डूंगरपुर: जिले में विश्व आदिवासी दिवस पर शुक्रवार को विभिन्न आदिवासी संगठनों की ओर से कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. इन कार्यक्रमों में आदिवासी संस्कृति की झलक दिखाई दी. इस दौरान शहर से लेकर गांवों में आदिवासी वेशभूषा के साथ वाहन रैली निकाली गई. शहर में रैली के साथ पहुंचे और स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में आदिवासी सम्मेलन हुआ. सम्मेलन में आदिवासी समाज को आगे बढ़ाने के लिए एकजुट होने का संदेश दिया गया.
विश्व आदिवासी दिवस को लेकर भारत आदिवासी पार्टी और उसके कई संगठनों की ओर से जिला स्तरीय कार्यक्रम स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में आयोजित किया गया. युवक सफेद धोती, कुर्ता, माथे पर साफा, गोफन, मोर पंख बांधकर आदिवासी वेशभूषा में पहुंचे, जबकि महिलाएं और युवतियां आदिवासी ओढ़नी और घाघरा के साथ ही जेवरात पहनकर आई.
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खुले ग्राउंड में हजारों की भीड़ में जय जोहार के नारे गूंजते रहे. आदिवासी महापुरुषों की तस्वीरों के सामने दीप जलाए. इसके बाद कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. इसमें स्थानीय युवक और युवतियों ने कई रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी. इसमें आदिवासी संस्कृति, वेशभूषा और रीति रिवाजों की झलक देखने को मिली. इस दौरान वक्ताओं ने सम्मेलन को संबोधित भी किया. इसमें लोगो को संविधान में आदिवासियों को दिए गए अधिकारों के बारे में बताते हुए आदिवासी समाज को आगे बढ़ाने के लिए एकजुट होने का संदेश दिया.
इस मौके पर डूंगरपुर बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत ने आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देश की आजादी के बाद भी आदिवासियों को अपने हक अधिकार नहीं मिले है. इसके लिए आदिवासी लड़ रहा है. उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण में आदिवासी समुदाय की बड़ी भूमिका है. आदिवासी जल, जंगल और जमीन पर अपना हक चाहता है, लेकिन सरकार उनके इस अधिकार से वंचित करने का प्रयास कर रही है. इसके लिए वे हमेशा लड़ते रहेंगे. इस अवसर पर आसपुर विधायक उमेश मीना समेत कई आदिवासी नेता और संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे.