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लॉकडाउन : दिल्ली में भेदभाव का सामना कर रहे पूर्वोत्तर राज्यों के लोग, भोजन व्यवस्था में कठिनाई

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Published : Apr 18, 2020, 5:09 PM IST

देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना लॉकडाउन के चलते पूर्वोत्तर राज्य के लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस दौरान उन्हें खाने औऱ पैसों की दिक्कत के साथ-साथ नस्लीय टिप्पणी का सामना भी करना पड़ रहा है.

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विशेष पुलिस आयुक्त (सशस्त्र पुलिस) रॉबिन हिबू

नई दिल्ली : देश के पूर्वोत्तर भाग से आने वाले जो लोग राष्ट्रीय राजधानी में रह रहे हैं, उनको लॉकडाउन के बीच अपने लिए भोजन और अन्य आवश्यक चीजों की व्यवस्था करने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है .

लॉकडाउन के कारण दिल्ली में फंसे नबाम जिंगू ने बताया कि उन्हें जीवित रहने के लिए किराना और अन्य जरूरी सामान पाने के लिए हेल्पलाइन के जरिए दिल्ली पुलिस से संपर्क करना पड़ा.

हालांकि, वह राष्ट्रीय राजधानी में एकमात्र ऐसा नहीं है, जो पूर्वोत्तर राज्यों से है और वित्तीय संकट का सामना करने के साथ ही भोजन पाने लिए संघर्ष कर रहा है.

जिंगू ने कहा कि मैं एक खाने स्टाल चलाता हूं और दैनिक आधार पर कमाता था. अब मैं अपना फूड स्टॉल नहीं चला पा रहा हूं और मेरी रोजाना की कमाई पूरी तरह से बंद हो दी गई है.

कुछ दिन पहले, मैं मदद के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से कई लोगों से अनुरोध किया और मुझे भोजन और बुनियादी वस्तुओं के मुहइया कराएं.हालांकि लोगों ने मेरा भी की, लेकिन यह हमारे लिए एक कठिन समय है.

पढ़ें- भारतीय नौसेना के 21 कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित

विशेष पुलिस आयुक्त (सशस्त्र पुलिस) रॉबिन हिबू को दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से मदद मांगी जा रही है.

हिबू ने कहा वित्तीय, किराने और दूसरे संकट के अलावा, पूर्वोत्तर के लोगों को उत्पीड़न और मौखिक दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि यहां के लोग उन्हें 'कोरोना' और ' COVID-19' कहकर चिढ़ाते हैं. हालांकि गृह मंत्रालय ने पूर्वोत्तर के लोगों को चिढ़ाने वालों के खिलाफ दिशा-निर्देश दिए हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों के कई लोगों के साथ मकान मालिक किराया देने के लिए कह कह कर भेदभावपूर्ण व्यवहार कर रहे हैं.

हिबू ने कहा कि मुझे पूर्वोत्तर के लोगों से शिकायतें मिली हैं, जिनमें उन्होंने मदद मांगी है. क्योंकि उनकी कंपनी ने अपने वेतन का भुगतान करने से इनकार कर दिया था या जमींदारों उन्हें किराए के लिए परेशान कर रहे हैं.उनमें से कुछ के पास बहुत कम खाना बचा है या फिर खतम हो गया है.

अरुणाचल प्रदेश का मूल निवासी एक अन्य व्यक्ति ने भी दिल्ली पुलिस से मदद मांगी थी। अब उसे अपने एक रिश्तेदार की जगह शिफ्ट कर दिया गया है क्योंकि उसके पास किराया देने के लिए पैसे नहीं थे.

अर्जुन विहार में रहने वाले बाबूसन बोरी ने कहा कि मैंने यह सोचकर पैसे उधार लिए थे कि मुझे दिल्ली में कुछ नौकरी मिल जाएगी . लॉकडाउन के कारण, मैं यहां फंस गया हूं और मैं वापस नहीं जा सकता . मैंने सोशल मीडिया के जरिए शिकायत उठाई और तुरंत दिल्ली पुलिस के उस अधिकारी का फोन आया, जिसने मुझे खाद्य सामग्री मुहैया कराई. दक्षिण-पश्चिम जिले के अधिकारी ने मुझे बताया कि पुलिस मुझे खाना देती रहेगी.

