जोधपुर : लॉकडाउन के दौरान राज्य की सीमा पर राजस्थानी प्रवासियों को प्रवेश नहीं देने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई के बाद राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं. जस्टिस संगीत लोढ़ा और जस्टिस रामेश्वर व्यास की खंडपीठ में याचिकाकर्ता हरि सिंह राजपुरोहित की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई.
याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मोती सिंह राजपुरोहित ने राज्य की सीमा पर प्रवासी राजस्थानियों को प्रवेश नहीं देने पर पक्ष रखा. इस पर सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता पंकज शर्मा ने राज्य सरकार की ओर से 10 मई को जारी सर्कुलर दिखाया और कहा कि ई-पास दिखाने पर बॉर्डर में प्रवेश दिया जा रहा है.
इस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजपुरोहित ने कहा कि याचिका उन श्रमिकों के लिए दायर की गई है, जिनके पास न तो एंड्रॉइड फोन है और न ही खुद की गाड़ी. जिन लोगों को खाना नहीं मिल रहा और पैदल चल रहे हैं और तो और उनके पैरों में चप्पल तक नहीं है, वह एंड्रॉयड फोन लेकर ई-पास कैसे बनाएं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि जिस प्रकार राज्य सरकार ई-मित्र की बात कर रही है तो ई-मित्र जंगलों में कहां पर है. जिस बॉर्डर पर लोग फंसे हुए हैं, वहां पर ई-मित्र तो क्या, उनके बैठने के लिए पर्याप्त जगह तक नहीं है. ऐसे में ई-पास की यह बात कहा तक तर्कसंगत है.
अधिवक्ता ने कहा कि बॉर्डर पर रोके गए प्रवासी लोगों को तुरंत घर पहुंचाने की व्यवस्था करने के साथ दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को ट्रेन या बस से घर लाया जाए. दूसरे राज्यों से यात्रा की इजाजत के बाद राजस्थान बॉर्डर पर राज्य की अनुमति की बाध्यता को हटाया जाए. हाई कोर्ट खंडपीठ ने सुनवाई के बाद राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे में जवाब पेश करने का आदेश देने के साथ ही मामले की सुनवाई की अगली तारीख 15 मई तय की है.
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