लुधियाना/बठिंडा : पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस (Captain Amarinder Singhs party Punjab Lok Congress) के छह उम्मीदवारों ने पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने से इनकार (Refusal to contest elections on the symbol of hockey stick ball) कर दिया है. उनका कहना है कि वह भाजपा के चुनाव चिह्न कमल पर चुनाव लड़ेंगे. यह मांग इसलिए हुई है क्योंकि ये शहरी सीटें हैं. जहां बीजेपी को मजबूत माना जा रहा है. यह जानकर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बीजेपी से बातचीत शुरू कर दी है.
इन सीटों पर उम्मीदवारों की मांग
कैप्टन की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस को टिकट वितरण में ये सीटें मिली हैं. शहरों में पीएलसी उम्मीदवारों के पोस्टर पर पीएम मोदी के पोस्टर लगे हैं. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार उम्मीदवार ने बठिंडा अर्बन, लुधियाना ईस्ट, लुधियाना साउथ और आत्मानगर सीटों से कमल का चुनाव चिह्न मांगा है. इनके अलावा दो और प्रत्याशी भी यही मांग कर रहे हैं. इन उम्मीदवारों का कहना है कि शहरी सीटों की वजह से वे कमल पर चुनाव लड़ना चाहते हैं.
कमल का फूल लोकप्रिय
पीएलसी उम्मीदवार राज नंबरदार ने कहा कि मैं कप्तान के साथ हूं लेकिन जनता कहती है कि हॉकी स्टिक-बॉल लोकप्रिय नहीं है तो कमल का फूल ले लो. मैंने कैप्टन से गुजारिश की और उन्होंने बीजेपी से बात करके मुझे कमल दिया है. कमल का फूल शहरों में पसंद किया जा रहा है. लुधियाना पूर्व निर्वाचन क्षेत्र से पंजाब लोक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष जगमोहन शर्मा के पोस्टरों से हॉकी बॉल गायब और कमल का फूल पहले से ही दिखाई दे रहा है. जब उनसे बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम बीजेपी की पंजाब लोक कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार हैं लेकिन शहरों में हम कमल के फूल से चुनाव लड़ रहे हैं.
कांग्रेस ने ली चुटकी
लुधियाना पूर्व से कांग्रेस उम्मीदवार संजय तलवार ने कहा है कि जो उम्मीदवार अपनी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं, आप पार्टी के आधार की कल्पना कर सकते हैं. संजय तलवार ने तो यहां तक कह दिया कि शायद कैप्टन को अब समझ आ गया था कि उनका आधार भी कांग्रेस पार्टी के पास ही है. उन्होंने कहा कि वे वोट की राजनीति कर रहे हैं, कोई कमल पर और कुछ हॉकी गेंद पर चुनाव लड़ रहे हैं.
अकाली दल की प्रतिक्रिया भी आई
अकाली दल के वरिष्ठ नेता महेशिंदर ग्रेवाल ने यह कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह अब सेवानिवृत्त हो गए हैं. इसलिए उन्होंने भाजपा के चुनाव चिह्न पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि यह वोट बैंक की राजनीति है. हर दल का चुनाव चिह्न उसका चुनाव चिह्न है. जब पार्टी के उम्मीदवार पार्टी का चुनाव चिन्ह छोड़ते हैं तो इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पार्टी का आधार कितना है.
आप नेताओं ने उठाए सवाल
आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कहा कि BJP और CAPTAIN मिलकर जितना चाहें उतना प्रयास करें लेकिन गांवों और शहरों के लोग उन्हें स्वीकार नहीं करेंगे. क्योंकि वे उन सैकड़ों किसानों के लिए जिम्मेदार हैं जो किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए थे.
कैप्टन की पार्टी में शामिल नहीं हुए कांग्रेस विधायक
यह पहली बार नहीं है जब नेताओं ने कैप्टन की पार्टी से दूरी बना ली हो. इससे पहले कांग्रेस छोड़कर विधायक राणा सोढ़ी, फतेह जंग बाजवा और हरजोत कमल कैप्टन की पार्टी की जगह भाजपा में शामिल हुए. बता दें कि पंजाब में पहली बार कैप्टन अमरिंदर सिंह बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. जिसमें सुखदेव ढींडसा की पार्टी शिअद संयुक्त रुप से लड़ रही है. गठबंधन में भाजपा 65 सीटों पर, कैप्टन की पंजाब लोक कांग्रेस 37 और शिअद संयुक्त 15 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.