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सीएए पर बोले लोकसभा अध्यक्ष, हर सदन को बिल पारित करने का अधिकार - सीएए पर बोले ओम बिड़ला

मध्य प्रदेश के इंदौर पहुंचे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सीएए के विरोध में राज्य सरकारों द्वारा पारित प्रस्ताव पर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हर सदन को अपने-अपने बिल पारित करने का अधिकार है. पढ़ें पूरा विवरण...

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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला
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Published : Feb 19, 2020, 11:21 AM IST

Updated : Mar 1, 2020, 7:54 PM IST

इंदौर : नारिकता संशोधन कानून के खिलाफ कई राज्यों में प्रस्ताव पास हो चुका है. इस सवाल का जबाब देते हुए ओम बिड़ला ने कहा है कि देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था है. संविधान में सभी सदनों को अपने-अपने बिल पारित करने का अधिकार है.

उन्होंने कहा कि सीएए के संबंध में संसद के अंदर चर्चा हुई है, जिसके बाद मतविभाजन भी हुआ है. लोकतंत्र की यही विशेषता है कि हर विधेयक पर चर्चा होती है. जिसमें सहमति ओर असहमति भी होती है. लेकिन बहुमत से जो बिल पारित हो जाता है. सरकार उसपर कानून बनाने का काम करती है.

सीएए पर बोले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला

पढ़ें : सीएए पर उद्धव के बयान को लेकर शरद बोले- हमारी पार्टी का स्टैंड अलग

ओम बिड़ला ने कहा कि कई कानून केंद्र की सूची में हैं और कई राज्य की सूची में. जिसके तहत सभी को अपने-अपने सदन में कानून पारित करने का अधिकार है. बता दें कि केरल, पंजाब, मप्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, और तेलांगाना समेत कई राज्यों में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास हो चुका है.

इंदौर : नारिकता संशोधन कानून के खिलाफ कई राज्यों में प्रस्ताव पास हो चुका है. इस सवाल का जबाब देते हुए ओम बिड़ला ने कहा है कि देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था है. संविधान में सभी सदनों को अपने-अपने बिल पारित करने का अधिकार है.

उन्होंने कहा कि सीएए के संबंध में संसद के अंदर चर्चा हुई है, जिसके बाद मतविभाजन भी हुआ है. लोकतंत्र की यही विशेषता है कि हर विधेयक पर चर्चा होती है. जिसमें सहमति ओर असहमति भी होती है. लेकिन बहुमत से जो बिल पारित हो जाता है. सरकार उसपर कानून बनाने का काम करती है.

सीएए पर बोले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला

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ओम बिड़ला ने कहा कि कई कानून केंद्र की सूची में हैं और कई राज्य की सूची में. जिसके तहत सभी को अपने-अपने सदन में कानून पारित करने का अधिकार है. बता दें कि केरल, पंजाब, मप्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, और तेलांगाना समेत कई राज्यों में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास हो चुका है.

Last Updated : Mar 1, 2020, 7:54 PM IST
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