दंतेवाड़ा: साल 2024 में सरकार का खास फोकस बस्तर पर रहा. नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में विकास के लिए सरकार ने करोड़ों के विकास कार्यों की शुरुआत की. सड़क से लेकर पुलिस कैंप तक दंतेवाड़ा में स्थापित किए गए. सरकार का संदेश साफ था कि हमें हर गांव तक शिक्षा, स्वास्थ्य और राशन पहुंचाना है. सरकार अपने मकसद में कामयाब हुई. साय सरकार और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि छत्तीसगढ़ से हम नक्सलवाद को साल 2026 तक खत्म कर दम लेंगे. जिन इलाकों में विकास की जरुरत है वहां तक विकास पहुंचाया जाएगा.
पहला वन मंदिर बना: दंतेवाड़ा के आवराभाटा में 4 करोड़ 50 लाख की सागत से छत्तीसगढ़ का पहला वन मंदिर बना. 18 एकड़ में बने इस वन मंदिर की सुंदरता को देखने के लिए दूर दूर से लोग अब आ रहे हैं. वन मंदिर के प्रांगण में राशि के हिसाब से ग्रह और नक्षत्र के पौधे लगाए गए हैं. वन मंदिर में लगाए गए पौधे और उसके औषधीय गुण की भी जानकारी लोगों को दी गई है. हर्बल पौधों से किस बीमारी का इलाज होता है ये भी बताया गया है.
पंचवटी वन की कल्पना: वन मंदिर में सप्त ऋषि और पंचवटी वन भी बनाया गया है. इन दोनों वनों के जरिए भगवान श्रीराम, जानकी और भ्राता लक्ष्मण के वनवास काल का जिक्र किया गया है. लोगों को आकर्षित करने के लिए वन मंदिर की दीवारों पर जंगली जानवरों और तितलियों की सुंदर तस्वीरें बनाई गई हैं. थ्री डी पेंटिंग से बनी तस्वीरें देखकर ऐसा लगता है जैसे ये तस्वीर नहीं सही में जंगल के जीव हैं. दीवारों पर बच्चों के लिए लोगों के लिए स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी भी है.
मां दंतेश्वरी के दरबार की बढ़ी सुंदरता: साल 2024 में मां दंतेश्वरी के दरबार और मंदिर प्रांगण की सुंदरता को बढ़ाने का काम किया गया. मंदिर के सामने शंखनी डंकनी नदी के किनारे घाट बनाया गया है. घाट पर लोगों के बैठने की भी व्यवस्था है. घाट पर काशी, हरिद्वार और गंगा नदी पर जो आरती है वैसी ही आरती की जाएगी. टेंपल कमिटी ने आरती का प्रस्ताव रखा है. कमेटी का कहना है इससे यहां की शोभा भी बढ़ेगी और लोग भी जुड़ेंगे. घाट के पास भव्य कारिडोर का लोकार्पण भी पूर्व सीएम रमन सिंह ने किया है.
महिला शक्ति को मिली ताकत: साल 2024 में नक्सलगढ़ की महिलाओं को ताकत देने का काम सरकार ने किया. जिला प्रशासन की ओर से महिलाओं को सिटी बसें बांटी गई हैं. महिलाएं दंतेवाड़ा की पांच रुटों पर बसों का संचालन करेंगी. जिन रुटों पर महिलाएं बस चलाएंगी उन रुटों पर निजी बस संचालकों ने बसों के संचालन से मना कर दिया था. शरुआत में दो बसों की चाबी जिला प्रशासन ने महिलाओं को सौंपी है. भविष्य योजना को और विस्तार दिया जाएगा.