नई दिल्ली: दिल्ली में पुराने यमुना रेल पुल पर यमुना का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने लगा है. पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश से यमुना के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. संभावना है कि मंगलवार शाम तक यह खतरे के निशान को पार कर सकता है. इससे यमुना नदी के ऊपर बने हथिनी कुंड बैराज का जलस्तर भी बढ़ गया है. फिलहाल यह खतरे के निशान 204.5 मीटर से थोड़ा नीचे 204.35 मीटर पर बह रही है. आशंका जताई जा रही है कि आज मंगलवार शाम तक जलस्तर बढ़कर 204.9 मीटर तक पहुंच जाएगा.
हथिनीकुंड बैराज से ज्यादा पानी छोड़ने से बढ़ा जलस्तरः दिल्ली में बारिश और उत्तर पश्चिम भारत में बारिश के बीच हरियाणा की ओर से हथिनीकुंड बैराज से नदी में ज्यादा पानी छोड़े जाने की वजह से यमुना के जल स्तर में बढ़ोतरी होने की बात कही गई है. यमुना में खतरे का जलस्तर 205.33 मीटर और उच्चतम बाढ़ स्तर 208.66 मीटर होता है. वहीं, अभी फिलहाल बाढ़ के खतरे जैसे को संभावना नहीं जताई गई है. हालांकि, सरकार स्थिति पर पूरी नजर बनाए हुए हैं. यमुना के पानी के लेवल को लेकर सरकार पूरी तरह से अलर्ट है. आसपास के लोगों को सतर्क रहने के लिए भी कहा गया है.
हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से करीब 10,000 से 13,000 क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा जा रहा है। दिल्ली के पुराने रेलवे ब्रिज पर पानी का स्तर 204.35 मीटर है, यहां चेतावनी का स्तर 204.5 मीटर है।
— AAP (@AamAadmiParty) August 13, 2024
मैं राजस्व और सिंचाई विभाग की तैयारियों का जायजा लेने आया था। हम किसी भी स्थिति से… pic.twitter.com/VBECcTlZHJ
यमुना में बढ़े जलस्तर का जायजा लेने पहुंचे मंत्री सौरभः इस मामले पर दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने 'एक्स' पर लिखा, ''हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से करीब 10,000 से 13,000 क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा जा रहा है. दिल्ली के पुराने रेलवे ब्रिज पर पानी का स्तर 204.35 मीटर है, यहां चेतावनी का स्तर 204.5 मीटर है. मैं राजस्व और सिंचाई विभाग की तैयारियों का जायजा लेने आया था. हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. मेरी सभी से गुजारिश है कि यमुना के बढ़ते हुए जलस्तर को देखते हुए इसमें कोई भी तैरने आदि का प्रयास ना करें.''
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इस बीच देखा जाए तो पिछले साल जुलाई महीने में ही यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार करते हुए 205.33 मीटर से ऊपर चला गया था. इसके बाद ओल्ड रेलवे ब्रिज पर ट्रेनों की आवाजाही को रोक दिया गया था. पिछले साल यमुना में बाढ़ आने की वजह से आसपास के तमाम इलाके भी डूब गए थे.
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