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लद्दाख गतिरोध : सेना 8वें दौर की वार्ता में चीनी सैनिकों के पीछे हटने पर जोर देगी

भारतीय सेना आठवें दौर की वार्ता में तेजी से चीनी सैनिकों के पीछे हटने पर जोर देगी. सेना के एक अधिकारी के अनुसार चीनी सेना ने भी लगभग 50,000 सैनिक तैनात किए हैं.

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Published : Nov 5, 2020, 9:55 PM IST

Updated : Nov 5, 2020, 11:11 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय सेना शुक्रवार को होने जा रही कोर कमांडर स्तर की आठवें दौर की वार्ता में पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले सभी स्थानों से चीनी सैनिकों की पूर्ण वापसी पर जोर देगी. आधिकरिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह बात कही.

उन्होंने कहा कि बैठक शुक्रवार को सुबह साढ़े नौ बजे पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय क्षेत्र की तरफ चुशूल में होगी.

पूर्वी लद्दाख में हाड़ जमा देने वाली सर्दी में भारत के लगभग 50,000 सैनिक किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पर्वतीय ऊंचाइयों पर तैनात हैं. छह महीने से चले आ रहे इस गतिरोध को लेकर दोनों देशों के बीच पूर्व में हुई कई दौर की बातचीत का अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकला है.

अधिकारियों के अनुसार चीनी सेना ने भी लगभग 50,000 सैनिक तैनात किए हैं. कोर कमांडर स्तर की पिछले दौर की वार्ता 12 अक्टूबर को हुई थी, लेकिन इसका भी कोई ठोस परिणाम नहीं निकला था.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल में कहा था कि भारत और चीन के बीच गंभीर तनाव है तथा सीमा प्रबंधन को लेकर दोनों पक्षों द्वारा किए गए समझौतों का सम्मान किया जाना चाहिए.

पढ़ें - जनरल नरवणे की नेपाल यात्रा, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता शुरू

आठवें दौर की वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन करेंगे, जो लेह आधारित 14वीं कोर के नए कमांडर हैं.

नई दिल्ली : भारतीय सेना शुक्रवार को होने जा रही कोर कमांडर स्तर की आठवें दौर की वार्ता में पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले सभी स्थानों से चीनी सैनिकों की पूर्ण वापसी पर जोर देगी. आधिकरिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह बात कही.

उन्होंने कहा कि बैठक शुक्रवार को सुबह साढ़े नौ बजे पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय क्षेत्र की तरफ चुशूल में होगी.

पूर्वी लद्दाख में हाड़ जमा देने वाली सर्दी में भारत के लगभग 50,000 सैनिक किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पर्वतीय ऊंचाइयों पर तैनात हैं. छह महीने से चले आ रहे इस गतिरोध को लेकर दोनों देशों के बीच पूर्व में हुई कई दौर की बातचीत का अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकला है.

अधिकारियों के अनुसार चीनी सेना ने भी लगभग 50,000 सैनिक तैनात किए हैं. कोर कमांडर स्तर की पिछले दौर की वार्ता 12 अक्टूबर को हुई थी, लेकिन इसका भी कोई ठोस परिणाम नहीं निकला था.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल में कहा था कि भारत और चीन के बीच गंभीर तनाव है तथा सीमा प्रबंधन को लेकर दोनों पक्षों द्वारा किए गए समझौतों का सम्मान किया जाना चाहिए.

पढ़ें - जनरल नरवणे की नेपाल यात्रा, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता शुरू

आठवें दौर की वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन करेंगे, जो लेह आधारित 14वीं कोर के नए कमांडर हैं.

Last Updated : Nov 5, 2020, 11:11 PM IST
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