नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने येस बैंक के प्रवर्तक राणा कपूर एवं अन्य के खिलाफ जारी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के संबंध में रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी को समन जारी किया है. अधिकारियों ने सोमवार को इसकी जानकारी दी.
अधिकारियों ने कहा कि येस बैंक से लिए गए कर्ज में से जो खाते गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) में तब्दील हो गए, उनमें अनिल अंबानी के समूह की कंपनियां बड़े कर्जधारकों में हैं. इस कारण उन्हें ईडी के मुंबई कार्यालय में सोमवार को उपस्थित होने को कहा गया है.
अधिकारियों ने बताया कि अंबानी (60) ने कुछ निजी कारणों से उपस्थित होने से छूट की मांग की है और संभव है कि उन्हें नयी तारीख दे दी जाए.
गौरतलब है कि अनिल अंबानी की कंपनियों द्वारा येस बैंक से लिए गए कर्ज में 12,800 करोड़ रुपये एनपीए हो गए हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने छह मार्च को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि अनिल अंबानी समूह, एस्सेल, आईएलएफएस, डीएचएफएल और वोडाफोन येस बैंक के बड़े कर्जदारों में शामिल हैं.
अधिकारियों ने कहा कि उन सभी बड़ी कंपनियों के प्रवर्तकों को बुलाया जाएगा, जिनके द्वारा येस बैंक ये लिए गए कर्ज एनपीए हो गए हैं.
उन्होंने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत अनिल अंबानी का बयान दर्ज किया जाएगा. राणा कपूर अभी ईडी की हिरासत में हैं.
गौरतलब है कि अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह ने इसके पहले कहा था कि येस बैंक से उसने जो भी कर्ज लिया है वह पूरी तरह सुरक्षित है. कंपनी ने कहा कि यह कर्ज कारोबार के लिए सामान्य तरीके से प्राप्त किए गए हैं.
इस बारे में कंपनी ने एक बयान में कहा था कि वह अपनी संपत्तियां बेचने के कार्यक्रम के जरिए येस बैंक के सारे बकाये कर्ज का भुगतान करने के लिये प्रतिबद्ध है.
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रिलायंस समूह ने कहा कि राणा कपूर, उनकी पत्नी या बेटियों अथवा कपूर परिवार द्वारा नियंत्रित किसी भी इकाई में हमारा प्रत्यक्ष या परोक्ष तौर पर निवेश शून्य है.
रिजर्व बैंक द्वारा येस बैंक का नियंत्रण अपने हाथों में लेने के बाद वित्त मंत्री ने येस बैंक के जिन कर्जदारों का नाम लिया था, उनमें सुभाष चंद्रा का एस्सेल समूह और रिलायंस समूह का भी नाम शामिल है.
आपको बता दें, 10 कारोबारी घरानों की 44 कंपनियों का येस बैंक के एनपीए में करीब 34 हजार करोड़ रुपये का योगदान है. अनिल अंबानी की नौ कंपनियों के ऊपर येस बैंक का 12,800 करोड़ रुपये का बकाया है.
वहीं एस्सेल समूह पर भी येस बैंक के 8,400 करोड़ रुपये बाकी हैं. येस बैंक के जिन अन्य कंपनियों पर बकाये हैं, उनमें डीएचएफएल समूह, दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन, जेट एयरवेज, कॉक्स एंड किंग्स और भारत इंफ्रा के नाम भी शामिल हैं.
(एक्सट्रा इनपुट- भाषा)