देवघरः आम तौर पर हर वर्ष जाड़े की मौसम में आलू की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. लेकिन इस बार बाबानगरी में कुछ किसानों ने प्रयोग के तौर पर शुगर फ्री आलू की खेती शुरू की है. दावा किया जा रहा है कि इस आलू का सेवन शुगर के मरीज भी आराम से कर पाएंगे.
शुगर मरीजों में खुशी की लहर
शुगर के कारण आलू से दूरी बनाकर चलने वाले मरीजों के लिए इस वेरायटी की आलू की खेती अच्छी खबर है, जिसकी जानकारी मिलने से काफी उत्साहित है. स्थानीय लोग भी इस तरीके से देश मे शुगर से झेल रहे परेशानियों में कमी आने की बात कर रहे है. दरअसल, शिमला स्थित सेंट्रल पोटैटो रिसर्च इंस्टीच्यूट ने हाल ही में आलू की एक शुगर फ्री भेरायटी विकसित की है. देवघर में कुछ प्रगतिशिल किसानों ने पहली बार प्रयोग के तौर पर इस शुगर फ्री आलू की खेती शुरू की है. पहली बार इसकी खेती कर रहे किसान के अनुसार आम आलू की तरह ही इस खास किस्म की आलू की भी खेती की जा रही है, लेकिन प्रति हेक्टेयर उपज किस तरह की हो रही है उसपर इसकी कीमत निर्भर करेगी. फिर भी आलू की इन नई किस्म की खेती और इसकी पहली उपज को लेकर किसान काफी उत्साहित हैं.
और पढ़ें- दुमकाः साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने 5 नक्सलियों को किया बरी, फिर भी खानी होगी जेल की हवा
कम स्टार्च और कॉलेस्ट्रोल ना के बराबर
कृषि वैज्ञानिक के अनुसार भारतीय कृषि अनुसंधान परिसद के तहत शिमला के कार्यरत सेंट्रल पोटैटो रिसर्च इंस्टीच्यूट द्वारा आलू की यह नई किस्म विकसित की गई है. दावा किया जा रहा है कि आम आलू की तुलना में इस नई विकसित किस्म की स्टार्च और कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा नही के बराबर होती है. इस लिए शुगर के मरीज भी इसका आसानी से सेवन कर पाएंगे.