नई दिल्ली : देश के पूर्वोत्तर भाग से आने वाले जो लोग राष्ट्रीय राजधानी में रह रहे हैं, उनको लॉकडाउन के बीच अपने लिए भोजन और अन्य आवश्यक चीजों की व्यवस्था करने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है .

लॉकडाउन के कारण दिल्ली में फंसे नबाम जिंगू ने बताया कि उन्हें जीवित रहने के लिए किराना और अन्य जरूरी सामान पाने के लिए हेल्पलाइन के जरिए दिल्ली पुलिस से संपर्क करना पड़ा.

हालांकि, वह राष्ट्रीय राजधानी में एकमात्र ऐसा नहीं है, जो पूर्वोत्तर राज्यों से है और वित्तीय संकट का सामना करने के साथ ही भोजन पाने लिए संघर्ष कर रहा है.

जिंगू ने कहा कि मैं एक खाने स्टाल चलाता हूं और दैनिक आधार पर कमाता था. अब मैं अपना फूड स्टॉल नहीं चला पा रहा हूं और मेरी रोजाना की कमाई पूरी तरह से बंद हो दी गई है.

कुछ दिन पहले, मैं मदद के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से कई लोगों से अनुरोध किया और मुझे भोजन और बुनियादी वस्तुओं के मुहइया कराएं.हालांकि लोगों ने मेरा भी की, लेकिन यह हमारे लिए एक कठिन समय है.

पढ़ें- भारतीय नौसेना के 21 कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित

विशेष पुलिस आयुक्त (सशस्त्र पुलिस) रॉबिन हिबू को दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से मदद मांगी जा रही है.

हिबू ने कहा वित्तीय, किराने और दूसरे संकट के अलावा, पूर्वोत्तर के लोगों को उत्पीड़न और मौखिक दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि यहां के लोग उन्हें 'कोरोना' और ' COVID-19' कहकर चिढ़ाते हैं. हालांकि गृह मंत्रालय ने पूर्वोत्तर के लोगों को चिढ़ाने वालों के खिलाफ दिशा-निर्देश दिए हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों के कई लोगों के साथ मकान मालिक किराया देने के लिए कह कह कर भेदभावपूर्ण व्यवहार कर रहे हैं.

हिबू ने कहा कि मुझे पूर्वोत्तर के लोगों से शिकायतें मिली हैं, जिनमें उन्होंने मदद मांगी है. क्योंकि उनकी कंपनी ने अपने वेतन का भुगतान करने से इनकार कर दिया था या जमींदारों उन्हें किराए के लिए परेशान कर रहे हैं.उनमें से कुछ के पास बहुत कम खाना बचा है या फिर खतम हो गया है.

अरुणाचल प्रदेश का मूल निवासी एक अन्य व्यक्ति ने भी दिल्ली पुलिस से मदद मांगी थी। अब उसे अपने एक रिश्तेदार की जगह शिफ्ट कर दिया गया है क्योंकि उसके पास किराया देने के लिए पैसे नहीं थे.

अर्जुन विहार में रहने वाले बाबूसन बोरी ने कहा कि मैंने यह सोचकर पैसे उधार लिए थे कि मुझे दिल्ली में कुछ नौकरी मिल जाएगी . लॉकडाउन के कारण, मैं यहां फंस गया हूं और मैं वापस नहीं जा सकता . मैंने सोशल मीडिया के जरिए शिकायत उठाई और तुरंत दिल्ली पुलिस के उस अधिकारी का फोन आया, जिसने मुझे खाद्य सामग्री मुहैया कराई. दक्षिण-पश्चिम जिले के अधिकारी ने मुझे बताया कि पुलिस मुझे खाना देती रहेगी.

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