नई दिल्ली: त्योहारी सीजन से पहले, कई पैसेंजर और कमर्शियल वाहन निर्माता कंपनियों ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ बैठक के बाद पुराने वाहनों को कबाड़ में बदलने के बदले नए वाहन खरीदने पर 1.5 - 3 प्रतिशत की छूट देने पर सहमति जताई है. मंगलवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी सामने आई. बयान में आगे कहा गया है कि मर्सिडीज बेंज इंडिया ने 25,000 रुपये की फ्लैट छूट की पेशकश की है, जो सभी मौजूदा छूटों के अतिरिक्त होगी.
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग (आरटीएंडएच) मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को भारत मंडपम में सियाम (SIAM) प्रतिनिधिमंडल के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की, जहां उन्होंने ऑटोमोबाइल उद्योग में महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित किया.
बयान में कहा गया कि "इस बातचीत के दौरान, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री की सलाह पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए और बेड़े के आधुनिकीकरण और परिपत्र अर्थव्यवस्था के महत्व को पहचानते हुए, कई कमर्शियल वाहन निर्माताओं और कई पैसेंजर वाहन निर्माताओं ने जमा प्रमाणपत्र (स्क्रैपेज सर्टिफिकेट) के खिलाफ सीमित अवधि के लिए छूट देने पर सहमति व्यक्त की है."
📍𝑩𝒉𝒂𝒓𝒂𝒕 𝑴𝒂𝒏𝒅𝒂𝒑𝒂𝒎, 𝑵𝒆𝒘 𝑫𝒆𝒍𝒉𝒊
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) August 27, 2024
Chaired a highly productive session of the SIAM CEO’s Delegation Meeting at Bharat Mandapam today, where we addressed various critical issues facing the automobile industry.
I am pleased to report that, in response to my… pic.twitter.com/9n4aUdgoby
इसमें कहा गया है कि वाणिज्यिक वाहन निर्माता दो साल की सीमित अवधि के लिए छूट देने को तैयार हैं और यात्री वाहन निर्माता एक साल की सीमित अवधि के लिए छूट देने को तैयार हैं. बयान में कहा गया है कि ये छूट वाहनों को स्क्रैप करने को और प्रोत्साहित करेगी, जिससे सड़कों पर सुरक्षित, स्वच्छ और अधिक कुशल वाहनों का चलना सुनिश्चित होगा.
बयान के अनुसार, मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, हुंडई मोटर इंडिया, किआ मोटर्स, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर, होंडा कार्स, जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर, रेनॉल्ट इंडिया, निसान इंडिया और स्कोडा वोक्सवैगन इंडिया जैसी पैसेंजर वाहन निर्माता कंपनियां पिछले 6 महीनों में मालिक द्वारा स्क्रैप किए गए यात्री वाहन के बदले नई कार की एक्स-शोरूम कीमत का 1.5 प्रतिशत या 20,000 रुपये (जो भी कम हो) की छूट देंगी.
बयान में कहा गया है कि "स्क्रैप किए गए वाहन का विवरण वाहन प्रणाली से जोड़ा जाएगा." साथ ही कहा गया है कि कंपनियां स्वेच्छा से पहचाने गए मॉडलों पर अतिरिक्त छूट दे सकती हैं. बयान में कहा गया है कि व्यक्तिगत यात्री वाहन निर्माता को अपने वाहन पोर्टफोलियो के भीतर केवल पहचाने गए मॉडलों पर ही यह छूट देने की स्वतंत्रता हो सकती है.
बयान में कहा गया है कि "चूंकि कार एक्सचेंज नहीं की जा रही है, बल्कि केवल स्क्रैप की जा रही है, इसलिए एक्सचेंज और स्क्रैप छूट के बीच केवल स्क्रैपेज छूट ही लागू होगी." बयान के अनुसार, कमर्शियल वाहन निर्माता जैसे टाटा मोटर्स, वोल्वो आयशर कमर्शियल व्हीकल्स, अशोक लीलैंड, महिंद्रा एंड महिंद्रा, फोर्स मोटर्स, इसुजु मोटर्स और एसएमएल इसुजु, 3.5 टन से अधिक के कमर्शियल कार्गो वाहन के लिए एक्स-शोरूम कीमत के 3 प्रतिशत के बराबर छूट की पेशकश करेंगे.
बयान में कहा गया कि "किसी स्क्रैप किए गए कमर्शियल वाहन के ट्रेडेड सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट के बदले वाहन खरीदने वाले व्यक्ति को दी जाने वाली छूट, 3.5 टन से अधिक जीवीडब्ल्यू (सकल वाहन भार) वाले वाणिज्यिक कार्गो वाहन को स्क्रैप करने पर एक्स-शोरूम कीमत के 2.75 प्रतिशत के बराबर होगी." बयान में यह भी कहा गया कि इस योजना पर बसों और वैन के लिए भी विचार किया जा सकता है.
सूत्रों के अनुसार, बैठक में ऑटोमोबाइल उद्योग के शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें सियाम के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल, मारुति सुजुकी इंडिया के एमडी और सीईओ हिसाशी ताकेउची, टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ, अशोक लीलैंड के प्रबंध निदेशक और सीईओ शेनू अग्रवाल और टीवीएस मोटर कंपनी के सीईओ केएन राधाकृष्णन शामिल थे.