हैदराबाद : केंद्र सरकार द्वारा लाया गया कृषि कानून अब देश में राजनीतिक विवाद का रूप लेता जा रहा है. नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस पार्टी और अन्य विपक्षी पार्टियां इसका लगातार विरोध कर रही हैं. इसी बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज 'देश की आवाज' में कई किसान भाईयों से दिल की बात की.
राहुल गांधी ने देश के अलग-अलग राज्यों के किसानों से बात की और इस कानून के बारे में उनकी राय जानने की कोशिश की.
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महाराष्ट्र के एक किसान ने राहुल से कहा कि अंग्रेजों से लड़ाई के लिए महात्मा गांधी ने कई आंदोलन किए. आज महात्मा गांधी जिंदा होते तो इस कानून का विरोध करते. राहुल गांधी बोले कि तीन कृषि किसान और नोटबंदी-जीएसटी में कोई फर्क नहीं है. पहले पैर में कुल्हाड़ी मारी और अब दिल में चोट की. राहुल ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इन्हें ये बात समझ नहीं आएगी ये लोग तो अंग्रेजों के साथ खड़े थे.
वहीं किसानों ने भी राहुल गांधी से बात कर इस कानून को किसान विरोधी कानून बताया और कहा कि सरकार इस कानून से गरीब किसानों का शोषण करेगी. सरकार छोटे किसान हो या बड़े सभी से धोखा कर रही है. किसानों ने राहुल गांधी से बात करते हुए कहा कि एमएसपी को लेकर कोई भरोसा नहीं दिया गया. इस कानून से सिर्फ अमीरों को फायदा होगा.
राहुल ने किसान से पूछा कि इस कानून में सबसे खराब क्या है. एक किसान ने राहुल के इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अगर भला ही करना है तो एमएसपी क्यों नहीं लाते. किसानों ने कहा कि क्या अडानी-अंबानी सीधे किसानों से खरीदेंगे?
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आपको बता दें कि जब संसद में कृषि बिल को लेकर विवाद हो रहा था तब कांग्रेस नेता राहुल गांधी विदेश में थे. जब वह यहां पहुंचे तो देश में कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है. एक किसान ने राहुल से बातचीत करते हुए कहा कि यह कानून किसानों को खत्म करने के लिए बनाया गया है.
कांग्रेस की ओर से इस कृषि कानून का लगातार विरोध किया जा रहा है. राहुल ने ट्वीट कर कहा कि कृषि कानून हमारे किसानों के लिए मौत की सजा है. उनकी आवाज संसद के अंदर और बाहर कुचल दी गयी है. यह इस बात का प्रमाण है कि भारत में लोकतंत्र मर चुका है.