बूंदी. चलती कार में हार्ट अटैक आने से एक युवक की मौत हो गई. युवक बूंदी से कोटा जा रहा था. युवक ने गाड़ी को साइड में खड़ा कर दिया. आसपास मौजूद लोगों ने कांच तोड़कर युवक को गाड़ी से बाहर निकाला और पुलिस को सूचना दी. पुलिस द्वारा परजनों को भी सूचना दी गई. परिजन युवक को निजी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां जांच के बाद चिकित्सकों ने युवक को मृत घोषत कर दिया.
तालेड़ा थाने के एएसआई बृजराज सिंह ने बताया कि सूचना मिली थी कि धनवा रिसॉर्ट के सामने सफारी गाड़ी सुबह से सड़क के साइड में खड़ी हुई है. गाड़ी में एक व्यक्ति बैठा हुआ है, लेकिन वो कोई हरकत नहीं कर रहा है. सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और आसपास के लोगों की मदद से गाड़ी के कांच तोड़कर युवक को बाहर निकाला. सुचना पर युवक के परिजन भी मौके पर पहुंच गए. एएसआई ने बताया कि बरुन्धन क्षेत्र के धनातरी फार्म निवासी युवक मलकीत सिंह सुबह तालेड़ा से कोटा के लिए निकला था. तभी धनवा रिसॉर्ट के पास उसकी तबीयत खराब होने पर उसने गाड़ी साइड में लगा दी. उन्होंने बताया कि संभवतः हार्टअटैक से उसकी मौत हुई है. पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया है.
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हो सकता था बड़ा हादसा : चलती गाड़ी में युवक को हार्ट अटैक आने से बड़ा हादसा होते-होते टल गया. युवक ने तबीयत खराब पर गाड़ी साइड में लगाकर खड़ी कर दी. जिससे बड़ा हादसा होने से बच गया. 23 फरवरी को कोटा में भी चालक को कार चलाते समय साइलेंट हार्ट अटैक आने से कार अनियंत्रित हो गई थी, जिसे कार के मालिक ने समय रहते संभाल लिया. वहीं, 22 फरवरी को नागौर के डेगाना में विश्वकर्मा जयंती के दौरान ऐसे ही चालक को हार्ट अटैक आने से गाड़ी नियंत्रित होकर शोभायात्रा में घुस गई थी, जिसमें कई लोग जख्मी हो गए थे.
लक्षणों को न करें नजरंदाज : ह्रदय रोग रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सौरभ शर्मा ने बताया कि पिछले कुछ समय में ऐसा देखा गया है कि कम उम्र में हार्ट अटैक आने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. साइलेंट अटैक के कई कारण हैं, जिसमें अनियमित दिनचर्या, अनहेल्दी भोजन, तंबाकू, स्मोकिंग, जंक फूड, नींद की कमी, तनाव और आनुवंशिक कारण प्रमुख हैं. डॉ. शर्मा ने कहा कि घबराहट व बेचैनी जैसे प्रारंभिक लक्षणों नजरंदाज नहीं करें और तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें. उन्होंने कहा कि सामान्यतः चिकित्सक के परामर्श पर शुगर, बीपी, ईसीजी, टीएमटी और इको जैसी जांचें समय समय पर करवानी चाहिए.