चेन्नई: भारतीय वैज्ञानिक माइलस्वामी अन्नादुरई ने कहा है कि JUICE मिशन महत्वपूर्ण मिशन है, क्योंकि इसमें कई देश शामिल हैं. अन्नादुरई ने ईटीवी भारत से कहा, "JUICE जैसा मिशन असाधारण है, क्योंकि इसमें 13 से अधिक यूरोपीय देश शामिल हैं और अमेरिका भी इसका हिस्सा है. भारत को छोड़कर कई देश इस मिशन का हिस्सा हैं. यह चंद्रयान 1 जैसा ही है, जिसमें अमेरिका, फ्रांस, बुल्गारिया, जापान...यहां तक कि इटली ने भी भूमिका निभाई थी. इसलिए (मिशन में) काफी लोगों ने भूमिका निभाई थी और इस (JUICE) मिशन में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है. इसका स्तर बहुत अलग है. यह फ्लाईबाई मिशन की संभावना को दर्शाता है, विभिन्न ग्रह प्रणालियों के गुरुत्वाकर्षण का उपयोग करके हम एक ही मिशन से पूरे सौर मंडल से होकर गुजर सकते हैं."
माइलस्वामी अन्नादुरई के अनुसार, JUICE मिशन दर्शाता है कि अंतरिक्ष क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग ही सबसे महत्वपूर्ण है. अन्नादुरई ने कहा कि बृहस्पति के चंद्रमा पर जाने के लिए यह मिशन वास्तविकता बन रहा है, जिसमें लगभग 15 देश मिलकर उपग्रह बना रहे हैं और उसे लॉन्च कर रहे हैं. यह सुनिश्चित करना कि उचित मार्ग और उपकरण काम कर रहे हैं. यह नया विज्ञान है. इस तरह, यह दर्शाता है कि अंतरिक्ष वह क्षेत्र है जहां वास्तविक सफलता प्राप्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग ही सबसे महत्वपूर्ण है. उनका यह भी मानना है कि भारत इस मिशन का हिस्सा बन सकता है क्योंकि भारत का मानना है कि अंतरिक्ष का उद्देश्य पूरी मानवता के लिए होना चाहिए.
जूस मिशन इसरो के वैज्ञानिकों की सोच के अनुरूप...
अन्नादुरई को 'मून मैन ऑफ इंडिया' के रूप में जाना जाता है. उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष के लिए सामाजिक जरूरतों को पूरा करने से परे इसरो का यह भी मानना है कि हमें संसाधनों के दृष्टिकोण से या लंबे समय में मानव बस्ती की संभावना के लिए वैकल्पिक ग्रह प्रणाली खोजने की जरूरत है. इसलिए हमें तलाश करने की जरूरत है. अगर आप अलग-अलग देशों की बजाय परस्पर सहयोग के साथ आगे बढ़ते हैं, तो यह अच्छा है. शायद भविष्य में, भारत मिशन का अभिन्न अंग होगा. भारत ने चंद्रयान 1 जैसे मिशन का नेतृत्व किया है. भारत का मानना है कि अंतरिक्ष का उद्देश्य पूरी मानवता के लिए होना चाहिए. जूस मिशन इसरो के वैज्ञानिकों की सोच के अनुरूप है.
क्या है जूस मिशन
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के जूपिटर आइसी मून्स एक्सप्लोरर यानी जूस (JUICE) विशाल गैस ग्रह और उसके तीन बड़े महासागरीय चंद्रमाओं - गैनिमीड, कैलिस्टो और यूरोपा - का विस्तृत पर्यवेक्षण रिमोट सेंसिंग, भूभौतिकीय और इन सीटू उपकरणों के साथ करेगा. मिशन इन चंद्रमाओं को ग्रहीय पिंडों और संभावित आवासों दोनों के रूप में चिह्नित करेगा. बृहस्पति के जटिल वातावरण का गहराई से पता लगाएगा और ब्रह्मांड में गैस के लिए एक आदर्श के रूप में व्यापक बृहस्पति प्रणाली का अध्ययन करेगा. मिशन को 14 अप्रैल, 2023 को फ्रेंच गुयाना में यूरोप के स्पेसपोर्ट से लॉन्च किया गया था.
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