जयपुर: संस्कृत शिक्षा को आधुनिक डिजिटल युग से जोड़ने के उद्देश्य से छात्रों के लिए मोबाइल एप के माध्यम से निशुल्क कक्षाएं शुरू करने की पहल की गई है. शिक्षा मंत्रालय की ओर से की जा रही इस पहल से संस्कृत शिक्षा के प्रोत्साहन और संवर्धन में सहायता मिलेगी.
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बुधवार को "यूथ पाठशाला" ऐप का उद्घाटन करते हुए इस बात की जानकारी दी. इस निःशुल्क एप्लीकेशन के लिए संबंधित फर्म के साथ तीन साल का समझौता (एमओयू) किया गया है. हालांकि, राज्य में अभी भी कुछ ऐसे छात्र हैं, जिनके पास मोबाइल फोन नहीं हैं. इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि ऐसे बच्चों को उनके माता-पिता के माध्यम से मोबाइल उपलब्ध कराए जाएंगे.
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संस्कृत के लिए मोबाइल ऐप : जयपुर के महाराजा आचार्य संस्कृत महाविद्यालय में इस ऐप का उद्घाटन हुआ, जहां दो छात्राओं को मोबाइल पर ऐप डाउनलोड कराकर इसकी शुरुआत की गई. इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने बताया कि संस्कृत भाषा विश्व की सभी भाषाओं की जननी है और इसके ग्रंथों में कई गूढ़ रहस्य छिपे हुए हैं, जिन पर शोध करके वैज्ञानिकों ने कई महत्वपूर्ण आविष्कार किए हैं. उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि उन्हें भी इस दिशा में प्रयास करना चाहिए.
तीन साल तक निःशुल्क : मंत्री दिलावर ने बताया कि "राइजिंग राजस्थान समिट 2024" के तहत यूथ पाठशाला और धुराना वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड ने राज्य के राजकीय महाविद्यालयों और विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन पाठ्यक्रम, कौशल विकास और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निशुल्क ऐप उपलब्ध करवाने के लिए एक समझौता किया है. यह ऐप तीन साल तक निःशुल्क उपलब्ध रहेगा, जिसकी कुल लागत लगभग 100.90 करोड़ रुपए है.
शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि जिस तरह सामान्य शिक्षा को आधुनिकता और आधुनिक यंत्रों से जोड़ा जा रहा है, उसी तरह संस्कृत शिक्षा को भी आकर्षक बनाकर बच्चों को सीखने और पढ़ने का अधिक अवसर दिया जा रहा है. इस एप्लिकेशन के माध्यम से बच्चे न केवल संस्कृत शिक्षा प्राप्त करेंगे, बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर सकेंगे.