नालंदा : प्लास्टिक के उपयोग के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए, हिलसा का एक सामाजिक कार्यकर्ता लगातार एक अभियान चला रहा है. आशुतोष कुमार मानव जब 9 वीं कक्षा में थे, तभी से वे सामाजिक कार्यों में शामिल हो रहे हैं.
अधिकांश समय, कुमार एक गांव से दूसरे गांव तक यात्रा करते हैं, लोगों को प्लास्टिक के उपयोग से होने वाले हानिकारक प्रभाव की जानकारी भी देते हैं. बिहार शरीफ नगर निगम के आयुक्त सौरव कुमार जोरवाल ने कहा, उनकी बातों को ना सिर्फ बड़े लोग, बल्कि बच्चे भी सुनते हैं. वे स्कूल जाकर बच्चों को भी बताते हैं. उनकी बातें युवाओं को आकर्षित करती हैं.
संवाद के दौरान, वह बच्चों के साथ-साथ उनके माता-पिता को भी प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के बारे में चर्चा करने को कहते हैं. वे उन्हें पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थ प्लास्टिक के उपयोग के खिलाफ प्रतिज्ञा लेने को भी प्रेरित करते हैं.
कुमार की बातचीत बच्चों पर सकारात्मक प्रभाव छोड़ती है, क्योंकि वे बदलाव का एजेंट बन रहे हैं, अपने शब्दों का प्रसार कर रहे हैं और अपने आसपास के लोगों को प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने की सलाह दे रहे हैं.
इसके पहले उन्होंने पूरे बिहार में 'गुटखा छोड़ो' का आंदोलन चलाया था..अब वे स्वच्छ भारत मिशन और जल जीवन हरियाली अभियान से जुड़े हैं.
ईटीवी भारत से बात करते हुए मानव ने बताया, 'मेरी हमेशा से सामाजिक कार्य करने में रुचि रही है. 1991 में, मैंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर प्लास्टिक के इस्तेमाल के खिलाफ पहला अभियान शुरू किया. प्रत्येक रविवार को हम सीवर की सफाई करते थे और अपनी सफाई प्रक्रिया के दौरान, हमने महसूस किया कि प्लास्टिक जल निकासी में रुकावट का प्रमुख कारण था.'
उनका समर्पण ही कहिए कि उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज और देश के लिए समर्पित करने का फैसला कर लिया है. आशुतोष ने बताया कि उन्होंने शादी न करने और राजनीति से दूर रहने का संकल्प लिया है.
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