हैदराबाद: साल 2024 खत्म होने वाला है और 2025 शुरू होने वाला है. अगले साल चार महत्वपूर्ण खगोलीय घटनाएं होने वाली हैं. इनमें से दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण होंगे, लेकिन इनमें से केवल एक ही भारत से दिखाई देगा. इस घटना की जानकारी उज्जैन में जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने दी. पीटीआई से बात करते हुए, राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने आगामी ग्रहणों और उन स्थानों के बारे में बताया, जहां से उन्हें देखा जा सकेगा. तो चलिए जानते हैं इनके बारे में...
मार्च में होगा पहला चंद्रग्रहण
साल 2025 का पहला ग्रहण एक चंद्रग्रहण होने वाला है, जो 14 मार्च को घटित होगा और पूर्ण चंद्रग्रहण होगा. दुर्भाग्य से, इस खगोलीय घटना को भारत में नहीं देखा जा सकेगा, क्योंकि यह दिन के समय होने वाला है. गुप्त ने बताया कि "चंद्रग्रहण अमेरिका, पश्चिमी यूरोप, पश्चिमी अफ्रीका और उत्तरी और दक्षिणी अटलांटिक महासागर जैसे क्षेत्रों में दिखाई देगा."
मार्च से होगा आंशिक सूर्यग्रहण
इसके बाद मार्च माह के आखिर में 29 तारीख को आंशिक सूर्यग्रहण होने वाला है. हालांकि, भारतीय आकाशदर्शी इसे देखने में भी वंचित रहेंगे. इसके बारे में जानकारी देते हुए गुप्त ने कहा कि "यह ग्रहण उत्तरी अमेरिका, ग्रीनलैंड, आइसलैंड, उत्तरी अटलांटिक महासागर, यूरोप और उत्तर-पश्चिमी रूस में दिखाई देगा."
सितंबर से होगा पूर्ण चंद्रग्रहण
भारतीय खगोल विज्ञान के प्रति उत्साही लोग 7-8 सितंबर का बेसब्री से इंतजार कर सकते हैं, जब पूरे देश में पूर्ण चंद्रग्रहण दिखाई देगा. गुप्त ने कहा कि "पूर्ण चंद्रग्रहण एशिया के अन्य देशों के साथ-साथ यूरोप, अंटार्कटिका, पश्चिमी प्रशांत महासागर, ऑस्ट्रेलिया और हिंद महासागर क्षेत्र में भी दिखाई देगा." यह खगोलीय घटना रात 8:58 बजे से सुबह 2:25 बजे तक चलेगी, जिससे चंद्रमा गहरे लाल रंग का दिखाई देगा.
सितंबर 2025 में ही होगा आखिरी ग्रहण
साल 2025 की आखिरी खगोलीय घटना 21-22 सितंबर को होगी, जोकि एक आंशिक सूर्य ग्रहण होने वाला है. यह भी भारत में दिखाई नहीं देगा. गुप्त ने कहा कि "आंशिक सूर्य ग्रहण न्यूजीलैंड, पूर्वी मेलानेशिया, दक्षिणी पोलिनेशिया और पश्चिमी अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा."
तीन बार देख सकेंगे उल्का वर्षा
इसके अलावा भारत में तीन प्रमुख उल्का वर्षा भी देखने को मिलेगी, जिसकी शुरुआत 3-4 जनवरी को क्वाड्रेंटिड्स से होगी, जहां प्रति घंटे 80-120 उल्काएं रात के आसमान को रोशन करेंगी. इसके बाद 12-13 अगस्त को दिखाई देने वाले पर्सिड्स में प्रति घंटे 100 उल्काएं दिखाई देंगी और 14-15 दिसंबर को जेमिनिड्स में प्रति घंटे 150 उल्काएं दिखाई देंगी. इन उल्का वर्षा को देखने के लिए किसी विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे हर कोई इस नजारे का आनंद ले सकेगा.
अन्य खगोलीय घटनाएं
इसके अलावा साल 2025 में, तीन सुपरमून भी आसमान में दिखाई देंगे, जोकि 7 अक्टूबर, 5 नवंबर और 5 दिसंबर को होंगे. ये सामान्य से बड़े और चमकीले दिखाई देंगे, जिससे एक शानदार नज़ारा देखने को मिलेगा. इसके अलावा 16 जनवरी को, दुर्लभ मार्स अपोजीशन दिखाई देगा, जो हर 2 साल और 50 दिनों में होता है, इसमें लाल ग्रह पृथ्वी के करीब आ जाता है.