न्यूयॉर्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनियों के सीईओ को संबोधित करते हुए वैश्विक प्रौद्योगिकी और नवाचार केंद्र के रूप में भारत की बढ़ती स्थिति को दर्शाया. अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा के दूसरे दिन रविवार को न्यूयॉर्क में मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ राउंडटेबल बैठक में भाग लेते हुए प्रधानमंत्री ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र, इलेक्ट्रॉनिक्स और कार्यबल विकास में देश की प्रगति पर जोर दिया और वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रमुख प्लेयर बनने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि "हम 'भारत में डिजाइन' पर भी काफी जोर दे रहे हैं, ताकि हम दुनिया को कुछ नया दे सकें. सेमीकंडक्टर क्षेत्र में, हम 15 मिलियन अमरीकी डॉलर के अतिरिक्त निवेश के साथ आगे बढ़ रहे हैं."
सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी में भारत की बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि "सेमीकंडक्टर डिजाइन में, भारत पहले से ही 20 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है, और सरकार ने हाल ही में हर क्षेत्र के लिए 'भारत में डिजाइन' अभियान शुरू किया है."
उन्होंने कहा कि "हाल ही में, हमने उच्च स्तरीय अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए 12 बिलियन अमेरिकी डॉलर का अनुसंधान कोष भी स्थापित किया है, क्योंकि हम नवाचार पर विशेष जोर देना चाहते हैं." भारत के तेजी से बढ़ते इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के बारे में बोलते हुए मोदी ने इसके वर्तमान महत्व तथा 2030 तक इसे बढ़ाने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर जोर दिया.
पीएम मोदी ने कहा कि "आज हमारा इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र 150 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का है और हमारा लक्ष्य 2030 तक इसे 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाना है, जिससे हमें इस क्षेत्र में 6 मिलियन नए रोजगार सृजित करने में मदद मिलेगी. हम उद्योग के साथ यथासंभव सहयोग करने के लिए तैयार हैं और मैं इस दिशा में व्यवस्था को सक्रिय बनाने में सफल रहा हूं."
मोदी ने वैश्विक सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र आपूर्ति श्रृंखला में एक विश्वसनीय और भरोसेमंद भागीदार बनने की भारत की क्षमता की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि "भारत में वैश्विक सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम आपूर्ति श्रृंखला में एक विश्वसनीय और विश्वसनीय भागीदार बनने की पूरी क्षमता है. भारत की कार्यशील आबादी 500 मिलियन से अधिक है और भारत में औसत आयु 28 वर्ष है. महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे युवा STEM शिक्षा में बहुत रुचि दिखा रहे हैं और यहां तक कि लड़कियां भी सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं."
मोदी ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित में करियर बनाने में लड़कियों सहित भारतीय युवाओं के बीच बढ़ती रुचि और STEM शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि "उद्योग 4.0 के लिए, हम उद्योग-तैयार कार्यबल बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. आपके अनुभव और आवश्यकताओं के आधार पर, यदि हमें कोई उपयुक्त उत्पाद मिलता है, तो हम तेजी से आगे बढ़ सकते हैं और इसे तेजी से बढ़ा सकते हैं."
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि "हमारा लक्ष्य अगले 1-2 वर्षों में 85,000 तकनीशियनों, इंजीनियरों और अनुसंधान एवं विकास विशेषज्ञों को प्रशिक्षित करना है. हम एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाने का प्रयास कर रहे हैं जो उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप कौशल प्रदान करे." भारत अब दुनिया के सबसे जीवंत डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्रों में से एक है.
पीएम मोदी ने कहा, "भारत एक ऐसा देश है जिसके पास प्रौद्योगिकी, लोकतंत्र और एक संपन्न बाजार है. आज, भारत सबसे जीवंत डिजिटल पारिस्थितिकी प्रणालियों में से एक है। यह दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र है. इसके अतिरिक्त, भारत में वैश्विक स्तर पर युवा प्रतिभाओं का सबसे बड़ा पूल है."