई है.

यह भी पढ़ें- जीवन के पहिए को साइकिल के सहारे आगे बढ़ाता श्याम

उन्होंने बताया कि अनलॉक के दौरान सड़कों पर वाहनों की संख्या व प्रदूषण में कमी के कारण भी लोग साइक्लिंग को लेकर प्रोत्साहित हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि ज्यादा लोग पहली बार साइकिल खरीद रहे हैं.

जयपुर में आनंद साइकिल स्टोर के गोकुल खत्री कहते हैं कि लॉकडाउन के बाद साइकिलों की बिक्री 15 से लेकर 50 प्रतिशत बढ़ी है. वे कहते हैं कि लोग जरूरी काम निपटाने के साथ साथ वर्जिश के लिहाज से भी साइकिल खरीद रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह सेहत ठीक रखने का यह सबसे सस्ता, सुंदर व टिकाउ जरिया है.

मानसरोवर के एक अन्य दुकानदार के अनुसार इस समय सबसे अधिक बिक्री 10,000 रुपये या इससे आप-पास मूल्य की ऐसी साइकिलों की है जिन्हें 'रफ टफ' इस्तेमाल किया जा सके.

कोरोना वायरस महामारी के चलते लागू किए गए लॉकडाउन के चलते विनिर्माण को लेकर चुनौतियां भी आईं.

एक प्रमुख साइकिल कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि अनलॉक शुरू होते ही जहां साइकिलों की मांग में उछाल आया, वहीं मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन करना मुश्किल हो रहा था. हालांकि बीते पांच महीने में हमने हालात काबू में कर लिए हैं और अब उत्पादन सामान्य स्तर की ओर जा रहा है.

उन्होंने बताया कि कई जगह पर कुछ विशेष मॉडल की साइकिल अभी भी स्टॉक में नहीं हैं, खासतौर से गियर वाली साइकिलें. उन्होंने कहा कि यह कमी जल्द दूर हो जाएगी.

Last Updated : Oct 15, 2020, 4:50 PM IST
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