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सरकार आपके द्वार अभियान-ईटीवी भारत की खबर का असर, दिव्यांग श्रवण को मिली ट्राइसाइकिल और अमृत को मिलेगी पेंशन

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Published : Dec 1, 2021, 7:18 AM IST

Updated : Dec 1, 2021, 8:52 AM IST

रांची में एक बार फिर ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. 27 नवंबर को ईटीवी भारत पर रांची के दिव्यांग श्रवण शर्मा और अमृत बहादुर की लाचारी की खबर दिखायी गई, जिसके बाद प्रशासनिक अमला खुद दिव्यांगों के घर पहुंच गया और उन्हें Universal Pension Scheme का लाभ दिया.

beneficiaries got Divyang Pension Scheme in Jharkhand through Government at your doorstep program
सरकार आपके द्वार अभियान-ईटीवी भारत की खबर का असर, दिव्यांग श्रवण को मिली ट्राइसाइकिल और अमृत को मिलेगी पेंशन

रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर चल रहे सरकार आपके द्वार अभियान का असर दिखने लगा है. 27 नवंबर को ईटीवी भारत पर रांची के दिव्यांग श्रवण शर्मा और अमृत बहादुर की लाचारी की खबर दिखायी गई थी. हमारी टीम ने सामाजिक सुरक्षा निदेशक ए डोडे को दोनों परिवारों की माली हालत से अवगत कराया था. सुकून की बात यह है कि ईटीवी भारत पर इस खबर के चलते ही जिला प्रशासन हरकत में आ गया. चंद घंटे के भीतर ही हेतु गांव में अमृत बहादुर और जगन्नाथपुर में श्रवण शर्मा के झोपड़ीनुमा घर के दरवाजे पर पदाधिकारियों का जमावड़ा लग गया.

वीडियो में देखिए पूरी खबर

ये भी पढ़ें-दिव्यांगों की पुकार, हमारी भी सुनो हेमंत सरकार, अफसर बोले- चिंता न करो आ रही सरकार आपके द्वार

ईटीवी भारत पर दिव्यांगों की बेबसी की खबर का संज्ञान लेकर अधिकारियों ने पलक झपकते ही दोनों दिव्यांगों की पेंशन लाभ से जुड़े कागजात तैयार करवा दिए. श्रवण को तो बैट्री से चलने वाली ट्राइसाइकिल भी मिल गई. सरकार की यह सौगात दोनों परिवार के लिए 'ड्रिम कम्स ट्रू' (dreams come true)जैसा था. फॉलो अप लेने जब हमारे ब्यूरो चीफ राजेश कुमार सिंह, दिव्यांग श्रवण के घर पहुंचे तो इस परिवार की खुशी छुपाए नहीं छुप रही थी. वह अपने बेटे को ट्राइसाइकिल पर बिठाकर घुमाते नजर आए. जीवन में आए इस बदलाव से उनकी दिव्यांग पत्नी बेहद खुश थी. श्रवण ने कहा कि अब बेटे को पढ़ाकर रहेंगे. पति-पत्नी को मिलनी वाली पेंशन का पैसा बेटे की पढ़ाई पर खर्च होगा.

ईटीवी भारत को धन्यवाद

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान श्रवण शर्मा ने दिल खोलकर सीएम हेमंत सोरेन को दुआएं दी. साथ ही साथ ईटीवी भारत को धन्यवाद कहा. दिव्यांग अमृत बहादुर ने भी फोन कर ईटीवी भारत को धन्यवाद देते हुए सीएम तक दुआएं पहुंचाने की अपील की.

ये भी पढ़ें-जिनके आगे हर मुसीबत हुई नतमस्तक, 8 साल पहले हादसे में हो गई थीं दिव्यांग, बच्चों के लिए समर्पित कर दी जिंदगी

सरकार आपके द्वार कैंप का जायजा

ईटीवी भारत पर खबर दिखाने के बाद दो दिव्यांग परिवारों के प्रति प्रशासन की सक्रियता चौंकाने वाली थी. लिहाजा, हमारी टीम रांची के नामकुम प्रखंड स्थित हुआंगहातू पंचायत में लगे सरकार आपके द्वार कैंप का जायजा लेने पहुंची. यहां का नजारा देखने लायक था. हुआंगहातू पंचायत के चार गांवों यानी हुआंगहातू, ककड़ा, सिंगरसराय और उलातू के लोग कैंप के पास जमा थे. कुछ नौजवान फॉर्म भरते दिखे. कोई किसी वृद्धा का फॉर्म भर रहा था कोई किसी विधवा का. नौजवानों से हमारी टीम ने बात की.

दूसरी तरफ मंच पर मौजूद जिला आपूर्ति पदाधिकारी माइक लेकर योजनाओं की जानकारी देते दिखे. सामाजिक सुरक्षा निदेशक ए डोडे ने बताया कि 28 दिसंबर तक सरकार आपके द्वार अभियान चलेगा. इस दौरान अलग-अलग पंचायत और वार्ड स्तर पर कैंप लगाकर जरूरतमंदों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाएगा.

