पटना: बिहार के पटना का ऐतिहासिक गांधी मैदान फिर से ऐतिहासिक कार्यक्रम का गवाह बना. बिहार सरकार ने 120000 युवाओं को सरकारी नौकरी दी है. गांधी मैदान में शिक्षक नियुक्ति वितरण समारोह का आयोजन किया गया और बीपीएससी पास शिक्षक अभ्यर्थियों के बीच नियुक्ति पत्र बांटा गया. इस दौरान बाहरी नवनियुक्त शिक्षकों को भी नियुक्ति पत्र सौंपा गया. तमाम लोगों ने सरकार को धन्यवाद देते हुए ईमानदारी से अपना फर्ज निभाने का वादा किया
दूसरे राज्यों के शिक्षक बने बिहार में टीचर: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस दौरान खुद अपने हाथों से नवनियुक्त शिक्षकों को लेटर दिया. खास बात यह रहे की बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों के युवाओं को भी बिहार में नौकरी मिली है. गांधी मैदान में दूसरे राज्य के युवा भी नौकरी पाकर खुश दिखे. अब तक की सबसे बड़ी नियुक्ति वितरण समारोह आयोजित की गई. इस समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत कई नेता शामिल हुए.
दूसरे राज्यों से 12 फीसदी शिक्षक: आपको बता दें कि 120000 से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की गई है. 12% शिक्षक दूसरे राज्यों से हैं. कुल मिलाकर 21000 से अधिक युवा ऐसे हैं जो दूसरे राज्यों के हैं और उन्हें नौकरी मिली है. इसमें युवतियों की संख्या भी अच्छी खासी है. उत्तर प्रदेश के युवाओं को भी अच्छी खासी संख्या में नौकरी मिली है. खास तौर पर नौकरी हासिल करने वाली महिलाओं के चेहरे आत्मविश्वास से लबरेज थे.
"बिहार में हमें करियर बनाने का सुनहरा मौका मिला है. मैं मुख्यमंत्री जी का धन्यवाद करती हूं. उत्तर प्रदेश में वैकेंसी नहीं निकल रही थी, इस वजह से मैंने बिहार में अप्लाई किया था और मुझे नौकरी मिली. मैं शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठने के लिए काम करूंगी."-आयुषी बाजपेई, नवनियुक्त शिक्षिका, हरदोई
टीचिंग मेरा शौक और जुनून है. इस वजह से मैं बिहार में नौकरी करने आई हूं. मैं पढ़ाने में 100% दूंगी और शिक्षा के स्तर को ऊंचा करने में अपनी भूमिका निभाऊंगी. उत्तर प्रदेश मैंने छोड़ा नहीं है. अपने जुनून के लिए शिक्षक बनने का फैसला लिया है.-ममता यादव, नवनियुक्त शिक्षिका, बनारस
मैं मुख्यमंत्री और बिहार लोक सेवा आयोग का शुक्रिया अदा करती हूं. मैं पूरे मन के साथ अध्यापन का कार्य करूंगी. मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को भी मैं धन्यवाद करती हूं. -प्रतिष्ठा ठाकुर ,नवनियुक्त शिक्षिका, उत्तर प्रदेश
अन्य राज्यों की एंट्री पर सियासत तेज: इस बार की नियुक्ति डोमिसाइल नीति की वजह से विवादों में आ गई है. इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन मांझी ने कहा है कि युवाओं को नौकरी तो दी जा रही है लेकिन अपने राज्यों के युवाओं की हकमारी हो रही है. डोमिसाइल नीति नहीं लागू होने के चलते बिहार के युवाओं का नुकसान हो रहा है.
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