लखनऊ: योगी सरकार एक बार फिर बड़ा एक्शन सामने आया है. उत्तर प्रदेश के 29% कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है. योगी सरकार ने संपति का ब्योरा न देने वाले 2.44 लाख राज्य कर्मचारियों-अधिकारियों का अगस्त माह का वेतन रोक दिया गया है. मुख्य सचिव ने 31 अगस्त तक हर हाल में मानव संपदा पोर्टल पर चल-अचल संपति का ब्योरा देने के निर्देश दिए थे. तय तिथि तक राज्य के 71 फीसदी कार्मिकों ने ही अपनी संपत्ति का ब्योरा जमा कराया. ब्योरा न जमा कराने वाले कर्मचारियों की अगस्त की सैलरी रोक ली गई. वहीं, सरकारी कर्मचारियों के लिए संपत्ति विवरण जमा करने की अंतिम तिथि अब एक महीने बढ़ा दी गई है.
इतने कर्मचारियों ने दिया ब्योरा: मुख्य सचिव ने 17 अगस्त को शासनादेश के जरिए सभी विभागों को आदेश दिया था कि 31 अगस्त तक संपत्ति का ब्योरा देने वालों को ही अगस्त माह का वेतन दिया जाए. प्रदेश में कुल 846640 राज्य कर्मी हैं. इनमें से 602075 ने ही मानव संपदा पोर्टल पर चल अचल संपत्ति का ब्योरा दिया.
इतने कर्मियों ने सबसे ज्यादा छुपाई संपत्ति: ब्योरा देने में टेक्सटाइल, सैनिक कल्याण, ऊर्जा, खेल, कृषि और महिला कल्याण विभाग के कार्मिक आगे रहे. शिक्षा विभाग के कार्मिक संपत्ति को छिपाने में आगे हैं. सबसे फिसड्डी बेसिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य, औद्योगिक विकास और राजस्व विभाग साबित हुए. 17 अगस्त को जब यह आदेश जारी हुआ था.
IAS-PCS इससे मुक्त : मानव संपदा पोर्टल पर संपत्ति का ब्योरा देने से सिर्फ आईएएस और पीसीएस अफसरों को ही मुक्त रखा गया है क्योंकि वे अफसर एक अलग पोर्टल स्पैरो पर अपनी संपत्ति का ब्योरा देते हैं. पहले केवल 15 फीसदी राज्य कर्मियों ने ही पोर्टल पर अपनी संपत्ति दर्ज की थी. 20-31 अगस्त के बीच यह बढ़कर 71 फीसदी हो गया. शासन के एक उच्चपदस्थ अधिकारी ने बताया कि संपत्ति का ब्योरा न देने वाले कार्मिकों का वेतन रोकने का आदेश पहले ही दिया जा चुका है. सभी विभागों को इसका अनुपालन सुनिश्चित करना होगा.
संपत्ति का ब्योरा देने पर ही जारी होगा वेतन: शामन के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक, अधिकारियों-कर्मचारियों का अगस्त माह का वेतन रोका गया है, इसे तभी जारी किया जाएगा, जब वे संपति का ब्योरा दे देंगे. उनकी संपत्ति का ब्योरा मिलने पर वेतन देने का फैसला संबंधित विभागाध्यक्ष से वार्ता के बाद लिया जा सकेगा.