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बंटोगे तो कटोगे से लेकर नीली क्रांति का फैशन शो; 8 ऐसे बयान, जिन्होंने 2024 में लाया तूफान - UP 2024 CONTROVERSIAL STATEMENT

साल 2024 राजनीतिक दलों के लिए बड़े बदलाव वाला रहा. चुनावों के दौरान बड़े नेताओं ने एक-दूसरे पर खूब सियासी बाण चलाए

साल 2024 सियासी घमासान वाला साल रहा.
साल 2024 सियासी घमासान वाला साल रहा. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 30, 2024, 2:28 PM IST

लखनऊ : बीता साल कई मायनों में अहम रहा है, खासकर सियासतदानों के लिए. कई बड़े बदलाव इस एक साल में हुए हैं. लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार बनी तो यूपी में विधानसभा के उपचुनाव भी 8 सीटों पर हुए. इस बीच नेताओं के कई ऐसे बयान भी आए, जिस पर सियासी घमासान मच गया. ये बयान लंबे समय तक चर्चा में रहे. कुछ बयान तो चुनावों के दौरान नेताओं के भाषण के केंद्र बिंदू में रहे. गुजरा साल अपने उतार-चढ़ाव के साथ इन चर्चित बयानों के लिए भी याद किया जाएगा. आइए नजर डालते हैं, ऐसे ही 8 खास स्टेटमेंट्स पर, जिन्होंने राजनीतिक दलों के साथ आम लोगों का भी ध्यान अपनी ओर खींचा.

'बंटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो नेक रहेंगे': यह एक ऐसा नारा है, जिसने हरियाणा के विधानसभा चुनाव में अहम भूमिका निभाई. 5 अक्टूबर को हरियाणा में नई सरकार के लिए चुनाव हुए. माना जा रहा था कि पहले से सत्ता पर काबिज भाजपा के लिए इस बार राह आसान नहीं होगी. राजनीतिक विश्लेषक भी यही मान रहे थे कि हरियाणा में कांग्रेस की वापसी होने वाली है. हालांकि 8 अक्टूबर को जब नतीजे सामने आए तो पूरा परिदृश्य ही बदल गया. यूपी के सीएम योगी ने हरियाणा की 14 सीटों पर चुनाव प्रचार किया था, इसमें से 9 पर भाजपा को जीत मिली. योगी का दिया नारा 'बंटोगे तो कटोगे' पूरे चुनाव के दौरान सबसे ज्यादा चर्चा में रहा. इस नारे का असर राज्य की अन्य सीटों पर भी पड़ा. इस नारे को लेकर काफी कंट्रोवर्सी हुई, लेकिन नतीजों ने बता दिया कि इसका आम जन मानस पर गहरा असर पड़ा है. कुल 90 सीटों में भाजपा को 48 सीटें मिलीं और उसकी फिर से सत्ता में वापसी हो गई. जबकि कांग्रेस को 37 सीटें ही मिलीं. योगी का यह नारा यूपी विधानसभा उपचुनाव में भी खूब चला. 9 सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने 7 सीटें जीत लीं. 20 नवंबर को हुए मतदान के बाद जब 23 नवंबर को परिणाम आए तो भाजपा सबसे फायदे में रही.

'मुख्यमंत्री आवास में भी शिवलिंग है, इसकी भी खुदाई होनी चाहिए': साल के जाते-जाते सपा के मुखिया अपने एक बयान से सुर्खियों में आ गए. दरअसल, संभल में 46 साल बाद कार्तकेय महादेव मंदिर मिलने के बाद अलग-अलग जिलों में धार्मिक स्थलों के मिलने का सिलसिला जारी है. इस क्रम में संभल में एक बावड़ी भी मिली है. वहां अब भी खोदाई हो रही है. इसी क्रम में अखिलेश ने 29 दिसंबर को लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेंस की और कहा- 'मुख्यमंत्री आवास में भी शिवलिंग है उसकी भी खोदाई होनी चाहिए'. अखिलेश यादव ने इस तंज के बाद सवाल उठाया कि राजभवन का कंस्ट्रक्शन इलीगल है, इसका नक्शा किसने पास किया, बताएं?

