लखनऊ : योगी सरकार ने संपत्ति का ब्यौरा न देने वाले सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है. उत्तर प्रदेश में 29 फीसदी कर्मचारियों ने अपनी चल अचल संपत्ति का ब्यौरा मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज नहीं कराया है. जिसके चलते सरकार ने इन कर्मचारियों का वेतन रोकने का आदेश जारी किया गया था. लेकिन शाम मंगलवार देर शाम को यह आदेश वापस ले लिया है. जिससे अब इस महीने की सैलरी 2.44 लाख कर्मचारियों को मिलेगी. इसके साथ ही कर्मचारियों को अभी 1 महीने का समय अपनी संपत्तियों का ब्यौरा देने का समय दिया गया है. इस अवधि में हर हाल में अपनी संपत्ति का ब्यौरा मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज करना होगा. ऐसा न करने की दशा में उनका वेतन रोक दिया जाएगा.
बता दें कि मुख्य सचिव ने 17 अगस्त को सभी विभागों को आदेश जारी किया था कि 31 अगस्त तक संपत्ति का ब्योरा देने वालों को ही अगस्त माह का वेतन दिया जाए. ऐसे में प्रदेश में कुल 846640 राज्य कर्मचारियों में सिर्फ 602075 ने ही मानव संपदा पोर्टल पर चल अचल संपत्ति का ब्यौरा दिया था. ऐसे में संपत्ति का ब्यौरा न देने वाले 2.44 लाख कर्मचारियों के वेतन रोकने का आदेश जारी हुआ था. इस बात की जानकारी होते ही मंगलवार की सुबह कर्मचारी यूनियन का सरकार पर दबाव पड़ने लगा. मीडिया में खबर आने के बाद ही सरकार ने इस फैसले को वापस लेने का निर्णय लिया.
प्रमुख सचिव नियुक्ति एम देवराज की ओर से मीडिया को देर शाम जानकारी दी गई कि संपत्ति का ब्यौरा देने वाले आदेश को एक महीने के लिए बढ़ाया जा रहा है. ताकि बचे हुए 29 प्रतिशत कर्मचारी भी अपनी आय और संपत्ति का ब्यौरा दर्ज कर सके. इसके साथ ही इस महीने का वेतन भी किसी कर्मचारी का नहीं रोका जाएगा.
सरकार पिछले कुछ दिनों में अपने कई निर्णय वापस ले चुकी है. सरकार ने बेसिक शिक्षकों के ऑनलाइन हाजिरी सिस्टम को भी वापस लिया था. इसके अलावा नजूल बिल को भी प्रवर समिति को भेजा गया है. इसको भी सरकार का यू टर्न बताया जा रहा है. अब सरकार ने कर्मचारियों का वेतन रोकने संबंधित आदेश भी वापस ले लिया.
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