नई दिल्ली: 31 जनवरी का दिन विशेष है, क्योंकि आज अंतरराष्ट्रीय जेब्रा दिवस है. दिल्ली के नेशनल जूलॉजिकल पार्क में रोजाना 15 से 18 हजार लोग आते हैं, लेकिन यहां लोगों को जेब्रा देखने को नहीं मिलता है. दरअसल, यहां 30 अप्रैल 2011 को आखिरी जेब्रा की पैरालिसिस के कारण मौत हो गई थी. इसके बाद से यहां पर जेब्रा नहीं है. आखिरी बार अमेरिका से जेब्रा आया था. अधिकारियों के मुताबिक, जल्द गुजरात से 2 जोड़ी जेब्रा दिल्ली लाए जाएंगे.
नेशनल जूलॉजिकल पार्क में जेब्रा का इतिहास: 1 दिसंबर 1965 को दिल्ली के नेशनल जूलॉजिकल पार्क में गुवाहाटी ज़ू से एक मेल और एक फीमेल जेब्रा लाए गए थे. इसके बदले एक लाइन और एक टाइगर दिया गया था. 21 मार्च 1966 को इन दोनों से दिल्ली में पहली बार मेल जेब्रा का जन्म हुआ था. इनमें से 4 मार्च 1987 को आखिरी जेब्रा की डेथ हो गई. इनके मरने के बाद उनकी खाल को दिल्ली के बाराखंबा रोड स्थित नेशनल म्यूजियम में भेजा गया था.
29 अप्रैल 2007 को अमेरिका के सांडिया को वाइल्ड एनिमल पार्क को दिल्ली कैन नेशनल जूलॉजिकल पार्क से ब्रह्मपुत्र नाम के मेल गैंडा दिया गया था. इसके बदले अमेरिका से गिफ्ट में तीन जेब्रा मिले थे. इनमें दो फीमेल और एक मेल जेब्रा था. इनसे 28 अप्रैल 2010 एक मेल जेब्रा पैदा हुआ था. दिल्ली में यह आखिरी जेब्रा था जिसकी 30 अप्रैल 2011 को मौत हो गई थी. इसके बाद से नेशनल जूलॉजिकल पार्क में जेब्रा नहीं है.
जेब्रा की विशेषताएं:
- हर जेब्रा की धारियां अलग-अलग होती है, जिससे पहचान होती है
- जेब्रा की सफेद धारियां प्रकाश को रिफ्लेक्टर की तरह रिफ्लेक्ट करती है
- दिनभर धूप में रहने वाले जेब्रा को सफेद धारियां ठंडा रखती है
- काली धारियां सूरज से गर्मी को अवशोषित करती है.
- जेब्रा चेहरे के भाव, कान हिलाकर संवाद करते हैं.
- जेब्रा बुलाने पर रिएक्ट नहीं करते हैं. ऐसे में ज़ू में नाम नहीं रखा जाता
भारत में नहीं पाए जाते जेब्रा: भारत में जेब्रा नहीं पाए जाते हैं. अधिकारियों के मुताबिक, अफ्रीका में पाए जाते हैं. अक्सर अफ्रीका व अन्य देश से जानवरों के एक्सचेंज पॉलिसी के तहत भारत में जेब्रा लाए जाते हैं.
गुजरात से दिल्ली लाए जाएंगे जेब्रा: नेशनल जूलॉजिकल पार्क की डायरेक्टर आकांक्षा महाजन का कहना है कि देश में कोलकाता, गुजरात और मैसूर स्थित जू में जेब्रा का अच्छा प्रजनन है. गुजरात जू के अधिकारियों से जेब्रा के लिए बात हुई है. 2 जोड़ी जेब्रा लाये जाने की तैयारी है. उम्मीद है कि बहुत जल्द जेब्रा आ जाएंगे. उन्होंने बताया कि नेशनल जूलॉजिकल पार्क में जेब्रा के बाड़े का पुनर्निर्माण किया जा रहा है.