नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर आरक्षण अधिनियम 2004 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 में संशोधन का विधेयक मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लोकसभा में पेश किए जाने की संभावना है. जम्मू- कश्मीर आरक्षण अधिनियम कुछ आरक्षित श्रेणियों के लिए राज्य सरकार के पदों पर नियुक्ति और पेशेवर संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण प्रदान करता है. विधेयक आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए व्यावसायिक संस्थानों में आरक्षण का प्रावधान करता है.
![केंद्रीय गृह मंत्री](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/05-12-2023/20188115_shah.jpg)
जम्मू-कश्मीर, लद्दाख को पुनर्गठित करने का प्रावधान: जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 जम्मू- कश्मीर राज्य को जम्मू- कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठित करने का प्रावधान करता है. विधेयक जम्मू- कश्मीर विधान सभा में सीटों की कुल संख्या 83 से बढ़ाकर 90 कर देता है. यह अनुसूचित जाति के लिए सात सीटें और अनुसूचित जनजाति के लिए नौ सीटें भी आरक्षित करता है.
इसके अलावा मंगलवार को भारी उद्योग मंत्रालय के लिए कृष्ण पाल, संजीव कुमार बालियान मत्स्य पालन के लिए व अन्य सांसद डॉक्यूमेंट पटल पर रखेंगे. महासचिव डाकघर विधेयक, 2023 के संबंध में राज्यसभा से एक संदेश की रिपोर्ट देंगे. 'वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम पर सांसद सुशील कुमार सिंह द्वारा पूछे गए एक अतारांकित प्रश्न के 8 अगस्त को दिए गए उत्तर को सही करते हुए निसिथ प्रमाणिक एक बयान देंगे.
वह जवाब को सही करने में देरी के कारण भी बताएंगे. संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को दो विधेयक पारित किये गए. भारतीय न्याय संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 पर स्थायी समिति की रिपोर्ट दोनों सदनों में पेश की गई. सांसद और गृह मामलों की विभाग-संबंधित संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष बृज लाल द्वारा 10 नवंबर को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को रिपोर्ट सौंपी गई थी.
एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट: एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट जो तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ कैश-फॉर-क्वेरी आरोपों की जांच की, लोकसभा में पेश नहीं की गई, हालांकि यह सूचीबद्ध एजेंडे में थी. राज्यसभा ने भारतीय डाकघर अधिनियम, 1898 को निरस्त करने और भारत में डाकघरों से संबंधित कानून को समेकित और संशोधित करने के लिए विधेयक पारित किया.
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