कोयंबटूर: तमिलनाडु के कोयंबटूर में स्थित के.पी.आर. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के छात्रों और प्रोफेसरों ने एक इंसानी क्षमताओं वाला एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) रोबोट विकसित किया है. ये रोबोट इंसाने की तरह ही 6 फीट लंबा है और इसका 40 किलोग्राम वजन वाला बनाया गया है. जानकारी के मुताबिक, इसका निर्माण 3डी प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग करके किया गया है. यह अनोखा रोबोट को इंसानों की तरह 26 अलग-अलग प्रकार के हाव-भाव प्रकट कर सकता है. इसे इसी तरह से डिजाइन किया गया है. इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी की मदद से इंसानों से बातचीत करने के लिए भी डिजाइन किया गया है.
केपीआर इंस्टिट्यूट के प्रिंसिपल डॉ. सरवनन ने कहा कि इनमोव' रोबोट को इंसानों से आसानी से बातचीत करने और उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए विकसित किया गया है. इसे भविष्य को ध्यान में रखकर विकसित किया गया है.
उन्होंने आगे कहा कि इस रोबोट के पार्ट्स 3डी डिजाइन के जरिए बनाए गए हैं. पलकों और उनके कामों के लिए अलग-अलग तरह की मोटरों का इस्तेमाल किया गया है. उन्होने कहा 'अगर आप रोबोट को कोई वस्तु देते हैं, तो यह पूछता है कि यह क्या है और रोबोट उसके बारे में पूरी जानकारी देता है'. इसे सभी विभागों के इंजीनियरिंग छात्रों ने डिजाइन किया है और कॉलेज कैंपस में रखा है, ताकि दूसरे छात्र इसके इस्तेमाल के बारे में जान सकें. इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि कॉलेज के छात्रों ने रोबोट के साथ-साथ एक हाई-स्पीड ड्रोन और एक ऐसे वाहन का आविष्कार किया है जिसका इस्तेमाल जमीन और पानी पर किया जा सकता है.
इस बाबत छात्र धनुष कुमार ने कहा कि पिछले डेढ़ साल इस रोबोट पर काम चल रहा था. तकरीबन 15 लोगों की टीम ने इस रोबोट को विकसित किया है. छात्र धनुष का दावा है कि इनमूव भारत का पहला फंक्शनल रोबोट है. इसे डिजाइन करने वाली टीम ने कहा कि इंसानों जैसी हरकतों वाले इस रोबोट का इस्तेमाल अस्पताल, कॉलेज और शॉपिंग मॉल जैसी जगहों पर लोगों की मदद के लिए किया जा सकता है.
वहीं, केपीआर इंस्टिट्यूट के प्रिंसिपल और छात्रों ने कहा कि आगे इसे और बेहतर बनाने का संकल्प किया गया है. इसे आगे ऐसा डिजाइन किया जाएगा कि रोबोट इंसानों के आदेशों के मुताबिक काम करेगा, घर पर अकेले रहने वाले बुजुर्ग लोग इससे बात कर सकेंगे और बच्चे इसके साथ खेल सकेंगे. उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में भी काम प्रगति पर है.
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