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रेलवे ने दी सफाई, मजदूरों से नहीं वसूला जा रहा है पैसा

श्रमिकों के लिए चलाई जा रही स्पेशल ट्रेन के किराए को लेकर राजनीति जारी है. कांग्रेस पार्टी ने कहा कि वह श्रमिकों से वसूले जाने वाले पैसा देने को तैयार है. इस पर रेल मंत्रालय ने कहा कि मजदूरों से कोई पैसा नहीं लिया जा रहा है. बल्कि रेलवे कोई टिकट की बिक्री ही नहीं कर रही है. रेलवे सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस सरकार ही इसमें आनाकानी कर रही है. हमारी ओर से हम राज्य सरकारों से सिर्फ 15 फीसदी ही किराया मांग रहे हैं.

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Published : May 4, 2020, 11:37 AM IST

Updated : May 4, 2020, 11:57 AM IST

डिजाइन तस्वीर
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नई दिल्ली : श्रमिकों के लिए चलाई जा रही स्पेशल ट्रेन के किराए को राजनीति जारी है. इस दौरान रेल मंत्रालय ने कहा कि भारतीय रेलवे मजूदरों से किराया नहीं वसूल रही है. वह राज्य सरकार से सिर्फ मानक किराया ले रही है. जो कि कुल लागत का 15 फीसद है. रेलवे सूत्रों ने बताया कि भारतीय रेलवे के किसी भी स्टेशन पर टिकट ब्रिकी नहीं हो रही है.

रेलवे का यह बयान उस समय आया है जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि हमारी पार्टी प्रवासी मजदूरों के टिकट का खर्च उठाएगी. इसके बाद भाजपा ने आरोप लगाया कि रेलवे द्वारा टिकट की ब्रिकी नहीं हो रही है. राज्य और केंद्र सरकार मिलकर मजदूरों के टिकट का खर्च उठा रही हैं.

सूत्रों के मुताबिक रेल मंत्रालय ने कहा कि रेलवे कोई भी टिकट नहीं बेच रहा है. वह सिर्फ राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त प्रवासियों की सूची के आधार पर यात्रियों को यात्रा करवा रहा है और यही नहीं रेलवे यात्रा के दौरान प्रवासियों को खाना और बोतलबंद पानी भी दे रही है.

पढ़ें : मजदूरों से रेल भाड़ा वसूलने की खबर पर शुरू हुई राजनीति, कांग्रेस बोली- पार्टी देगी पैसा

रेलवे ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों से प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए 34 श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाई हैं. संकट के समय में विशेष रूप से गरीब से गरीब लोगों को भी सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा प्रदान करने की अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को पूरा कर रही है.

पढ़ें: कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा ने कहा- केंद्र सरकार देगी 85 प्रतिशत किराया

भारतीय रेलवे सामाजिक दूरी को बनाए रखने के लिए प्रत्येक कोच में बर्थ खाली रखते हुए श्रमिक विशेष ट्रेनें चला रहा है. ट्रेनें गंतव्य स्थान से खाली लौट रही हैं.

नई दिल्ली : श्रमिकों के लिए चलाई जा रही स्पेशल ट्रेन के किराए को राजनीति जारी है. इस दौरान रेल मंत्रालय ने कहा कि भारतीय रेलवे मजूदरों से किराया नहीं वसूल रही है. वह राज्य सरकार से सिर्फ मानक किराया ले रही है. जो कि कुल लागत का 15 फीसद है. रेलवे सूत्रों ने बताया कि भारतीय रेलवे के किसी भी स्टेशन पर टिकट ब्रिकी नहीं हो रही है.

रेलवे का यह बयान उस समय आया है जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि हमारी पार्टी प्रवासी मजदूरों के टिकट का खर्च उठाएगी. इसके बाद भाजपा ने आरोप लगाया कि रेलवे द्वारा टिकट की ब्रिकी नहीं हो रही है. राज्य और केंद्र सरकार मिलकर मजदूरों के टिकट का खर्च उठा रही हैं.

सूत्रों के मुताबिक रेल मंत्रालय ने कहा कि रेलवे कोई भी टिकट नहीं बेच रहा है. वह सिर्फ राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त प्रवासियों की सूची के आधार पर यात्रियों को यात्रा करवा रहा है और यही नहीं रेलवे यात्रा के दौरान प्रवासियों को खाना और बोतलबंद पानी भी दे रही है.

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रेलवे ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों से प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए 34 श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाई हैं. संकट के समय में विशेष रूप से गरीब से गरीब लोगों को भी सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा प्रदान करने की अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को पूरा कर रही है.

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भारतीय रेलवे सामाजिक दूरी को बनाए रखने के लिए प्रत्येक कोच में बर्थ खाली रखते हुए श्रमिक विशेष ट्रेनें चला रहा है. ट्रेनें गंतव्य स्थान से खाली लौट रही हैं.

Last Updated : May 4, 2020, 11:57 AM IST
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