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2013-14 की तुलना में 2018-19 में 36.35 प्रतिशत बढ़ा दुग्ध उत्पादन  : गिरिराज सिंह

राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि 2013-14 की तुलना में 2018-19 में 36.35 फीसदी दुग्ध उत्पादन बढ़ा है. राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम से हम पशुओं को होने वाले खुरपका, मुंहपका जैसी बीमारियों को दूर किया जा रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

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गिरिराज सिंह
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Published : Nov 26, 2019, 5:11 PM IST

Updated : Nov 26, 2019, 6:25 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के अवसर पर केंद्रीय पशुपालन, मत्स्य पालन एवं डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा की भारत का डेयरी क्षेत्र वैश्विक स्तर पर उद्यमियों के लिए कई संभावनाएं प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि 2013-14 की तुलना में 2018-19 में 36.35 फीसदी दुग्ध उत्पादन बढ़ा है और प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 2013-14 में 307 ग्राम प्रतिदिन से बढ़कर 2018-19 में 394 ग्राम प्रतिदिन हो गई.

उन्होंने कहा कि पिछले 20 वर्ष से भारत दुनिया में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक देश बना हुआ है. भारत सरकार द्वारा पशुधन की उत्पादकता बढ़ाने के लिए शुरू किए गए कई उपायों में इस अभूतपूर्व वृद्धि का योगदान है. दूध का उत्पादन 2013-14 में 137.7 मिलियन टन से बढ़कर 2018-19 में 187.75 टन हो गया, इसमे 36.35 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

मीडिया से बात करते गिरिराज सिंह

गिरिराज ने कहा कि 2009-14 की अवधि के दौरान दूध उत्पादन की वार्षिक वृद्धि दर 4.2% थी, जो 2014-19 के दौरान बढ़कर 6.4% हो गई. 2014-19 के दौरान विश्व दुग्ध उत्पादन की वार्षिक वृद्धि दर 1.2% बढ़ी है.

राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर संबोंधित करते गिरिराज सिंह

उन्होंने कहा कि पशुधन क्षेत्र भूमिहीन और सीमांत किसानों की आजीविका और सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देता है, भारत में लगभग 70 मिलियन ग्रामीण परिवार डेयरी में संलग्न हैं. इनके पास कुल 80 फीसदी गाएं हैं.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले 15 वर्ष में सहकारी समितियों ने खरीदे गए लगभग 20 फीसदी दूध को पारंपरिक और मूल्य वर्धित उत्पादों में परिवर्तित किया है, जो लगभग 20 प्रतिशत अधिक राजस्व प्रदान करता है. मूल्य वर्धित उत्पादों की हिस्सेदारी 2023- 24 तक बढ़कर 40% होने का अनुमान है.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हमारे डेयरी पशुओं की बेहतर उत्पादकता और स्वास्थ्य के माध्यम से दूध उत्पादन बढ़ाने पर विशेष जोर देकर घरेलू स्रोतों के माध्यम से दूध की बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए कई डेयरी विकास योजनाओं की शुरुआत की है.

पढ़ें : मछली पालकों की आमदनी बढ़े इसके लिए केंद्र सरकार की कोशिशें जारी हैं : गिरिराज सिंह

गिरिराज सिंह ने कहा कि इस दिशा में पीएम मोदी की एक नई योजना 'राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम' को देश में खुरपका, मुंहपका रोग और ब्रूसेलोसिस के पूर्ण नियंत्रण के लिए 13343 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ शुरू किया गया है. पीएम मोदी द्वारा स्टार्ट अप चुनौतियों के साथ-साथ एआई कवरेज को बढ़ाने और उसके द्वारा दुग्ध उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम भी शुरू किया गया.

नई दिल्ली : राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के अवसर पर केंद्रीय पशुपालन, मत्स्य पालन एवं डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा की भारत का डेयरी क्षेत्र वैश्विक स्तर पर उद्यमियों के लिए कई संभावनाएं प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि 2013-14 की तुलना में 2018-19 में 36.35 फीसदी दुग्ध उत्पादन बढ़ा है और प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 2013-14 में 307 ग्राम प्रतिदिन से बढ़कर 2018-19 में 394 ग्राम प्रतिदिन हो गई.

उन्होंने कहा कि पिछले 20 वर्ष से भारत दुनिया में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक देश बना हुआ है. भारत सरकार द्वारा पशुधन की उत्पादकता बढ़ाने के लिए शुरू किए गए कई उपायों में इस अभूतपूर्व वृद्धि का योगदान है. दूध का उत्पादन 2013-14 में 137.7 मिलियन टन से बढ़कर 2018-19 में 187.75 टन हो गया, इसमे 36.35 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

मीडिया से बात करते गिरिराज सिंह

गिरिराज ने कहा कि 2009-14 की अवधि के दौरान दूध उत्पादन की वार्षिक वृद्धि दर 4.2% थी, जो 2014-19 के दौरान बढ़कर 6.4% हो गई. 2014-19 के दौरान विश्व दुग्ध उत्पादन की वार्षिक वृद्धि दर 1.2% बढ़ी है.

राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर संबोंधित करते गिरिराज सिंह

उन्होंने कहा कि पशुधन क्षेत्र भूमिहीन और सीमांत किसानों की आजीविका और सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देता है, भारत में लगभग 70 मिलियन ग्रामीण परिवार डेयरी में संलग्न हैं. इनके पास कुल 80 फीसदी गाएं हैं.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले 15 वर्ष में सहकारी समितियों ने खरीदे गए लगभग 20 फीसदी दूध को पारंपरिक और मूल्य वर्धित उत्पादों में परिवर्तित किया है, जो लगभग 20 प्रतिशत अधिक राजस्व प्रदान करता है. मूल्य वर्धित उत्पादों की हिस्सेदारी 2023- 24 तक बढ़कर 40% होने का अनुमान है.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हमारे डेयरी पशुओं की बेहतर उत्पादकता और स्वास्थ्य के माध्यम से दूध उत्पादन बढ़ाने पर विशेष जोर देकर घरेलू स्रोतों के माध्यम से दूध की बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए कई डेयरी विकास योजनाओं की शुरुआत की है.

पढ़ें : मछली पालकों की आमदनी बढ़े इसके लिए केंद्र सरकार की कोशिशें जारी हैं : गिरिराज सिंह

गिरिराज सिंह ने कहा कि इस दिशा में पीएम मोदी की एक नई योजना 'राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम' को देश में खुरपका, मुंहपका रोग और ब्रूसेलोसिस के पूर्ण नियंत्रण के लिए 13343 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ शुरू किया गया है. पीएम मोदी द्वारा स्टार्ट अप चुनौतियों के साथ-साथ एआई कवरेज को बढ़ाने और उसके द्वारा दुग्ध उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम भी शुरू किया गया.

Intro:दूध उत्पादन 2013-14 की तुलना में 2018-19 में 36.35 प्रतिशत बढ़ा- गिरिराज सिंह

नयी दिल्ली- राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के अवसर पर केंद्रीय पशुपालन, मत्स्य पालन एवं डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा की भारत का डेयरी क्षेत्र वैश्विक स्तर पर उद्यमियों के लिए कई संभावनाएं प्रदान करता है, दूध उत्पादन 2013-14 की तुलना में 2018-19 में 36.35 प्रतिशत बढ़ा, प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 2013-14 में 307 ग्राम प्रतिदिन से बढ़कर 2018-19 में 394 ग्राम प्रतिदिन हो गई


Body:उन्होंने कहा कि पिछले 20 सालों से भारत दुनिया में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक देश बना हुआ है, भारत सरकार द्वारा पशुधन की उत्पादकता बढ़ाने के लिए शुरू किए गए कई उपायों में इस अभूतपूर्व वृद्धि का योगदान है, दूध का उत्पादन 2013-14 में 137.7 मिलियन टन से बढ़कर 2018-19 में 187.75 टन हो गया जिसमे 36.35 प्रतिशत की वृद्धि हुई

उन्होंने कहा कि 2009-14 की अवधि के दौरान दूध उत्पादन की वार्षिक वृद्धि दर 4.2% थी जो 2014-19 के दौरान बढ़कर 6.4% हो गई, 2014-19 के दौरान विश्व दुग्ध उत्पादन की वार्षिक वृद्धि दर 1.2% बढ़ी है

उन्होंने कहा कि पशुधन क्षेत्र भूमिहीन और सीमांत किसानों की आजीविका और सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देता है, भारत में लगभग 70 मिलियन ग्रामीण परिवार डेयरी में संलग्न हैं जिनके पास कुल गाय की 80% आबादी है




Conclusion:उन्होंने कहा कि पिछले 15 वर्षों में दूध सहकारी समितियों ने खरीदे गए लगभग 20 परसेंट दूध को पारंपरिक और मूल्य वर्धित उत्पादों में परिवर्तित किया है जो लगभग 20 परसेंट अधिक राजस्व प्रदान करते हैं, मूल्य वर्धित उत्पादों की हिस्सेदारी 2023- 24 तक बढ़कर 40% होने का अनुमान है

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हमारे डेयरी पशुओं की बेहतर उत्पादकता और स्वास्थ्य के माध्यम से दूध उत्पादन बढ़ाने पर विशेष जोर देकर घरेलू स्रोतों के माध्यम से दूध की बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए कई डेयरी विकास योजनाओं की शुरुआत की है, इस दिशा में पीएम मोदी की एक नई योजना 'राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम' को देश में खुरपका, मुंहपका रोग और ब्रूसेलोसिस के पूर्ण नियंत्रण के लिए 13343 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ शुरू किया गया है, पीएम मोदी द्वारा स्टार्ट अप चुनौतियों के साथ-साथ एआई कवरेज को बढ़ाने और उसके द्वारा दुग्ध उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम भी शुरू किया गया
Last Updated : Nov 26, 2019, 6:25 PM IST
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