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योगी सरकार ढाई साल में 25 लाख घरों को सोलर पैनल से करेगी लैस, बनाए जाएंगे सोलर पार्क

किसानों की बंजर भूमि से दो हजार मेगावॉट बिजली पैदा करने का लक्ष्य, यूपी में 48 हजार से अधिक घरों पर लगाए गए सोलर पैनल

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सोलर पैनल. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 3, 2024, 6:34 PM IST

लखनऊ: योगी सरकार उत्तर प्रदेश ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है. राज्य सरकार ने सौर ऊर्जा और बायो एनर्जी पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए कई महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं. योगी सरकार अगले ढाई से तीन साल में यूपी को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए मिशन मोड में जुटी हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'पीएम सूर्यघर योजना' के तहत योगी सरकार ने अगले ढाई से तीन वर्ष में 25 लाख घरों को सौर ऊर्जा से जोड़ने का संकल्प लिया है. अब तक 48 हजार से अधिक घरों पर सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं. वर्तमान वित्तीय वर्ष के अंत तक और 30 हजार घरों को भी सौर ऊर्जा का लाभ मिल चुका होगा.

2000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्यः राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इसी साल शुरू हुई पीएम मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना में आने वाले वक्त में और भी तेज गति से वृद्धि दर्ज की जाएगी. इस योजना का उद्देश्य न केवल घरों में ऊर्जा आपूर्ति को सशक्त करना है, बल्कि बिजली बिलों में कमी लाते हुए पर्यावरण संरक्षण को भी प्रोत्साहित करना है. इसी तरह 'पीएम कुसुम योजना' के तहत 2027 तक 2000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है, जिससे किसानों को उनकी बंजर भूमि पर सोलर पैनल लगाने के साथ ही अतिरिक्त आय का स्रोत प्राप्त हो सकेगा.

4800 मेगावाट का बनेगा सोलर पार्कः यूटिलिटी स्केल सौर परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर कार्य किया जा रहा है. इसमें 4800 मेगावाट क्षमता के सोलर पार्कों का निर्माण भी शामिल है, जिनकी टेंडरिंग प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है. इसके अलावा प्रदेश में सात जलाशयों में फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट्स की स्थापना की योजना भी है, जिसे नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी), टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (टीएचडीसी) और सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) के साथ मिलकर पूरा किया जाएगा. सरकार का लक्ष्य 2027 तक राज्य की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता को 14,000 मेगावाट तक पहुंचाना है.

जैव ऊर्जा में प्रगतिः राज्य सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, सरकार का लक्ष्य जैव ऊर्जा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता प्राप्त करना है. अगले दो वर्ष में बायो कम्प्रेस्ड गैस की क्षमता को 1000 टीपीडी, बायो कोल की क्षमता को 4000 टीपीडी और बायो डीजल की क्षमता को 2000 केएलपीडी तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके तहत बायो कम्प्रेस्ड गैस के 210 टीपीडी की क्षमता वाले संयंत्र पहले से ही क्रियाशील हैं और कई अन्य परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं. इस पहल से प्रदेश में प्रदूषण कम होगा और रोजगार की नई संभावनाएं भी बढ़ेंगी. प्रदेश में भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए योगी सरकार ने बिजली आपूर्ति के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने का निर्णय लिया है. अगले 10 वर्षों के दौरान होने वाले नए उद्योगों की स्थापना को ध्यान में रखते हुए आधुनिक ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाने और पुराने संयंत्रों का उन्नयन किए जाने का पूरा खाका योगी सरकार ने पहले ही खींच रखा है. इससे ऊर्जा की निर्बाध आपूर्ति तो सुनिश्चित होगी ही, साथ ही औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी.

इसे भी पढ़ें-रोडवेज के संविदा कर्मचारियों के आएंगे अच्छे दिन, सोलर से जगमाएंगे यूपी के बस अड्डे

लखनऊ: योगी सरकार उत्तर प्रदेश ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है. राज्य सरकार ने सौर ऊर्जा और बायो एनर्जी पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए कई महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं. योगी सरकार अगले ढाई से तीन साल में यूपी को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए मिशन मोड में जुटी हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'पीएम सूर्यघर योजना' के तहत योगी सरकार ने अगले ढाई से तीन वर्ष में 25 लाख घरों को सौर ऊर्जा से जोड़ने का संकल्प लिया है. अब तक 48 हजार से अधिक घरों पर सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं. वर्तमान वित्तीय वर्ष के अंत तक और 30 हजार घरों को भी सौर ऊर्जा का लाभ मिल चुका होगा.

2000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्यः राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इसी साल शुरू हुई पीएम मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना में आने वाले वक्त में और भी तेज गति से वृद्धि दर्ज की जाएगी. इस योजना का उद्देश्य न केवल घरों में ऊर्जा आपूर्ति को सशक्त करना है, बल्कि बिजली बिलों में कमी लाते हुए पर्यावरण संरक्षण को भी प्रोत्साहित करना है. इसी तरह 'पीएम कुसुम योजना' के तहत 2027 तक 2000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है, जिससे किसानों को उनकी बंजर भूमि पर सोलर पैनल लगाने के साथ ही अतिरिक्त आय का स्रोत प्राप्त हो सकेगा.

4800 मेगावाट का बनेगा सोलर पार्कः यूटिलिटी स्केल सौर परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर कार्य किया जा रहा है. इसमें 4800 मेगावाट क्षमता के सोलर पार्कों का निर्माण भी शामिल है, जिनकी टेंडरिंग प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है. इसके अलावा प्रदेश में सात जलाशयों में फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट्स की स्थापना की योजना भी है, जिसे नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी), टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (टीएचडीसी) और सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) के साथ मिलकर पूरा किया जाएगा. सरकार का लक्ष्य 2027 तक राज्य की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता को 14,000 मेगावाट तक पहुंचाना है.

जैव ऊर्जा में प्रगतिः राज्य सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, सरकार का लक्ष्य जैव ऊर्जा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता प्राप्त करना है. अगले दो वर्ष में बायो कम्प्रेस्ड गैस की क्षमता को 1000 टीपीडी, बायो कोल की क्षमता को 4000 टीपीडी और बायो डीजल की क्षमता को 2000 केएलपीडी तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके तहत बायो कम्प्रेस्ड गैस के 210 टीपीडी की क्षमता वाले संयंत्र पहले से ही क्रियाशील हैं और कई अन्य परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं. इस पहल से प्रदेश में प्रदूषण कम होगा और रोजगार की नई संभावनाएं भी बढ़ेंगी. प्रदेश में भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए योगी सरकार ने बिजली आपूर्ति के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने का निर्णय लिया है. अगले 10 वर्षों के दौरान होने वाले नए उद्योगों की स्थापना को ध्यान में रखते हुए आधुनिक ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाने और पुराने संयंत्रों का उन्नयन किए जाने का पूरा खाका योगी सरकार ने पहले ही खींच रखा है. इससे ऊर्जा की निर्बाध आपूर्ति तो सुनिश्चित होगी ही, साथ ही औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी.

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