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कर्नाटक में बंधक बनाए गए 4 युवकों की सकुशल घर वापसी - return home safely in Jashpur

Sukma Naxal attack जशपुर के चार पहाड़ी कोरवा जनजाति के 4 युवकों कर्नाटक में बंदी बनाने का मामला सामने आया था. मामले की जानकारी लगते ही कलेक्टर के आदेश पर जिला प्रशासन की टीम कर्नाटक पहुंची. ने चारों युवकों को कर्नाटक से छुड़ा कर सकुशल वापस लाया है.

youths held hostage in Karnataka
युवकों की सकुशल घर वापसी
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 1, 2024, 10:42 PM IST

जशपुर: जिले में कुनकुरी क्षेत्र के ग्राम हर्रापाठ निवासी 4 आदिवासी युवकों को कर्नाटक में बंदी बनाने के मामले जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. जशपुर कलेक्टर डॉ रवि मित्तल के निर्देश पर श्रम विभाग की टीम द्वारा 4 पहाड़ी कोरवा युवकों को कर्नाटक से सकुशल वापस लाया गया.

क्या है पूरा मामला: दरअसल, कुनकुरी के ग्राम राझाडाड निवासी ठेकेदार विवेक प्रसाद साहू ने दिसम्बर 2023 में अधिक मजदूरी का लालच देकर चार युवकों को कर्नाटक ले गया था. इनमें जशपुर जिले के ग्राम हर्रापाठ निवासी शनिचरण राम, सिकन्दर राम, बृजमोहन राम और विनोद राम शामिल हैं. वहां कर्नाटक में इनसे बोरवेल गाड़ी में काम रात और दिन काम कराया जा रहा था, लेकिन वेतन नहीं दिया जा रहा था. उन्हें सिर्फ 5000 की राशि अग्रिम दी गई थी, जिसके बाद उन्हें और कोई वेतन नहीं दिया गया. इतना ही नहीं युवकों को घर आने भी नहीं दिया जा रहा था.

चारों युवकों को सकुशल उनके घर पहुंचाया: चारों युवक पिछले एक साल से वहां फंसे हुए थे. ऐसे में इन युवकों ने वीडियो बनाकर मदद की अपील की थी. वीडियो पर कलेक्टर एवं पुलिस विभाग ने त्वरित संज्ञान लिया. फौरन इन युवकों की सुरक्षित वापसी के लिए श्रम विभाग को निर्देश दिए गए. जिसके बाद पुलिस की मदद से कार्रवाई कर इन युवकों को छुड़ाया गया और सकुशल सन्ना के उनके गृह ग्राम रामपाठ पहुंचाया गया. प्रशासन की मदद से घर वापस आने पर चारों युवकों और उनके परिजनों ने प्रसन्नता जाहिर की.

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क्या है पूरा मामला: दरअसल, कुनकुरी के ग्राम राझाडाड निवासी ठेकेदार विवेक प्रसाद साहू ने दिसम्बर 2023 में अधिक मजदूरी का लालच देकर चार युवकों को कर्नाटक ले गया था. इनमें जशपुर जिले के ग्राम हर्रापाठ निवासी शनिचरण राम, सिकन्दर राम, बृजमोहन राम और विनोद राम शामिल हैं. वहां कर्नाटक में इनसे बोरवेल गाड़ी में काम रात और दिन काम कराया जा रहा था, लेकिन वेतन नहीं दिया जा रहा था. उन्हें सिर्फ 5000 की राशि अग्रिम दी गई थी, जिसके बाद उन्हें और कोई वेतन नहीं दिया गया. इतना ही नहीं युवकों को घर आने भी नहीं दिया जा रहा था.

चारों युवकों को सकुशल उनके घर पहुंचाया: चारों युवक पिछले एक साल से वहां फंसे हुए थे. ऐसे में इन युवकों ने वीडियो बनाकर मदद की अपील की थी. वीडियो पर कलेक्टर एवं पुलिस विभाग ने त्वरित संज्ञान लिया. फौरन इन युवकों की सुरक्षित वापसी के लिए श्रम विभाग को निर्देश दिए गए. जिसके बाद पुलिस की मदद से कार्रवाई कर इन युवकों को छुड़ाया गया और सकुशल सन्ना के उनके गृह ग्राम रामपाठ पहुंचाया गया. प्रशासन की मदद से घर वापस आने पर चारों युवकों और उनके परिजनों ने प्रसन्नता जाहिर की.

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