'जो लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं, वो 24 घंटे हिंसा-हिंसा-हिंसा..नफरत-नफरत-नफरत: कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी का 1 जुलाई 2024 को लोकसभा में दिया गया बयान राजनीति के केंद्र में आ गया. राहुल गांधी ने कहा था-' हमारे महापुरुषों ने यह संदेश दिया है कि डरो मत, डराओ मत. शिवजी कहते हैं, डरो मत, डराओ मत और त्रिशूल को जमीन में गाड़ देते हैं. दूसरी तरफ जो लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं वो 24 घंटे हिंसा-हिंसा-, नफरत-नफरत-नफरत. आप हिंदू हो ही नहीं.' राहुल के इस बयान के विवाद हो गया. भाजपा ने इसे हिंदू धर्म का अपमान बताया. आगे आने वाले चुनावों में भी ये बयान लोगों को याद दिलाए जाते रहे.

'हनुमान जी का जन्म राजभर जाति में हुआ था': योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं. चुनावों के दौरान सपा, कांग्रेस पर उनके चुटकी लेने वाले बयान सर्खियों में रहे. अब साल जाते-जाते 28 दिसंबर को वे एक बार फिर चर्चा के केंद्र में आ गए. बलिया के चितबड़ागांव में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने भगवान हनुमान को लेकर कहा-'भगवान राम को अहिरावण उठा ले गया तो राजभर बिरादरी में पैदा हुए हनुमान जी ने बचाया.' उन्होंने देवताओं की जाति बताते हुए हनुमान जी को राजभर बिरादरी से जोड़ दिया.

'सरकार से बड़ा संगठन': लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा के खराब प्रदर्शन के बाद से ही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के तेवर बागी हो गए. परिणाम जारी होते ही केशव दिल्ली रवाना हो गए. यूपी की राजनीति में भूचाल आ गया. यह चर्चा सरेआम हो गई कि भाजपा के अंदर सब कुछ ठीक नहीं है. इसके बाद केशव जब-तब अपनी नाराजगी जाहिर करते रहे. पार्टी और सरकार की अहम बैठकों से भी केशव दूर ही रहने लगे. इस बीच जुलाई में उन्होंने भाजपा ओबीसी मोर्चा की कार्य समिति के बैठक में कहा कि सरकार से बड़ा संगठन है. चुनाव सरकार नहीं, बल्कि पार्टी का संगठन जिताता है. केशव के इस बयान को सीधे तौर पर बगावत माना गया. यूपी की सत्ता में फेरबदल के भी कयास लगने लगे. हालांकि, बाद में पार्टी के अंदर छिड़ा यह विवाद शांत हो गया.

'नीली क्रांति को राहुल-प्रियंका ने फैशन शो बना दिया': संसद में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बाबा साहब भीमराव आंबेडकर पर दिए गए बयान पर कांग्रेस ने देश भर प्रदर्शन किया. इस बीच बसपा ने भी गृहमंत्री पर निशाना साधा. इस बीच बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती के भतीजे और बसपा नेशनल कॉर्डिनेटर आकाश आनंद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर राहुल-प्रियंका को आड़े हाथों लिया. आनंद ने लिखा-' करोड़ों शोषितों, वंचितों और गरीबों के लिए बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर जी भगवान ही हैं, लेकिन वोटों के लिए उनके नाम का इस्तेमाल करना आजकल एक फैशन हो गया है. पहले देश के गृहमंत्री अमित शाह जी ने संसद में उनका अपमान किया, फिर श्री राहुल गांधी जी व प्रियंका गांधी जी ने हमारी नीली क्रांति को फैशन शो बनाया और उसके बाद श्री अरविंद केजरीवाल जी ने बाबा साहेब की छवि के साथ छेड़छाड़ की. देश के दलित, शोषित, वंचित उपेक्षितों के आत्म-सम्मान के लिए बीएसपी का मिशन जारी रहेगा. गृहमंत्री श्री अमित शाह जी को पश्चाताप करना ही पड़ेगा.'

