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बजरंग पुनिया पर कुश्ती संघ अध्यक्ष का बड़ा बयान; बोले- खिलाड़ी डिसिप्लिन में रहेगा तो उसके लिए बेहतर - BAJRANG PUNIA WRESTLING BAN

पहलवान बजरंग पुनिया (Bajrang Punia) के 4 साल के बैन से कुश्ती संघ पर नहीं पड़ेगा कोई असर, उनके पास बहुत अच्छे खिलाड़ी हैं.

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बजरंग पुनिया पर कुश्ती संघ अध्यक्ष का बड़ा बयान. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 28, 2024, 12:02 PM IST

वाराणसी: टोक्यो ओलंपिक में अपना जलवा दिखाने वाले पहलवान बजरंग पुनिया पर नाडा (NADA) की तरफ से 4 साल का प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस पर भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने स्पष्ट कहा कि खिलाड़ी अगर डिसिप्लिन में रहेगा तो उसके लिए बेहतर है. पुनिया के प्रतिबंध से भारतीय कुश्ती संघ पर कोई भी असर नहीं पड़ने वाला, क्योंकि उनके वजन में उनके पास बहुत से अच्छे खिलाड़ी हैं जो देश के लिए और भी बेहतर कर सकते हैं.

बता दें कि नियम के मुताबिक किसी भी नेशनल-इंटरनेशनल इवेंट के बाद डोपिंग टेस्ट के लिए खिलाड़ी को अपना सैंपल देना होता है. लेकिन, बजरंग पुनिया ने नहीं दिया. इसकी वजह से NADA ने पहलवान बजरंग पुनिया को 4 साल के लिए निलंबित कर दिया है. इस अवधि में बजरंग पुनिया कहीं भी कुश्ती नहीं खेल पाएंगे और ना ही कोचिंग दे सकेंगे.

बनारस में मीडिया से बात करते भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह. (Video Credit; ETV Bharat)

भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि नियम सभी के लिए एक बराबर होता है, यदि वह खेल कर लौटे थे तो नियम के तहत नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी की तरफ से उन्हें सैंपल देना चाहिए था. नियम यही है. अगर आप बिल्कुल सही थे, आपने कोई गलत काम नहीं किया था तो डरने की क्या बात थी. आप नियम के खिलाफ नहीं जा सकते.

उन्होंने कहा कि खिलाड़ी डिसिप्लिन में रहता है तो बहुत बेहतर होता है. मैं सिर्फ कुश्ती नहीं बल्कि बाकी सभी खेलों की बात कर रहा हूं. खिलाड़ियों के लिए डिसिप्लिन बहुत जरूरी है और नियमों से चलना उससे भी ज्यादा जरूरी है. संजय सिंह ने कहा कि लोग यहां आरोप लगा रहे हैं कि ये राजनीति के तहत है. लेकिन, इसमें राजनीति कहीं से नहीं है, जो नियम है उसके तहत अगर पुनिया ने उसका पालन किया होता तो शायद आज यह स्थिति ना आई होती.

संजय सिंह ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि खिलाड़ी नियमों का पालन नहीं करते हैं. अगर खिलाड़ी डिसिप्लिन के बाहर जाता है तो 100% उसे दंड मिलना ही चाहिए, क्योंकि अगर खिलाड़ी डिसिप्लिन में नहीं रहेगा तो वह खेल को नहीं समझ पाएगा. अगर आपका नियम के तहत सैंपल मांगा गया तो आपको देना चाहिए था. बेवजह बातों को हर बार राजनीति से जोड़ना उचित नहीं है.

ये भी पढ़ेंः भाजपा नेता बृजभूषण शरण बोले- कांग्रेस मेरी कुंडली में बैठी, बजरंग पुनिया की मानसिकता खराब

वाराणसी: टोक्यो ओलंपिक में अपना जलवा दिखाने वाले पहलवान बजरंग पुनिया पर नाडा (NADA) की तरफ से 4 साल का प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस पर भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने स्पष्ट कहा कि खिलाड़ी अगर डिसिप्लिन में रहेगा तो उसके लिए बेहतर है. पुनिया के प्रतिबंध से भारतीय कुश्ती संघ पर कोई भी असर नहीं पड़ने वाला, क्योंकि उनके वजन में उनके पास बहुत से अच्छे खिलाड़ी हैं जो देश के लिए और भी बेहतर कर सकते हैं.

बता दें कि नियम के मुताबिक किसी भी नेशनल-इंटरनेशनल इवेंट के बाद डोपिंग टेस्ट के लिए खिलाड़ी को अपना सैंपल देना होता है. लेकिन, बजरंग पुनिया ने नहीं दिया. इसकी वजह से NADA ने पहलवान बजरंग पुनिया को 4 साल के लिए निलंबित कर दिया है. इस अवधि में बजरंग पुनिया कहीं भी कुश्ती नहीं खेल पाएंगे और ना ही कोचिंग दे सकेंगे.

बनारस में मीडिया से बात करते भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह. (Video Credit; ETV Bharat)

भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि नियम सभी के लिए एक बराबर होता है, यदि वह खेल कर लौटे थे तो नियम के तहत नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी की तरफ से उन्हें सैंपल देना चाहिए था. नियम यही है. अगर आप बिल्कुल सही थे, आपने कोई गलत काम नहीं किया था तो डरने की क्या बात थी. आप नियम के खिलाफ नहीं जा सकते.

उन्होंने कहा कि खिलाड़ी डिसिप्लिन में रहता है तो बहुत बेहतर होता है. मैं सिर्फ कुश्ती नहीं बल्कि बाकी सभी खेलों की बात कर रहा हूं. खिलाड़ियों के लिए डिसिप्लिन बहुत जरूरी है और नियमों से चलना उससे भी ज्यादा जरूरी है. संजय सिंह ने कहा कि लोग यहां आरोप लगा रहे हैं कि ये राजनीति के तहत है. लेकिन, इसमें राजनीति कहीं से नहीं है, जो नियम है उसके तहत अगर पुनिया ने उसका पालन किया होता तो शायद आज यह स्थिति ना आई होती.

संजय सिंह ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि खिलाड़ी नियमों का पालन नहीं करते हैं. अगर खिलाड़ी डिसिप्लिन के बाहर जाता है तो 100% उसे दंड मिलना ही चाहिए, क्योंकि अगर खिलाड़ी डिसिप्लिन में नहीं रहेगा तो वह खेल को नहीं समझ पाएगा. अगर आपका नियम के तहत सैंपल मांगा गया तो आपको देना चाहिए था. बेवजह बातों को हर बार राजनीति से जोड़ना उचित नहीं है.

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