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जानिए योगिनी एकादशी व्रत कथा की महिमा, शुभ मुहूर्त में जरुर करें ये खास काम, नारायण करेंगे मुश्किल आसान - Yogini Ekadashi 2024

योगिनी एकादशी के दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. ऐसे करने से नारायण की कृपा बरसती है. आइए जानते हैं एकादशी के दिन कौन-कौन से शुभ संयोग बन रहे हैं.

Yogini Ekadashi
योगिनी एकादशी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 1, 2024, 9:08 PM IST

योगिनी एकादशी 2024 (ETV Bharat)

रायपुर:आषाढ़ माह में योगिनी एकादशी मनाई जाती है. आज योगिनी एकादशी है. आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है. योगिनी एकादशी के बाद देवशयनी एकादशी मनाई जाती है. आषाढ़ माह में आने वाले इन दोनों एकादशी का बड़ा महत्व माना गया है. एकादशी के दिन श्री हरि विष्णु जी की पूजा-आराधना करने से जातक की समस्त मनोकामनाएं पूरी होती है. इस साल योगिनी एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग, त्रिपुष्कर योग सहित कई शुभ संयोग बन रहे हैं. इस दौरान धर्म-कर्म और दान-पुण्य के कार्यों का कई गुना ज्यादा शुभ फल प्राप्त होता है. कहा जाता है कि योगिनी एकादशी का व्रत रखने और विष्णु जी की पूजा करने से घर में सुख शांति और समृद्धि आती है.

क्या कहते हैं पुजारी: इस बारे में ईटीवी भारत ने महामाया मंदिर के पंडित मनोज शुक्ला से बातचीत की. पंडित मनोज शुक्ला ने बताया, "आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की जो एकादशी तिथि होती है, वह योगिनी एकादशी कहलाती है. हर महीने में शास्त्रों के मुताबिक दो एकादशी मनाई जाती है. अलग-अलग मास के अलग-अलग पक्षों में अलग-अलग नाम से जानी जाती है. आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से जानी जाती है. इस दिन व्रत करने वाले लोग ब्रह्म मुहूर्त में उठकर अपने दैनिक दिनचर्या से निवृत होकर अपने मन में संकल्प लेकर इस व्रत को करते हैं. इस दिन भगवान विष्णु की सेवा भक्ति करनी चाहिए. यह दिन भगवान विष्णु के लिए समर्पित माना गया है. जो व्रत करने वालों को सुख-शांति और समृद्धि प्रदान करता है."

जानिए शुभ मुहूर्त: हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की पहली एकादशी तिथि की शुरुआत 1 जुलाई 2024 को सुबह 10:26 पर होगी. अगले दिन यानी 2 जुलाई 2024 को सुबह 8:34 पर समाप्त होगी, इसलिए उदया तिथि के अनुसार योगिनी एकादशी का व्रत 2 जुलाई 2024 को रखा जाएगा. इस बार योगिनी एकादशी पर दो अद्भुत संयोग का निर्माण हो रहा है. इसमें सर्वार्थ सिद्धि योग 2 जुलाई 2024 की सुबह 5:27 से 3 जुलाई की सुबह 4:40 तक रहेगा. इसके साथ ही दूसरा शुभ संयोग त्रिपुष्कर योग 2 जुलाई 2024 की सुबह 8:43 से 3 जुलाई 2024 की सुबह 4:40 तक रहेगा. इस एकादशी का पारण 3 जुलाई को सुबह 5:28 से सुबह 7:10 तक पारण किया जा सकता है.

ऐसे करें भगवान विष्णु की पूजा:

  • योगिनी एकादशी के दिन व्रत करने वालों को ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए.
  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ कपड़े धारण करने चाहिए.
  • इसके बाद एक चौकी पर पीले वस्त्र बिछाकर भगवान विष्णु के समक्ष धूप दीप प्रज्जवलित करना चाहिए.
  • विष्णु जी को पीले फूल की माला अर्पित करनी चाहिए.
  • पूजा के दौरान भगवान विष्णु को तुलसी दल, फल, मिठाई चढ़ाना चाहिए.
  • इसके साथ ही योगिनी एकादशी की कथा सुनना चाहिए.
  • अंत में भगवान विष्णु के साथ सभी देवी-देवताओं की आरती उतारनी चाहिए.

नोट: यहां लिखी सारी बातें पंडित जी की ओर से बताई गई बातें हैं. इसकी पुष्टि ईटीवी भारत नहीं करता है.

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योगिनी एकादशी 2024 (ETV Bharat)

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क्या कहते हैं पुजारी: इस बारे में ईटीवी भारत ने महामाया मंदिर के पंडित मनोज शुक्ला से बातचीत की. पंडित मनोज शुक्ला ने बताया, "आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की जो एकादशी तिथि होती है, वह योगिनी एकादशी कहलाती है. हर महीने में शास्त्रों के मुताबिक दो एकादशी मनाई जाती है. अलग-अलग मास के अलग-अलग पक्षों में अलग-अलग नाम से जानी जाती है. आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से जानी जाती है. इस दिन व्रत करने वाले लोग ब्रह्म मुहूर्त में उठकर अपने दैनिक दिनचर्या से निवृत होकर अपने मन में संकल्प लेकर इस व्रत को करते हैं. इस दिन भगवान विष्णु की सेवा भक्ति करनी चाहिए. यह दिन भगवान विष्णु के लिए समर्पित माना गया है. जो व्रत करने वालों को सुख-शांति और समृद्धि प्रदान करता है."

जानिए शुभ मुहूर्त: हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की पहली एकादशी तिथि की शुरुआत 1 जुलाई 2024 को सुबह 10:26 पर होगी. अगले दिन यानी 2 जुलाई 2024 को सुबह 8:34 पर समाप्त होगी, इसलिए उदया तिथि के अनुसार योगिनी एकादशी का व्रत 2 जुलाई 2024 को रखा जाएगा. इस बार योगिनी एकादशी पर दो अद्भुत संयोग का निर्माण हो रहा है. इसमें सर्वार्थ सिद्धि योग 2 जुलाई 2024 की सुबह 5:27 से 3 जुलाई की सुबह 4:40 तक रहेगा. इसके साथ ही दूसरा शुभ संयोग त्रिपुष्कर योग 2 जुलाई 2024 की सुबह 8:43 से 3 जुलाई 2024 की सुबह 4:40 तक रहेगा. इस एकादशी का पारण 3 जुलाई को सुबह 5:28 से सुबह 7:10 तक पारण किया जा सकता है.

ऐसे करें भगवान विष्णु की पूजा:

  • योगिनी एकादशी के दिन व्रत करने वालों को ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए.
  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ कपड़े धारण करने चाहिए.
  • इसके बाद एक चौकी पर पीले वस्त्र बिछाकर भगवान विष्णु के समक्ष धूप दीप प्रज्जवलित करना चाहिए.
  • विष्णु जी को पीले फूल की माला अर्पित करनी चाहिए.
  • पूजा के दौरान भगवान विष्णु को तुलसी दल, फल, मिठाई चढ़ाना चाहिए.
  • इसके साथ ही योगिनी एकादशी की कथा सुनना चाहिए.
  • अंत में भगवान विष्णु के साथ सभी देवी-देवताओं की आरती उतारनी चाहिए.

नोट: यहां लिखी सारी बातें पंडित जी की ओर से बताई गई बातें हैं. इसकी पुष्टि ईटीवी भारत नहीं करता है.

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