सिरोही : मंत्री ओटाराम देवासी के शिवगंज में आयोजित पार्टी के कार्यक्रम में पूर्व विधायक संयम लोढ़ा पर लगाए गए आरोपों के खिलाफ अब यूथ कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है. यूथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष प्रकाशराज मीना ने कहा कि यदि मंत्री संस्कारों की बात करते हैं तो उन्हें याद करना चाहिए कि छह साल पहले उन्होंने अपनी ही पार्टी के जिला प्रमुख के लिए किस तरह के अपशब्दों का इस्तेमाल किया था. वो मामला आज भी न्यायालय में विचाराधीन है.
मीना ने मंत्री ओटाराम देवासी पर आरोप लगाया कि हमारी लड़ाई उनके द्वारा समाज में फैलाए जा रहे अंधविश्वास से है. कांग्रेस ने हमेशा अंधविश्वास के खिलाफ लड़ाई लड़ी है. ओटाराम देवासी सरकार में मंत्री होते हुए भी अपने आप को भोपा बताकर उपचार के नाम पर लोगों में अंधविश्वास फैलाने का काम कर रहे हैं. मीना ने कहा कि लोढ़ा ने सिरोही में जो बयान जारी किया था. उसका आशय यह था कि जब कोई व्यक्ति बीमार या फिर गंभीर रूप से बीमार होता है तो उसे अस्पताल जाना पड़ता है. उन्हें भी जब हार्ट अटैक आया था तो जयपुर अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था. यदि दैवीय शक्ति उनके पास है तो उन्हें अस्पताल जाने की जरूरत ही क्या थी.
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मीना ने कहा कि हम लोगों के जीवन में वैज्ञानिक चेतना पैदा करने के लिए काम कर रहे हैं. अंधविश्वास के खिलाफ हमने पूरी जिंदगी समर्पित की है और यह काम आगे भी करते रहेंगे. उन्होंने देवासी के लोढ़ा पर लगाए आरोपों के जवाब में कहा कि देवासी को संस्कारों की बात करना शोभा नहीं देता है. छह साल पहले अपनी ही पार्टी के जिला प्रमुख के लिए उन्होंने जिन अपशब्दों का इस्तेमाल किया था, वो उनके संस्कारों को ही प्रदर्शित करता है. इसलिए देवासी को किसी पर आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबां में झांकने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि देवासी को विधानसभा चुनाव में हुई अपनी जीत का इतना घमंड नहीं करना चाहिए. हार और जीत तो प्रजातंत्र का एक चक्र है. माना कि सिरोही की जनता ने आपको हजारों वोटों से जिताया है, लेकिन एक साल के भीतर जनता को अपने उस निर्णय पर पश्चाताप हो रहा है. आज पूरे विधानसभा क्षेत्र में विकास के काम ठप पड़े हैं. आम जनता की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है. अस्पतालों में मरीजों को उपचार नहीं मिल पा रहा है. जनता अपने कामों के लिए अधिकारियों की चौखट तक पहुंचकर थक चुकी है. इसके बाद भी देवासी अपनी हजारों वोटों से हुई उस जीत जिसकी उनको उम्मीद नहीं थी, के घमंड में चूर हैं. उन्हें जनता की समस्याएं दिखाई नहीं दे रही हैं.