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भारत बायोटेक के बाद ऐस्ट्राजेनका का भी दावा, ओमीक्रोन वेरिएंट पर बूस्टर डोज कारगर

ऐस्ट्राजेनका का दावा है कि उसकी बूस्टर डोज ओमीक्रोन वेरिएंट पर पूरी तरह से कारगर (AstraZeneca claims third dose booster is effective on omicron) है. ऐस्ट्राजेनका कोविशील्ड नाम से भारत में वैक्सीन प्रदान करता है. इससे पहले ऐसा ही दावा कोवैक्सीन ने भी किया है. ऑक्सफोर्ड के एक अध्ययन रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मॉर्डना और फाइजर की एमआरएनए टीकों ने बूस्टर खुराक (booster is effective on omicron) के रूप में दिए जाने पर एंटीबॉडी को सबसे बड़ा बढ़ावा दिया.

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कोविशील्ड
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Published : Jan 13, 2022, 5:54 PM IST

हैदराबाद : भारत में कोविशील्ड के नाम से दी जाने वाली ऐस्ट्राजेनका की बूस्टर डोज ओमीक्रोन वेरिएंट के खिलाफ एंटीबॉडी को बढ़ाने में कारगर पाई गई है. ब्रिटिश-स्वीडिश दवा निमार्ता द्वारा गुरुवार को प्रकाशित एक नए परीक्षण के अनुसार, एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन की तीसरी डोज शरीर में ओमीक्रोन से लड़ने में कारगर एंटीबॉडीज को बढ़ाने में प्रभावी पाई गई है (AstraZeneca claims third dose booster is effective on omicron).

परीक्षण से पता चला कि तीसरी बूस्टर डोज बीटा, डेल्टा, अल्फा और गामा वेरिएंट के लिए प्रतिरक्षा को भी बढ़ाती है. दोनों के परिणाम पहले ब्रिटेन में एस्ट्राजेनेका, वैक्सजेवरिया, या एक एमआरएनए टीका लगवा चुके व्यक्तियों के बीच देखे गए थे. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में ऑक्सफोर्ड वैक्सीन समूह के जांचकर्ता और प्रोफेसर सर एंड्रयू जे पोलार्ड, ने एक बयान में कहा इन महत्वपूर्ण अध्ययनों से पता चलता है कि एक ही टीके की दो प्रारंभिक खुराक के बाद या एमआरएनए या निष्क्रिय टीकों के बाद वैक्सजेवरिया की तीसरी खुराक, कोविड के खिलाफ प्रतिरक्षा को मजबूती से बढ़ाती है.

उन्होंने कहा, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन बूस्टर अपनी आबादी में प्रतिरक्षा बढ़ाने के विकल्प के खोजने वाले देशों के लिए एक विकल्प के रूप में उपयुक्त है, जहां लोगों को पहले ही दो डोज लगाए जा चुके हैं. हाल ही के एक अध्ययन से पता चला है कि एस्ट्राजेनेका के शॉट ने अपनी पहली दो डोज या एमआरएनए-आधारित फाइजर के साथ प्रारंभिक टीकाकरण के बाद बूस्टर के रूप में दिए जाने पर एंटीबॉडी में वृद्धि की.

लेकिन अध्ययन में यह भी पता चला है कि फाइजर और मॉडर्ना की एमआरएनए टीकों ने बूस्टर खुराक के रूप में दिए जाने पर एंटीबॉडी को सबसे बड़ा बढ़ावा (booster is effective on omicron) दिया. एस्ट्राजेनेका में बायोफार्मास्युटिकल्स शोध एवं विकास काय्रक्रम के कार्यकारी उपाध्यक्ष मेने पंगालोस ने कहा, महामारी की गंभीरता और ओमीक्रॉन के लिए वैक्सजेवरिया की बढ़ी हुई प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को देखते हुए, हम बूस्टर के रूप में इसके उपयोग के लिए दुनिया भर में नियामक अनुशंसा के लिए प्रगति जारी रखेंगे.

इस बीच, एस्ट्राजेनेका ने गुरुवार को अपनी एंटीबॉडी दवा इवुशेल्ड की अतिरिक्त 500,000 खुराक की खरीद के लिए अमेरिकी सरकार की घोषणा का भी स्वागत किया. एफडीए ने पिछले महीने, इवुशेल्ड के आपातकालीन उपयोग को मंजूरी प्रदान की थी. यह दवा कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए सिल्गाविमैब के टिक्सगेविमैब का मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल है जिसे इंजेक्शन के जरिए दिया जाता है.

