नई दिल्ली : एक नई रिपोर्ट से यह बात सामने आई है कि भारत में केवल 4 प्रतिशत कंपनियों के पास ही साइबर सुरक्षा जोखिमों से निपटने की तैयारी है. सिस्को के 2024 साइबर सिक्योरिटी रेडीनेस इंडेक्स में कहा गया, ''साइबर हमलों से निपटने के लिए कंपनियों की तैयारी महत्वपूर्ण है. 82 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि अगले 12 से 24 महीनों में उनके कंपनियों की साइबर सुरक्षा में सेंध लग सकती है.''
वहीं 88 प्रतिशत कंपनियां अभी भी अपने मौजूदा बुनियादी ढांचे के साथ साइबर हमले से बचाव करने की अपनी क्षमता में आश्वस्त महसूस करती हैं. सिस्को में सुरक्षा और सहयोग के महाप्रबंधक जीतू पटेल ने कहा, "हम साइबर हमलों से निपटने के अपने आत्मविश्वास से आने वाले खतरे को कम नहीं आंक सकते." जीतू पटेल ने कहा, ''आज के समय में कंपनियों को एकीकृत प्लेटफार्मों में निवेश को प्राथमिकता देने के लिए एआई पर काम करने की जरूरत है.'' वैश्विक स्तर पर लगभग सभी (99 प्रतिशत) कंपनियों को अगले 12 महीनों में अपने साइबर सुरक्षा बजट में वृद्धि की उम्मीद है.
लगभग 71 प्रतिशत कंपनियां अगले 12 से 24 महीनों में अपने आईटी बुनियादी ढांचे को महत्वपूर्ण रूप से उन्नत करने की योजना बना रही हैं. सिस्को इंडिया और सार्क के सुरक्षा व्यवसाय के निदेशक समीर कुमार मिश्रा ने कहा, ''कंपनियों को उभरते खतरों से निपटने के लिए साइबर सुरक्षा रणनीति के हिस्से के रूप में एआई को फ्रंटलाइन में रखना होगा, ताकि उभरते खतरों के खिलाफ उनकी सुरक्षा को मजबूत किया जा सके.'