नई दिल्ली: मशहूर प्लेबैक सिंगर अलका याग्निक ने हाल ही में अपने सुनने की क्षमता खो दी. इस बात की जानकारी उन्होंने खुद दी. सिंगर ने बताया कि उन्हें वायरल अटैक के कारण ‘सेंसरी न्यूररल नर्व हियरिंग लॉस’ हुआ है. इस इंफेक्शन के कारण कॉक्लियर (सुनने वाली तंत्रिका) प्रभावित होती है. उसमें सूजन आ जाती है. अगर आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत है, तब आप इसका प्रतिरोध कर पाते हैं, अन्यथा दिक्कत आती है.
अलका याग्निक लोगों को हेडफोन पर तेज आवाज में म्यूजिक और गाने सुनने को लेकर भी सावधान किया है. बता दें कि एक्स्पर्ट भी लंबे समय तक हेड फोन/ईयर फोन का उपयोग करने से बचने की सलाह देते हैं, खासकर ऊंची आवाज में. ऐसे में आइए जानते हैं कि हेडफोन लगाकर गाने सुनते वक्त हमें कितनी आवाज रखनी चाहिए और हमारे कान कितना शोर बर्दाश्त कर सकते हैं.
हो सकती है हियरिंग लॉस की समस्या
पहले की तुलना में ईयरफोन्स और ईयरबड्स का इस्तेमाल काफी ज्यादा बढ़ गया है.आज कल लोग यात्रा करने से लेकर किचन में काम के दौरान जमकर हेडफोन या ईयरफोन का इस्तेमाल करते हैं. चाहे वीडियो देखना हो, गाने सुनना हो या पॉडकास्ट सुनना हो इसके लिए लोग इन्हीं का इस्तेमाल करते हैं. हालांकि, हेडफोन में ज्यादा देर तक तेज आवाज में गाने सुनने से हियरिंग लॉस जैसी गंभीर समस्या हो सकती है.
हेडफोन पर कितनी देर सुनना चाहिए म्यूजिक
एक्स्पर्ट की मानें तो एक समय में अधिकतम 15-20 मिनट से ज्यादा ईयरफोन, ईयरबड्स या हेडफोन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इनके इस्तेमाल करते वक्त बीच-बीच में कानों को आराम देना चाहिए.
कितना शोर बर्दाश्त कर सकते हैं कान?
इसके अलावा हेडफोन या ईयरफोन्स से 85dB या इससे ज्यादा आवाज पर म्यूजिक नहीं सुनना चाहिए. अगर कोई शख्स इससे ज्यादा आवाज पर गाने सुनता है, तो उसे नॉइज इंड्यूस्ड हियरिंग लॉस (NIHL) हो सकता है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि ईयरफोन्स को 60 प्रतिशत तक की वॉल्यूम पर ही इस्तेमाल करना चाहिए. इस लिमिट को क्रॉस नहीं करना चाहिए.
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