नई दिल्ली : करोड़ों लोगों की जिंदगी में बदलाव लाने वाला भारत का डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) विदेशों में भी दोहराया जाएगा. केंद्र की ओर से यह जानकारी दी गई है. केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया कि डिजीलॉकर के 30 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं और 675 करोड़ से ज्यादा दस्तावेज उसकी मदद से जारी किए जा चुके हैं. मंत्री ने राज्यसभा में कहा कि अकेले जून में यूपीआई की मदद से 1,388 करोड़ वित्तीय लेनदेन पूरे किए गए.
बायोमेट्रिक और डेमोग्राफिक आधारित यूनिक डिजिटल आइडी आधार अब तक करीब 138 करोड़ लोगों को जारी किए जा चुके हैं. भारत की ओर से दुनिया के 10 देशों में इन डिजिटल सॉल्यूशंस को लागू करने के लिए एमओयू किए जा चुके हैं. इसमें आर्मेनिया, सिएरा लियोन, सूरीनाम, एंटीगुआ और बारबुडा, पापुआ न्यू गिनी, त्रिनिदाद और टोबैगो, तंजानिया, केन्या, क्यूबा और कोलंबिया शामिल है. डीपीआई का विकास अलग-अलग डोमेन में किया गया है. इसका उद्देश्य पहुंच, दक्षता और समावेशिता को बढ़ाना है.
मंत्री की ओर से कहा गया कि इंडिया स्टैक ग्लोबल को विकसित करने का उद्देश्य भारत के डीपीआई सफलता को वैश्विक मंच पर ले जाना. साथ ही मित्र देशों में इसे दोहराया जाएगा. भारत की अध्यक्षता में हुए जी20 सम्मेलन 2023 में ग्लोबल डीपीआई रिपॉजिटरी (जीडीपीआईआर) पोर्टल को डिजाइन, विकसित और पेश किया गया है. आरबीआई की ओर से शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत में डिजिटल पेमेंट में सालाना आधार पर 12.6 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला है. आरबीआई डिजिटल पेमेंट्स इंडेक्स (आरबीआई-डीपीआई) मार्च 2024 में बढ़कर 445.5 रहा है, जो कि सितंबर 2023 में 418.77 था और मार्च 2023 में 395.57 था.
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