जयपुर: जेके लोन अस्पताल में 10 साल के बच्चे को गलत ब्लड चढ़ाने का मामला सामने आया है. इस मामले में अस्पताल अधीक्षक ने जांच कमेटी गठित की है. कमेटी चार दिन में रिपोर्ट पेश करेगी. बताया जा रहा है कि बच्चे को किडनी की बीमारी थी और सांस लेने में भी तकलीफ थी. इसके बाद बच्चे को जेके लोन अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. बच्चे का ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव था, लेकिन AB पॉजिटिव ब्लड चढ़ा दिया गया. इस मामले की जानकारी जब अस्पताल प्रशासन को लगी, तो हड़कंप मच गया. मामले को लेकर अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर कैलाश मीणा का कहना है कि बच्चा किडनी की बीमारी से पीड़ित है और क्रिटिकल हालत में अस्पताल में भर्ती हुआ था.
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उन्होंने बताया कि जांच पर पता चला कि बच्चों को खून की भी कमी थी. ऐसे में बच्चों को ब्लड चढ़ाया गया था, लेकिन इसके बाद भी हालत स्थिर नहीं हुई, तो एक बार फिर ब्लड चढ़ाया गया. इस पर पता चला कि पहले जो ब्लड चढ़ाया गया था, वह मिसमैच हो गया था. हालांकि दूसरी बार बच्चे को ओ पॉजिटिव ब्लड ही चढ़ाया गया. अधीक्षक का यह भी कहना है कि इसके बाद फिर से जांच की गई, तो फिलहाल बच्चे में ब्लड ट्रांसफ्यूजन संबंधित दुष्प्रभाव सामने नहीं आए हैं.
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भरतपुर का रहने वाला: अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार बच्चा भरतपुर के कामां का रहने वाला है और बचपन से ही किडनी की समस्या से पीड़ित है. जिसके बाद 4 दिसंबर को उसे जेके लोन अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. फिलहाल बच्चा अस्पताल की क्रिटिकल केयर यूनिट में एडमिट है. सामने यह भी आया कि बच्चों को 5 दिसंबर को गलत ब्लड चढ़ा दिया गया था .
कमेटी का गठन: मामले की जानकारी जब अस्पताल प्रशासन के पास पहुंची, तो अधीक्षक ने अस्पताल के सीनियर प्रोफेसर डॉक्टर कपिल गर्ग की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन कर दिया है. जिसमें डॉक्टर आरएन सेहरा, डॉक्टर केके यादव और ब्लड बैंक की इंचार्ज डॉक्टर शांतिप्रिया भारद्वाज को शामिल किया गया है. कमेटी पूरे मामले पर अगले 4 दिन में रिपोर्ट पेश कर देगी.