यह कोविड के खिलाफ पहला एंटीबॉडी उपचार है जिसने दवा नियामक यूएई ने भी मान्यता दी है और एवुशेल्ड ओमिक्रोन के खिलाफ भी प्रभावी है. कंपनी ने एक बयान में कहा कि 2022 की पहली तिमाही में अतिरिक्त 500,000 खुराक की आपूर्ति की उम्मीद है.

ये भी पढ़ें : कोवैक्सीन की बूस्टर डोज में Omicron, Delta वेरिएंट के संक्रमण को रोकने की क्षमता : भारत बायोटेक

(IANS)

हैदराबाद : भारत में कोविशील्ड के नाम से दी जाने वाली ऐस्ट्राजेनका की बूस्टर डोज ओमीक्रोन वेरिएंट के खिलाफ एंटीबॉडी को बढ़ाने में कारगर पाई गई है. ब्रिटिश-स्वीडिश दवा निमार्ता द्वारा गुरुवार को प्रकाशित एक नए परीक्षण के अनुसार, एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन की तीसरी डोज शरीर में ओमीक्रोन से लड़ने में कारगर एंटीबॉडीज को बढ़ाने में प्रभावी पाई गई है (AstraZeneca claims third dose booster is effective on omicron).

परीक्षण से पता चला कि तीसरी बूस्टर डोज बीटा, डेल्टा, अल्फा और गामा वेरिएंट के लिए प्रतिरक्षा को भी बढ़ाती है. दोनों के परिणाम पहले ब्रिटेन में एस्ट्राजेनेका, वैक्सजेवरिया, या एक एमआरएनए टीका लगवा चुके व्यक्तियों के बीच देखे गए थे. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में ऑक्सफोर्ड वैक्सीन समूह के जांचकर्ता और प्रोफेसर सर एंड्रयू जे पोलार्ड, ने एक बयान में कहा इन महत्वपूर्ण अध्ययनों से पता चलता है कि एक ही टीके की दो प्रारंभिक खुराक के बाद या एमआरएनए या निष्क्रिय टीकों के बाद वैक्सजेवरिया की तीसरी खुराक, कोविड के खिलाफ प्रतिरक्षा को मजबूती से बढ़ाती है.

उन्होंने कहा, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन बूस्टर अपनी आबादी में प्रतिरक्षा बढ़ाने के विकल्प के खोजने वाले देशों के लिए एक विकल्प के रूप में उपयुक्त है, जहां लोगों को पहले ही दो डोज लगाए जा चुके हैं. हाल ही के एक अध्ययन से पता चला है कि एस्ट्राजेनेका के शॉट ने अपनी पहली दो डोज या एमआरएनए-आधारित फाइजर के साथ प्रारंभिक टीकाकरण के बाद बूस्टर के रूप में दिए जाने पर एंटीबॉडी में वृद्धि की.

लेकिन अध्ययन में यह भी पता चला है कि फाइजर और मॉडर्ना की एमआरएनए टीकों ने बूस्टर खुराक के रूप में दिए जाने पर एंटीबॉडी को सबसे बड़ा बढ़ावा (booster is effective on omicron) दिया. एस्ट्राजेनेका में बायोफार्मास्युटिकल्स शोध एवं विकास काय्रक्रम के कार्यकारी उपाध्यक्ष मेने पंगालोस ने कहा, महामारी की गंभीरता और ओमीक्रॉन के लिए वैक्सजेवरिया की बढ़ी हुई प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को देखते हुए, हम बूस्टर के रूप में इसके उपयोग के लिए दुनिया भर में नियामक अनुशंसा के लिए प्रगति जारी रखेंगे.

इस बीच, एस्ट्राजेनेका ने गुरुवार को अपनी एंटीबॉडी दवा इवुशेल्ड की अतिरिक्त 500,000 खुराक की खरीद के लिए अमेरिकी सरकार की घोषणा का भी स्वागत किया. एफडीए ने पिछले महीने, इवुशेल्ड के आपातकालीन उपयोग को मंजूरी प्रदान की थी. यह दवा कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए सिल्गाविमैब के टिक्सगेविमैब का मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल है जिसे इंजेक्शन के जरिए दिया जाता है.

यह कोविड के खिलाफ पहला एंटीबॉडी उपचार है जिसने दवा नियामक यूएई ने भी मान्यता दी है और एवुशेल्ड ओमिक्रोन के खिलाफ भी प्रभावी है. कंपनी ने एक बयान में कहा कि 2022 की पहली तिमाही में अतिरिक्त 500,000 खुराक की आपूर्ति की उम्मीद है.

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(IANS)

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