'लाल स्‍याही से नाम लिख लें, सरकार बनने पर सबका हिसाब करेंगे': यूपी विधानसभा उपचुनाव के दौरान 23 अक्टूबर को कटेहरी में सपा प्रत्याशी शोभावती वर्मा के नामांकन में पहुंचे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने जिला प्रशासन पर सीधे-सीधे प्रधानों को धमकाने का आरोप लगा दिया. इस दौरान शिवपाल ने ऐसा कुछ कहा जो चर्चा में आ गया. शिवपाल ने कहा-'प्रशासन निष्पक्ष और ईमानदारी से काम करे. चुनाव आयोग का भी निर्देश है कि प्रशासन निष्पक्ष रहे. जो अधिकारी ईमानदारी से काम नहीं कर रहे हैं, आप लोग (कार्यकर्ता) उनका नाम लाल स्याही से लिख लो. हमारी सरकार आने पर उनसे हिसाब लिया जाएगा. यूपी में कानून व्यवस्था ध्वस्थ हो चुकी है.

‘मैं न रिटायर हुआ हूं, न बूढ़ा हुआ हूं, अब मैं छुट्टा सांड़ हूं' : लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान 17 मई को कैसरगंज से प्रत्याशी अपने बेटे करण सिंह के पक्ष में प्रचार करने पहुंचे पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह का बयान सुर्खियां बन गया. परसपुर में जनसभा को संबोधित करते मंच से स्थानीय भाषा में बृजभूषण ने कहा-'का करिहये हमार, का करिहये, लडे़ जितिहैं न, और हमसे ज्यादा मनइयों कोही के पास नाही हैं. जरूरत पड़ेगी तो आपके लिए लड़ाई लड़ूंगा. इन सारी समस्याओं को देख रहा हूं, तो हम चुप बैठने वाले नहीं है, आपको डबल सांसद मिलेगा. वचन देता हूं कि न तो बूढ़ा हुआ हूं, न रिटायर हुआ हूं. अब तो मैं छुट्टा सांड हो गया हूं. अब तो आपके लिए किसी से भी भिड़ सकता हूं.

यह भी पढ़ें :YEAR ENDER 2024: इस साल BSP को लगे दो जोरदार झटके, बुआ-भतीजा हुए फेल, चंद्रशेखर से मिली चुनौती - BSP GETS CONSECUTIVE DEFEATS IN UP

लखनऊ : बीता साल कई मायनों में अहम रहा है, खासकर सियासतदानों के लिए. कई बड़े बदलाव इस एक साल में हुए हैं. लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार बनी तो यूपी में विधानसभा के उपचुनाव भी 8 सीटों पर हुए. इस बीच नेताओं के कई ऐसे बयान भी आए, जिस पर सियासी घमासान मच गया. ये बयान लंबे समय तक चर्चा में रहे. कुछ बयान तो चुनावों के दौरान नेताओं के भाषण के केंद्र बिंदू में रहे. गुजरा साल अपने उतार-चढ़ाव के साथ इन चर्चित बयानों के लिए भी याद किया जाएगा. आइए नजर डालते हैं, ऐसे ही 8 खास स्टेटमेंट्स पर, जिन्होंने राजनीतिक दलों के साथ आम लोगों का भी ध्यान अपनी ओर खींचा.

'बंटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो नेक रहेंगे': यह एक ऐसा नारा है, जिसने हरियाणा के विधानसभा चुनाव में अहम भूमिका निभाई. 5 अक्टूबर को हरियाणा में नई सरकार के लिए चुनाव हुए. माना जा रहा था कि पहले से सत्ता पर काबिज भाजपा के लिए इस बार राह आसान नहीं होगी. राजनीतिक विश्लेषक भी यही मान रहे थे कि हरियाणा में कांग्रेस की वापसी होने वाली है. हालांकि 8 अक्टूबर को जब नतीजे सामने आए तो पूरा परिदृश्य ही बदल गया. यूपी के सीएम योगी ने हरियाणा की 14 सीटों पर चुनाव प्रचार किया था, इसमें से 9 पर भाजपा को जीत मिली. योगी का दिया नारा 'बंटोगे तो कटोगे' पूरे चुनाव के दौरान सबसे ज्यादा चर्चा में रहा. इस नारे का असर राज्य की अन्य सीटों पर भी पड़ा. इस नारे को लेकर काफी कंट्रोवर्सी हुई, लेकिन नतीजों ने बता दिया कि इसका आम जन मानस पर गहरा असर पड़ा है. कुल 90 सीटों में भाजपा को 48 सीटें मिलीं और उसकी फिर से सत्ता में वापसी हो गई. जबकि कांग्रेस को 37 सीटें ही मिलीं. योगी का यह नारा यूपी विधानसभा उपचुनाव में भी खूब चला. 9 सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने 7 सीटें जीत लीं. 20 नवंबर को हुए मतदान के बाद जब 23 नवंबर को परिणाम आए तो भाजपा सबसे फायदे में रही.

'मुख्यमंत्री आवास में भी शिवलिंग है, इसकी भी खुदाई होनी चाहिए': साल के जाते-जाते सपा के मुखिया अपने एक बयान से सुर्खियों में आ गए. दरअसल, संभल में 46 साल बाद कार्तकेय महादेव मंदिर मिलने के बाद अलग-अलग जिलों में धार्मिक स्थलों के मिलने का सिलसिला जारी है. इस क्रम में संभल में एक बावड़ी भी मिली है. वहां अब भी खोदाई हो रही है. इसी क्रम में अखिलेश ने 29 दिसंबर को लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेंस की और कहा- 'मुख्यमंत्री आवास में भी शिवलिंग है उसकी भी खोदाई होनी चाहिए'. अखिलेश यादव ने इस तंज के बाद सवाल उठाया कि राजभवन का कंस्ट्रक्शन इलीगल है, इसका नक्शा किसने पास किया, बताएं?

'जो लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं, वो 24 घंटे हिंसा-हिंसा-हिंसा..नफरत-नफरत-नफरत: कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी का 1 जुलाई 2024 को लोकसभा में दिया गया बयान राजनीति के केंद्र में आ गया. राहुल गांधी ने कहा था-' हमारे महापुरुषों ने यह संदेश दिया है कि डरो मत, डराओ मत. शिवजी कहते हैं, डरो मत, डराओ मत और त्रिशूल को जमीन में गाड़ देते हैं. दूसरी तरफ जो लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं वो 24 घंटे हिंसा-हिंसा-, नफरत-नफरत-नफरत. आप हिंदू हो ही नहीं.' राहुल के इस बयान के विवाद हो गया. भाजपा ने इसे हिंदू धर्म का अपमान बताया. आगे आने वाले चुनावों में भी ये बयान लोगों को याद दिलाए जाते रहे.

'हनुमान जी का जन्म राजभर जाति में हुआ था': योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं. चुनावों के दौरान सपा, कांग्रेस पर उनके चुटकी लेने वाले बयान सर्खियों में रहे. अब साल जाते-जाते 28 दिसंबर को वे एक बार फिर चर्चा के केंद्र में आ गए. बलिया के चितबड़ागांव में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने भगवान हनुमान को लेकर कहा-'भगवान राम को अहिरावण उठा ले गया तो राजभर बिरादरी में पैदा हुए हनुमान जी ने बचाया.' उन्होंने देवताओं की जाति बताते हुए हनुमान जी को राजभर बिरादरी से जोड़ दिया.

