हैदराबाद: जैसे-जैसे भारत में कारों की मार्केट तेजी बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे कार ग्राहक अब ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन कई रिपोर्ट्स की माने तो अभी भी ऑटोमेटिक कार चुनने वाले लोगों की संख्या से ज्यादा मैनुअल कार चुनने वालों की संख्या ज्यादा है. तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर ऐसे क्या कारण हैं, जो भारतीय ग्राहक मैनुअल कारों को ज्यादा पसंद करते हैं.
1. ऑटोमेटिक कारों की जगह मैनुअल कारों को क्यों चुन रहे हैं भारतीय: भारत में COVID-19 महामारी के बाद कई ग्राहक ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली कारें चुन रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इसे चलाना आसान होता है, खासकर बंपर-टू-बंपर ट्रैफिक में यह ज्यादा सुविधाजनक होती है.
इसमें बार-बार गियर बदलने और क्लच दबाने की जरूरत नहीं पड़ती है. हालांकि, ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाहनों की अच्छी मांग के बावजूद, कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि भारत में अधिकांश लोग मैनुअल ट्रांसमिशन कारें खरीदने में रुचि रखते हैं.
2. कीमत में बड़ा अंतर: मैनुअल कारों को पसंद करने का सबसे बड़ा कारण है इनके बीच कीमत का अंतर. एक ही कार के ऑटोमेटिक और मैनुअल वेरिएंट के बीच करीब 80,000 रुपये से 1 लाख रुपये तक का अंतर आता है. एक मैनुअल कार अपने ऑटोमेटिक वेरिएंट के मुकाबले कम कीमत पर मिलती है. इसलिए भारतीय ग्राहक पैसों की बचत के लिए मैनुअल कारों को खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं.
3. इंश्योरेंस की लागत भी ज्यादा: ऑटोमेटिक कार की कीमत ही ज्यादा नहीं होती, बल्कि इसके लिए बीमा कंपनियों इंश्योरेंस भी ज्यादा कीमत पर प्रदान करती हैं. चूंकि वाहन महंगा ज्यादा होता है, इसलिए इसकी बीमा लागत भी ज्यादा होती है. ऐसे में कई ग्राहक बीमा लागत में कमी लाने के लिए मैनुअल कारों को खरीदना पसंद करते हैं.
4. रखरखाव की लागत में बढ़ोतरी: ऑटोमेटिक कारों के गियरबॉक्स की संरचना मैनुअल कारों के मुकाबले ज्यादा जटिल होती है. इसलिए इसका रखरखाव भी ज्यादा करना पड़ता है. अब यह तो साफ है कि जिसका रखरखाव ज्यादा होगा उसकी मेंटनेंस कॉस्ट तो अपने आप ही बढ़ जाएगी. वहीं दूसरी ओर मैनुअल कारों के रखरखाव की लागत कम होती है. एक यह वजह भी है कि भारतीय ग्राहक मैनुअल कारों को लेना पसंद करते हैं.
5. विश्वसनीयता: ऑटोमैटिक गियरबॉक्स मैनुअल गियरबॉक्स की तुलना में कम विश्वसनीय होते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक और बड़ा कारण है कि भारत में अधिक लोग मैनुअल कारें खरीदना पसंद करते हैं. साथ ही, मैनुअल गियरबॉक्स तकनीकी रूप से उन्नत है. यह एएमटी वेरिएंट की तुलना में लंबे समय से परिचालन में है.
6. आसानी से नहीं होता रिपेयर: जैसा कि हमने आपको बताया कि ऑटोमेटिक गियरबॉक्स की संरचना मैनुअल गियरबॉक्स के मुकाबले ज्यादा जटिल होती है, ऐसे में कोई खराबी आने पर इसे रिपेयर कराना भी मुश्किल होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि हर मैकेनिक ऑटोमेटिक कार को रिपेयर करने में सक्षम नहीं होता है और ऐसे में सही मैकेनिक को ढूंढना बहुत मुश्किल होता है. वहीं मैनुअल गियरबॉक्स के मैकेनिक को ढूंढना आसान होता है.
7. ओवरहीटिंग और जर्की राइड: ऑटोमेटिक कारें बंपर-टू-बंपर ट्रैफिक में बेहतर तो होती हैं, लेकिन ज्यादा देर ट्रैफिक में चलने पर इनका गियरबॉक्स ज्यादा गर्म हो जाता है. जबकि मैनुअल गियरबॉक्स सिस्टम इन समस्याओं से सामना नहीं करता पड़ता है.
भारतीयों द्वारा मैनुअल कारों को चुनने का एक और कारण है ड्राइविंग एक्सपीरिएंस. कई कार मालिकों की मानें तो मैनुअल गियर आपको कार ज्यादा नियंत्रण प्रदान करते हैं. यही वो मुख्य कारण हैं, जिनकी वजह से भारतीय ऑटोमेटिक कारों के स्थान पर मैनुअल कार लेना ज्यादा पसंद करते हैं.