क्या थी ईटीवी भारत की खबर

ईटीवी भारत की टीम बीते दिनों हेतु गांव पहुंची थी. यहां रहने वाले अमृत बहादुर सड़क हादसा में एक पैर गंवा चुके हैं. उनकी पत्नी दूसरे के घरों में बर्तन मांजकर दो पैसे जुटाती हैं. इनके पास सारे कागजात होने के बावजूद दिव्यांग पेंशन नहीं मिल रही थी. ऐसे ही जगन्नाथपुर के स्लम बस्ती में रहने वाले श्रवण शर्मा दोनों पैर से लाचार हैं. इनकी पत्नी भी दिव्यांग हैं. दोनों को कभी पेंशन मिलती थी, फिर अचानक सब बंद हो गया. ईटीवी भारत ने अमृत और श्रवण की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था और इसे जिम्मेदार अधिकारियों तक भी पहुंचाया था.

रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर चल रहे सरकार आपके द्वार अभियान का असर दिखने लगा है. 27 नवंबर को ईटीवी भारत पर रांची के दिव्यांग श्रवण शर्मा और अमृत बहादुर की लाचारी की खबर दिखायी गई थी. हमारी टीम ने सामाजिक सुरक्षा निदेशक ए डोडे को दोनों परिवारों की माली हालत से अवगत कराया था. सुकून की बात यह है कि ईटीवी भारत पर इस खबर के चलते ही जिला प्रशासन हरकत में आ गया. चंद घंटे के भीतर ही हेतु गांव में अमृत बहादुर और जगन्नाथपुर में श्रवण शर्मा के झोपड़ीनुमा घर के दरवाजे पर पदाधिकारियों का जमावड़ा लग गया.

वीडियो में देखिए पूरी खबर

ये भी पढ़ें-दिव्यांगों की पुकार, हमारी भी सुनो हेमंत सरकार, अफसर बोले- चिंता न करो आ रही सरकार आपके द्वार

ईटीवी भारत पर दिव्यांगों की बेबसी की खबर का संज्ञान लेकर अधिकारियों ने पलक झपकते ही दोनों दिव्यांगों की पेंशन लाभ से जुड़े कागजात तैयार करवा दिए. श्रवण को तो बैट्री से चलने वाली ट्राइसाइकिल भी मिल गई. सरकार की यह सौगात दोनों परिवार के लिए 'ड्रिम कम्स ट्रू' (dreams come true)जैसा था. फॉलो अप लेने जब हमारे ब्यूरो चीफ राजेश कुमार सिंह, दिव्यांग श्रवण के घर पहुंचे तो इस परिवार की खुशी छुपाए नहीं छुप रही थी. वह अपने बेटे को ट्राइसाइकिल पर बिठाकर घुमाते नजर आए. जीवन में आए इस बदलाव से उनकी दिव्यांग पत्नी बेहद खुश थी. श्रवण ने कहा कि अब बेटे को पढ़ाकर रहेंगे. पति-पत्नी को मिलनी वाली पेंशन का पैसा बेटे की पढ़ाई पर खर्च होगा.

ईटीवी भारत को धन्यवाद

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान श्रवण शर्मा ने दिल खोलकर सीएम हेमंत सोरेन को दुआएं दी. साथ ही साथ ईटीवी भारत को धन्यवाद कहा. दिव्यांग अमृत बहादुर ने भी फोन कर ईटीवी भारत को धन्यवाद देते हुए सीएम तक दुआएं पहुंचाने की अपील की.

ये भी पढ़ें-जिनके आगे हर मुसीबत हुई नतमस्तक, 8 साल पहले हादसे में हो गई थीं दिव्यांग, बच्चों के लिए समर्पित कर दी जिंदगी

सरकार आपके द्वार कैंप का जायजा

ईटीवी भारत पर खबर दिखाने के बाद दो दिव्यांग परिवारों के प्रति प्रशासन की सक्रियता चौंकाने वाली थी. लिहाजा, हमारी टीम रांची के नामकुम प्रखंड स्थित हुआंगहातू पंचायत में लगे सरकार आपके द्वार कैंप का जायजा लेने पहुंची. यहां का नजारा देखने लायक था. हुआंगहातू पंचायत के चार गांवों यानी हुआंगहातू, ककड़ा, सिंगरसराय और उलातू के लोग कैंप के पास जमा थे. कुछ नौजवान फॉर्म भरते दिखे. कोई किसी वृद्धा का फॉर्म भर रहा था कोई किसी विधवा का. नौजवानों से हमारी टीम ने बात की.

दूसरी तरफ मंच पर मौजूद जिला आपूर्ति पदाधिकारी माइक लेकर योजनाओं की जानकारी देते दिखे. सामाजिक सुरक्षा निदेशक ए डोडे ने बताया कि 28 दिसंबर तक सरकार आपके द्वार अभियान चलेगा. इस दौरान अलग-अलग पंचायत और वार्ड स्तर पर कैंप लगाकर जरूरतमंदों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाएगा.

क्या थी ईटीवी भारत की खबर

ईटीवी भारत की टीम बीते दिनों हेतु गांव पहुंची थी. यहां रहने वाले अमृत बहादुर सड़क हादसा में एक पैर गंवा चुके हैं. उनकी पत्नी दूसरे के घरों में बर्तन मांजकर दो पैसे जुटाती हैं. इनके पास सारे कागजात होने के बावजूद दिव्यांग पेंशन नहीं मिल रही थी. ऐसे ही जगन्नाथपुर के स्लम बस्ती में रहने वाले श्रवण शर्मा दोनों पैर से लाचार हैं. इनकी पत्नी भी दिव्यांग हैं. दोनों को कभी पेंशन मिलती थी, फिर अचानक सब बंद हो गया. ईटीवी भारत ने अमृत और श्रवण की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था और इसे जिम्मेदार अधिकारियों तक भी पहुंचाया था.

Last Updated : Dec 1, 2021, 8:52 AM IST
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