'सरकार से बड़ा संगठन': लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा के खराब प्रदर्शन के बाद से ही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के तेवर बागी हो गए. परिणाम जारी होते ही केशव दिल्ली रवाना हो गए. यूपी की राजनीति में भूचाल आ गया. यह चर्चा सरेआम हो गई कि भाजपा के अंदर सब कुछ ठीक नहीं है. इसके बाद केशव जब-तब अपनी नाराजगी जाहिर करते रहे. पार्टी और सरकार की अहम बैठकों से भी केशव दूर ही रहने लगे. इस बीच जुलाई में उन्होंने भाजपा ओबीसी मोर्चा की कार्य समिति के बैठक में कहा कि सरकार से बड़ा संगठन है. चुनाव सरकार नहीं, बल्कि पार्टी का संगठन जिताता है. केशव के इस बयान को सीधे तौर पर बगावत माना गया. यूपी की सत्ता में फेरबदल के भी कयास लगने लगे. हालांकि, बाद में पार्टी के अंदर छिड़ा यह विवाद शांत हो गया.

'नीली क्रांति को राहुल-प्रियंका ने फैशन शो बना दिया': संसद में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बाबा साहब भीमराव आंबेडकर पर दिए गए बयान पर कांग्रेस ने देश भर प्रदर्शन किया. इस बीच बसपा ने भी गृहमंत्री पर निशाना साधा. इस बीच बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती के भतीजे और बसपा नेशनल कॉर्डिनेटर आकाश आनंद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर राहुल-प्रियंका को आड़े हाथों लिया. आनंद ने लिखा-' करोड़ों शोषितों, वंचितों और गरीबों के लिए बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर जी भगवान ही हैं, लेकिन वोटों के लिए उनके नाम का इस्तेमाल करना आजकल एक फैशन हो गया है. पहले देश के गृहमंत्री अमित शाह जी ने संसद में उनका अपमान किया, फिर श्री राहुल गांधी जी व प्रियंका गांधी जी ने हमारी नीली क्रांति को फैशन शो बनाया और उसके बाद श्री अरविंद केजरीवाल जी ने बाबा साहेब की छवि के साथ छेड़छाड़ की. देश के दलित, शोषित, वंचित उपेक्षितों के आत्म-सम्मान के लिए बीएसपी का मिशन जारी रहेगा. गृहमंत्री श्री अमित शाह जी को पश्चाताप करना ही पड़ेगा.'

'लाल स्‍याही से नाम लिख लें, सरकार बनने पर सबका हिसाब करेंगे': यूपी विधानसभा उपचुनाव के दौरान 23 अक्टूबर को कटेहरी में सपा प्रत्याशी शोभावती वर्मा के नामांकन में पहुंचे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने जिला प्रशासन पर सीधे-सीधे प्रधानों को धमकाने का आरोप लगा दिया. इस दौरान शिवपाल ने ऐसा कुछ कहा जो चर्चा में आ गया. शिवपाल ने कहा-'प्रशासन निष्पक्ष और ईमानदारी से काम करे. चुनाव आयोग का भी निर्देश है कि प्रशासन निष्पक्ष रहे. जो अधिकारी ईमानदारी से काम नहीं कर रहे हैं, आप लोग (कार्यकर्ता) उनका नाम लाल स्याही से लिख लो. हमारी सरकार आने पर उनसे हिसाब लिया जाएगा. यूपी में कानून व्यवस्था ध्वस्थ हो चुकी है.

‘मैं न रिटायर हुआ हूं, न बूढ़ा हुआ हूं, अब मैं छुट्टा सांड़ हूं' : लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान 17 मई को कैसरगंज से प्रत्याशी अपने बेटे करण सिंह के पक्ष में प्रचार करने पहुंचे पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह का बयान सुर्खियां बन गया. परसपुर में जनसभा को संबोधित करते मंच से स्थानीय भाषा में बृजभूषण ने कहा-'का करिहये हमार, का करिहये, लडे़ जितिहैं न, और हमसे ज्यादा मनइयों कोही के पास नाही हैं. जरूरत पड़ेगी तो आपके लिए लड़ाई लड़ूंगा. इन सारी समस्याओं को देख रहा हूं, तो हम चुप बैठने वाले नहीं है, आपको डबल सांसद मिलेगा. वचन देता हूं कि न तो बूढ़ा हुआ हूं, न रिटायर हुआ हूं. अब तो मैं छुट्टा सांड हो गया हूं. अब तो आपके लिए किसी से भी भिड़ सकता हूं.

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