हैदराबाद : वर्ष 2022 के अंत तक तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर की 125 फीट ऊंची प्रतिमा का अनवारण किया जाएगा. यह डॉ बी. आर. आंबेडकर की दुनिया भर लगाई गई प्रतिमाओं में सबसे ऊंची होगी. इसे हैदराबाद शहर के बीच में हुसैन सागर झील के पास बनाया जा रहा है.
नगर निगम प्रशासन और शहरी विकास मंत्री के टी रामाराव (KTR) ने बुधवार को समाज कल्याण मंत्री कोप्पुला ईश्वर के साथ 150 करोड़ रुपये की लागत से बन रही बाबा साहेब की कांस्य प्रतिमा के काम की समीक्षा की. प्रतिमा को 50 फीट की चौकी पर स्थापित किया जाएगा. केटीआर ने कहा कि प्रतिमा के लिए आधार बनाने का काम 90-95 प्रतिशत पूरा हो चुका है. यह प्रतिमा 45 फीट चौड़ी होगी. इसके निर्माण में नौ टन कांसा और 155 टन स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल किया जाएगा.
के टी रामाराव (KTR) ने बताया कि डॉ बी. आर. अंबेडकर की प्रतिमा के चारों ओर 11 एकड़ क्षेत्र को पर्यटन के लिए विकसित किया जाएगा. यह सिर्फ तेलंगाना के लोगों के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्थान होगा. इसके अलावा यहां डॉ अंबेडकर के जीवन और कार्यों को एक संग्रहालय, एक फोटो गैलरी और एक पुस्तकालय के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा. इसके पास एक मेडिटेशन सेंटर और मीटिंग हॉल भी बनाया जाएगा. केटीआर ने कहा कि प्रतिमा के निर्माण के काम की समाज कल्याण मंत्री नियमित रूप से निगरानी कर रहे हैं. प्रतिमास्थल के पास विकसित किए जा रहे पर्यटन स्थल पर टायलेट, कैंटीन और पार्किंग जैसी तमाम सुविधाएं होंगी.
केटीआर ने कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव सभी वर्ग के लोगों के कल्याण के लिए काम कर डॉ अंबेडकर के नक्शेकदम पर चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर की सबसे ऊंची प्रतिमा का निर्माण मुख्यमंत्री का सपना था. उन्होंने 14 अप्रैल, 2016 को डॉ अंबेडकर की 125 वीं जयंती समारोह के अवसर पर इस परियोजना की नींव रखी थी. इस प्रोजेक्ट को 14 अप्रैल, 2017 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था. मगर इसके निर्माण पर काम पांच साल से अधिक की देरी के बाद शुरू हो सका. अधिकारियों ने सबसे ऊंची मूर्तियों की जांच के लिए चीन और सिंगापुर जैसे विभिन्न देशों का दौरा किया. सितंबर 2020 में इसकी डिजाइन को अंतिम रूप देने से पहले बड़ी मूर्तियों की देखरेख करने वाले विशेषज्ञों के साथ बैठक की गई. उन्होंने बताया कि 2022 के अंत तक बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा.
(आईएएऩएस)