शिमला: विश्वभर में 20 मार्च यानी आज वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे मनाया जा रहा है. इस साल वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे ‘एक खुश मुंह है एक खुश शरीर’ की थीम पर मनाया जा रहा है. इसका उद्देश्य दांतों से संबंधित समस्याओं के बारे में लोगों को जागरूक करना और ओरल हेल्थ को प्रमोट करना है. मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश में ओरल कैंसर एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है. प्रदेश में लोगों में बढ़ती तंबाकू की लत कैंसर के खतरे को बढ़ा रही है, जिससे मौत तक हो सकती है.
तंबाकू ने बढ़ाया ओरल कैंसर का खतरा
डेंटल कॉलेज शिमला के प्रोफेसर एवं एचओडी डॉ. विनय भारद्वाज ने बताया कि तंबाकू के सेवन से अधिकतर लोगों के दांत और मसूड़े खराब हो रहे हैं. जिससे ये कैंसर का बड़ा कारण बन रहा है. डॉ. विनय ने बताया कि युवाओं में ओरल कैंसर के मामले कम हैं. जबकि 50 साल से अधिक और वृद्ध लोगों में तंबाकू के कारण अधिकतर दांत खराब हो रहे हैं, इसका मुख्य कारण तंबाकू माना जा रहा है. जिससे ओरल कैंसर के मामले भी बढ़ रहे हैं. इसके अलावा मुंह में तीखे दांत से भी ओरल कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है.
तंबाकू से कैसे होता है ओरल कैंसर?
डॉ. विनय भारद्वाज का कहना है कि मुंह के कैंसर का सबसे बड़ा मुख्य कारण तंबाकू का सेवन ही है. उन्होंने बताया कि किस तरह से तंबाकू खाने से ओरल कैंसर होता है.
- तंबाकू गुटखा पान खैनी का सेवन करने से होता है मुंह का कैंसर
- पहले दांत पर पड़ता है एक स्पॉट (दाग-धब्बा)
- धीरे-धीरे स्पॉट बढ़ा होता है और कैविटी का रूप लेता है
- इसके बाद मुंह में अल्सर होना शुरू होता है
- अल्सर के बाद मुंह खोलने में परेशानी आती है
- जिसके बाद यह पूरे मुंह में फैल कर ओरल कैंसर बनता है
- तीसरी-चौथी स्टेज में भी इलाज संभव
- इलाज के बाद भी लाइफ एक्सपेक्टेंसी हो जाती है कम
- मुंह में गलत तरीके से बढ़ रहा तीखा दांत भी बन सकता है समस्या
OPD में हर महीने आ रहे 3-4 मरीज
डॉ. विनय भारद्वाज ने बताया कि डेंटल कॉलेज शिमला में मुंह के कैंसर के मरीज भी आते हैं. ओपीडी में हर महीने तीन से चार मरीज ओरल कैंसर के आते हैं. हालांकि यह कैंसर अस्पताल से रेफर होकर आते हैं. जिनके दांतों का इलाज किया जाता है और साथ में मसूड़ों का भी ट्रीटमेंट किया जाता है. डॉक्टर ने बताया कि हिमाचल में लोगों में तंबाकू का सेवन बढ़ता जा रहा है, जिससे मुंह के कैंसर की संभावनाएं भी लगातार बढ़ रही हैं.
ओरल कैंसर से कैसे करें बचाव?
डॉ. विनय भारद्वाज ने बताया कि नियमित तंबाकू, धूम्रपान और शराब के सेवन से मुंह की कोशिकाएं खतरनाक रसायनों के संपर्क में आती हैं. जिससे मुंह के कैंसर की संभावनाएं तेजी से बढ़ने लगती हैं. डॉ. विनय का कहना है कि मुंह के कैंसर को रोकने का कोई कारगर और सिद्ध तरीका नहीं है, लेकिन कुछ सावधानियां बरतने से मुंह के कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
- तंबाकू का सेवन बिल्कुल न करें
- धूम्रपान छोड़ें
- शराब का सेवन न करें
- दांतों में किसी भी तरह की समस्या आने पर डॉक्टर को दिखाएं
- नियमित रूप से दांतों की जांच करवाएं
- दांतों की सफाई का खास ख्याल रखें
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