हैदराबाद: एलन मस्क के स्वामित्व वाली SpaceX ने रविवार को अपने लॉन्च पैड में यांत्रिक भुजाओं का उपयोग करके अपने स्टारशिप रॉकेट के वापस लौट रहे बूस्टर को सफलतापूर्वक रोक लिया, जो एक जबरदस्त उपलब्धि थी. यह पहली बार है जब कंपनी ने रॉकेट बूस्टर को तैरते समुद्री प्लेटफॉर्म पर उतारने के बजाय सीधे लॉन्च पैड पर ही लैंड कराया है. SpaceX पिछले लगभग नौ सालों से अपने छोटे Falcon 9 रॉकेट के पहले चरण के बूस्टर को इसी तरीके से रिकवर कर रहा है.
मस्क ने अपने स्वामित्व वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उसी क्षण का आश्चर्यजनक वीडियो साझा किया. स्टारशिप रॉकेट के वापस लौटते बूस्टर को लॉन्च के सात मिनट बाद उसके लॉन्च पैड की यांत्रिक भुजाओं ने सुरक्षित रूप से पकड़ लिया. लॉन्च टॉवर पर विशालकाय धातु की भुजाएं लगी हुई थीं, जिन्हें चॉपस्टिक कहा जाता है, जिन्होंने 232-फुट (71-मीटर) नीचे उतरते बूस्टर को पकड़ लिया.
The tower has caught the rocket!!
— Elon Musk (@elonmusk) October 13, 2024
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कंपनी के इंजीनियर अपनी इस उपलब्धि से बेहद खुश हैं. स्पेसएक्स के डैन ह्यूट, जिन्होंने लॉन्च साइट के पास से लैंडिंग देखी, ने कहा कि "आज के दौर में भी, हमने जो देखा वह जादू है. मैं अभी कांप रहा हूं." कैलिफोर्निया के हॉथोर्न स्थित स्पेसएक्स मुख्यालय से स्पेसएक्स की केट टाइस ने कहा कि "मित्रों, यह इंजीनियरिंग के इतिहास का दिन है."
लॉन्च पैड पर पहली सफल रिकवरी ने अंतरिक्ष पर्यटन के प्रति उत्साही लोगों की आशाओं को प्रज्वलित कर दिया है तथा अंतरिक्ष से वापसी के दौरान पृथ्वी पर सुरक्षित लैंडिंग की उम्मीद जगा दी है. भारत के आनंद महिंद्रा ने एक्स पर एक पोस्ट में अपना उत्साह साझा किया.
उन्होंने लिखा कि "और इस रविवार, मैं सोफे पर बैठकर खुश हूं, इसका मतलब है कि मुझे इतिहास बनते हुए देखने का मौका मिलेगा. यह प्रयोग शायद वह महत्वपूर्ण क्षण हो सकता है, जब अंतरिक्ष यात्रा को लोकतांत्रिक बनाया गया और इसे नियमित बनाया गया. मैं अपना टिकट कहां से खरीद सकता हूं, @elonmusk?."
SpaceX ने स्टारशिप रॉकेट की पांचवीं परीक्षण उड़ान के दौरान यह उपलब्धि हासिल की. यह 'कैच-लैंडिंग' विधि कंपनी की पूरी तरह से पुन: प्रयोज्य रॉकेट विकसित करने की दिशा में नवीनतम प्रगति है जो अंतरिक्ष की कक्षा में अधिक कार्गो उठा सकता है. मस्क पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण वाहनों का उपयोग करके मनुष्यों को चंद्रमा और अंततः मंगल ग्रह तक ले जाने की भी कल्पना करते हैं.